नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से पिछले साल आठ नवंबर को की गयी नोटबंदी का असर अब दिखाई देने लगा है़ सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 में आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने वालों की संख्या 25 प्रतिशत बढ़कर 2.82 करोड़ पर पहुंच गयी. आयकर विभाग का कहना है कि नोटबंदी के बाद ज्यादा लोग अब आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं, जिससे इनकी संख्या में इजाफा हुआ है.
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एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि व्यक्तिगत लोगों द्वारा आयकर रिटर्न दाखिल करने का आंकड़ा 5 अगस्त तक बढ़कर 2.79 करोड़ पर पहुंच गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में इस अवधि तक 2.22 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किये थे. इस तरह आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 25.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. बयान में कहा गया है कि नोटबंदी और स्वच्छ धन अभियान की वजह से आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है.
आंकड़ों के अनुसार, 5 अगस्त तक कुल दाखिल किये गये रिटर्न की संख्या इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 2.26 करोड़ से बढ़कर 2.82 करोड़ हो गयी. यह 24.7 प्रतिशत की वृद्धि है. इससे पिछले साल यह वृद्धि दर 9.9 प्रतिशत रही थी. व्यक्तिगत लोगों और एचयूएफ, जिनके खातों का ऑडिट करने की जरूरत नहीं है, के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 5 अगस्त थी.
इस मसले पर वित्त मंत्रालय का कहना है कि आईटीआर दाखिल करने की संख्या में इजाफे से पता चलता है कि नोटबंदी के बाद उल्लेखनीय संख्या में नये करदाताओं को कर के दायरे में लाया गया है. इसके अलावा, प्रत्यक्ष कर वसूली में भी नोटबंदी ने असर दिखाया है. वित्त वर्ष 2016-17 में अग्रिम कर वसूली में कुल 41.79 फीसदी का इजाफा हुआ है. ये सरकार के लिए एक अच्छी खबर है, क्योंकि इसके सरकारी खजाने में बढ़ोतरी हुई है. पिछले वित्त-वर्ष में अग्रिम कर की वसूली 34.25 फीसदी रही थी.
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