नयी दिल्लीः किसानों को कर्जमाफी का तोहफा देने वाले अथवा आंदोलन के बाद किसानों का ऋण माफ करने वाले राज्यों को वित्त मंत्री अरुण जेटली की आेर से करारा झटका दिया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को राज्यों से साफ तौर पर कह दिया है कि यदि राज्य किसानों के कर्ज को माफ करते हैं, तो केंद्र सरकार उनकी कोर्इ मदद नहीं करेगी. वित्त मंत्री जेटली ने कहा है कि किसानों के कर्जमाफी के लिए राज्यों को अपने संसाधनों से ही धनराशि का जुगाड़ करना होगा.
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गौरतलब है कि महाराष्ट सरकार की आेर से रविवार को कृषि ऋण माफी की घोषणा के मद्देनजर केंद्र सरकार का यह रुख महत्वपूर्ण है. कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में कर्ज से राहत की मांग को लेकर राज्य में कुछ जगह लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किये. उत्तर प्रदेश देश का पहला एेसा राज्य है, जिसने इस साल छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए 36,359 करोड़ रुपये के कर्ज माफी की घोषणा की.महाराष्ट्र सरकार की कर्ज माफी की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने यह साफ किया कि केंद्र के राजकोषीय खजाने से कोई वित्तीय मदद नहीं दी जायेगी.
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि मैंने पहले ही यह साफ कर दिया है कि जो राज्य इस प्रकार की योजना (कृषि कर्ज माफी) चाहते हैं, उन्हें अपने संसाधन से इसकी व्यवस्था करनी होगी. इसके आगे केंद्र सरकार को इस बारे में कुछ नहीं कहना है. रिजर्व बैंक के गवर्नर उजर्टि पटेल पहले ही यह आगाह कर चुके हैं कि अगर राज्य इसी प्रकार का कदम उठाते रहें, तो राजकोषीय स्थिति बिगड़ सकती है.
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