मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में शुक्रवार से शुरू हो रही स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा का परचा लीक होने की चर्चा है. पहली पाली में वाणिज्य के पांचवें पेपर की परीक्षा होनी है, लेकिन परीक्षा से एक दिन पूर्व ही प्रश्न पत्र की कॉपी बाजार में बिक रही थी, जिसका धडल्ले से फोटो स्टेट हो रहा था, जो पांच सौ से एक हजार रुपये प्रति कॉपी के हिसाब सें बिक रहा था.
इससे दुकानदारों ने जम कर कमाई की. हालांकि प्रश्न पत्र असली है या नकली इसका पता शुक्रवार को तब चलेगा, जब परीक्षा शुरू होगी. क्योंकि विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार ने परचा लीक होने से इनकार किया है.
इधर, देर शाम तक प्रशन पत्र लीक होने की बात पूरे विवि में फैल गयी. कर्मचारियों ने तत्काल इसकी सूचना परीक्षा नियंत्रक को दी, जो मोतिहारी स्थित अपने आवास पर थे. सूचना मिलने के बाद देर रात परीक्षा नियंत्रक मुजफ्फरपुर लौट आये. वे रात के समय ही विवि पहुंचे. उन्होंने परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने की आशंका को गलत बताया. वहीं, विवि में वाणिज्य के साथ-साथ सोमवार को होने वाली भूगोल व हिंदी की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह भी उड़ती रही.
2010 में भी लीक हुआ था परचा
2010 में भी स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा में वाणिज्य का पेपर लीक हुआ था. खुलासा एमपीएस साइंस कॉलेज केंद्र पर हुआ. दर्जनों छात्रों के पास परीक्षा से पूर्व ही प्रश्न पत्र की प्रति पायी गयी. सूचना पर खुद केंद्राधीक्षक डॉ अबुजर कमालुद्दीन ने मामले की जांच की. छात्रों के पास उपलब्ध प्रश्न पत्र को असली प्रश्न पत्र से मिलाया गया. तब करीब 80 प्रतिशत प्रश्न का मिलान हुआ था. हंगामे की आशंका से तत्काल परीक्षा तो नहीं रद्द की गयी, पर परीक्षा के बाद देर शाम तत्कालीन प्रतिकुलपति डॉ नंद कुमार यादव इंदू ने वाणिज्य की परीक्षा स्थगित कर दी थी.
उठेंगे सुरक्षा पर सवाल
यदि पार्ट थर्ड की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने की आशंका सच साबित होती है, तो विवि प्रशासन पर बड़ा सवाल खड़ा हो जायेगा. स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा करीब सात महीने देर से हो रही है. प्रश्न पत्र की छपाई मुख्यालय से बाहर करवायी गयी है. दस दिन पूर्व सभी प्रश्न पत्र विवि पहुंचे हैं. शुक्रवार को होने वाली परीक्षा के प्रश्न पत्र बुधवार से मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण व वैशाली जिलों में स्थित केंद्रों के केंद्राधीक्षक के पास भेजे जाने का सिलसिला शुरू हुआ. खुद परीक्षा विभाग के कर्मी ही प्रश्न पत्र लेकर संबंधित केंद्रों पर गये, जिसकी मॉनिटरिंग खुद परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार कर रहे थे.
प्रश्न पत्र लीक होने की बात पूरी तरह अफवाह है. दस दिन पूर्व यह छप कर आया था. मेरी देख-रेख में था. एक दिन पूर्व केंद्राधीक्षकों को प्रश्न पत्र सौंपा गया है. बावजूद यदि लीक होने की अफवाह सच साबित हुई तो मामले की जांच की जायेगी. दोषी को किसी कीमत पर नहीं बख्शा जायेगा. परीक्षा भी रद्द की जा सकती है.
डॉ पंकज कुमार, परीक्षा नियंत्रक