मुंबई: रिलायंस कम्युनिकेशंस की आेर से अभी दो दिन पहले ही दूरसंचार क्षेत्र में नकदी के ताजा संकट को लेकर जारी की गयी आशंकाआें के बीच वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को उसे निर्मूल बताया है. रेटिंग एजेंसी ने मंगलवार को कहा है कि दूरसंचार क्षेत्र के नकदी संकट से फिलहाल बैंकिंग सेक्टर को कोर्इ खतरा नहीं है. इसका कारण यह है कि देश के बैंकों ने इस क्षेत्र को बहुत अधिक कर्ज नहीं दिया है. हालांकि, जितने भी कर्ज दिये गये हैं, उसके डिफॉल्ट से बैंकों की वित्तीय स्थिति प्रभावित हो सकती है.
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रेटिंग एजेंसी के एक नोट में कहा गया है कि संकट में फंसी दूरसंचार कंपनियों को भारतीय बैंकों का कर्ज इतना अधिक नहीं है कि इससे प्रणालीगत जोखिम की स्थिति पैदा हो, लेकिन किसी तरह के डिफॉल्ट से बैंकों की समस्या बढ़ सकती और उनका बहीखाता कमजोर हो सकता है. रिजर्व बैंक के अनुसार दूरसंचार कंपनियों पर बैंकों का बकाया कर्ज 91,300 करोड़ रुपये या 14 अरब डॉलर है. यह कुल बैंक ऋण का 1.4 प्रतिशत है.
अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस पर बैंकों का 45,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और वह इसे चुकाने के लिए संघर्ष कर रही है. फिच ने कहा कि देश की दूरसंचार कंपनियों की ऋण पृष्ठभूमि पिछले साल रिलायंस जियो के प्रवेश तथा 4जी सेवाआें के लिए नेटवर्क पर निवेश की वजह से प्रभावित हुई है. फिच ने कहा कि कुछ कंपनियों को अपना कर्ज चुकाने में दिक्कत आ सकती है और हमने इस क्षेत्र के लिए नकारात्मक परिदृश्य रखा है.
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