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सुमित्रा कारवा ने डुवार्स में रचायी शादी, बाद में गुपचुप तरीके से माकपा का थामा दामन
सिलीगुड़ी. नक्सलबाड़ी तृणमूल पंचायत सदस्य अपहरण मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है. अपने जिस पंचायत सदस्य को तृणमूल अपहृत बता रही थी, उसी ने गुपचुप तरीके से पहले शादी रचायी और बाद में माकपा का दामन थाम लिया है. इससे यह भी साफ हो गया कि तृणमूल पंचायत सदस्य का अपहरण हुआ ही […]
सिलीगुड़ी. नक्सलबाड़ी तृणमूल पंचायत सदस्य अपहरण मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है. अपने जिस पंचायत सदस्य को तृणमूल अपहृत बता रही थी, उसी ने गुपचुप तरीके से पहले शादी रचायी और बाद में माकपा का दामन थाम लिया है. इससे यह भी साफ हो गया कि तृणमूल पंचायत सदस्य का अपहरण हुआ ही नहीं. इस खुलासे में तृणमूल खेमे में खलबली मची हुई है.अपने पंचायत सदस्य के माकपा में शामिल होने की बात अभी भी तृणमूल स्वीकार नहीं कर पा रही है. दूसरी ओर माकपा इस जीत से काफी खुश है.
सिलीगुड़ी महकमा परिषद बोर्ड पर कब्जा करने का ख्वाब तृणमूल देख रही है. वहीं नक्सलबाड़ी ग्राम पंचायत की तृणमूल पंचायत सदस्य सुमित्रा कारवा ने माकपा का दामन थाम लिया है. हालांकि पाला बदलने की भनक तक किसी को नहीं लगी. पिछले महकमा परिषद चुनाव में सुमित्रा कारवा तृणमूल के टिकट पर नक्सबाड़ी ग्राम पंचायत से विजयी हुई.
कुछ दिन पहले तृणमूल पंचायत सदस्य सुमित्रा कारवा अचानक लापता हो गयी. तृणमूल ने माकपा पर सुमित्रा का अपहरण करने का आरोप लगाया. तृणमूल ने नक्सलबाड़ी थाने में कई माकपा समर्थकों के खिलाफ अपहरण का मामला भी दर्ज कराया. दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस ने दो माकपा समर्थकों को गिरफ्तार भी किया था, जो अभी भी जेल में हैं. लेकिन इधर कहानी कुछ और ही थी.
बीते 22 जून को तृणमूल की लापता पंचायत सदस्य सुमित्रा कारवा ने डुवार्स के मालबाजार स्थित सोनगाछी चाय बागान निवासी प्रेमजीत कारवा के साथ शादी रचा ली. सुमित्रा के विवाह करने का मामला सामने आते ही माकपा नेता अशोक भट्टाचार्य व जीवेश सरकार ने तृणमूल को आड़े हाथों लिया. साथ ही तृणमूल के इशारे पर माकपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने का आरोप पुलिस पर लगाया.
सुमित्रा कारवा के माकपा में शामिल होने के खबर फैलते ही दार्जिलिंग जिला तृणमूल में खलबली मच गयी. यह खबर प्रदेश तृणमूल के कानों तक भी पहुंच चुकी है. इस संबंध में सिलीगुड़ी महकमा परिषद के विरोधी दल नेता काजल घोष ने बताया कि सुमित्रा कारवा को जबरदस्ती माकपा में शामिल कराया गया है. यदि सुमित्रा स्वेच्छा माकपा में गयी तो सबके सामने उसने माकपा का झंडा क्यों नहीं थामा . इ
स संबंध में सिलीगुड़ी के माकपा विधायक व माकपा के वरिष्ठ नेता अशोक भट्टाचार्य ने बताया कि नक्सलबाड़ी ग्राम पंचायत की पंचायत सदस्य सुमित्रा कारवा स्वेच्छा से तृणमूल छोड़कर माकपा में शामिल हुई है. इससे पहले तृणमूल ने माकपा के चार विजयी सदस्यों को फोड़ कर तृणमूल में शामिल कराया था. आज तृणमूल के एक सदस्य ने माकपा का दामन थामा है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि तृणमूल के और भी तीन सदस्य माकपा में शामिल होने जा रहे हैं.
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