सिम्फेरोपोल (यूक्रेन) : यूक्रेन ने चेतावनी दी कि रुस के साथ उसका संघर्ष सैन्य स्तर में पहुंच गया है और उसने अपने सैनिकों को आत्मरक्षा में गोली चलाने की इजाजत दी है. के्रमलीन समर्थक बलों द्वारा करीब तीन हफ्ते पहले क्रीमिया पर कब्जा किए जाने के बाद से अपने पहले सैनिक के मारे जाने के बाद यूक्रेन ने यह कदम उठाया है.
रविवार को हुए जनमत संग्रह के मद्देनजर क्रीमिया क्षेत्र को रुस में शामिल करने संबंधी संधि पर रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह नाटकीय घटनाक्रम हुआ है. पश्चिम देश समर्थित यूक्रेन के प्रधानमंत्री आर्सेनी यात्सेनयुक ने कीव में सरकार की एक अत्यावश्यक बैठक बुलाई.
उन्होंने 4. 6 करोड लोगों में प्रसारित किए गए अपने बयान में कहा कि संघर्ष राजनीतिक स्तर से सैन्य स्तर में पहुंच गया है. रुसी सैनिकों ने यूक्रेनी सेना के कर्मियों पर गोलीबारी शुरु कर दी है.
उधर, मास्को से प्राप्त एपी के खबर के मुताबिक पुतिन ने कहा है कि संधि पर हस्ताक्षर करने का यह कदम अतीत के अन्याय का खात्मा और रुस के महत्वपूर्ण हितों पर पश्चिमी जगत के अतिक्रमण का जवाब है.
क्रेमलिन से प्रसारित 40 मिनटों के भावनात्मक संबोधन में पुतिन ने कहा, ह्यलोगों के दिल और दिमाग में क्रीमिया हमेशा से रुस का अभिन्न हिस्सा रहा है. उन्होंने बीते रविवार को क्रीमिया में हुए जनमत संग्रह की पश्चिम देशों द्वारा की गई निंदा को खारिज कर दिया. इस जनमत संग्रह में क्रीमिया के लोगों ने रुस में शामिल होने का फैसला किया.
पुतिन ने इसके साथ यह स्पष्ट किया कि रुस का यूक्रेन के दूसरे हिस्सों में दखल देने का कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा, हम यूक्रेन का विभाजन नहीं चाहते. हमें इसकी जरुरत नहीं है. रुसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन की नई सरकार और पश्चिम को चेतावनी दी कि वे रुस के हितों का सम्मान करें.
उधर, यूक्रेन की नई सरकार ने पुतिन को पूरी दुनिया के लिए खतरा करार दिया और अमेरिकी उप राष्ट्र जो बायडन ने चेतावनी दी कि अमेरिका एवं यूरोप मॉस्को के खिलाफ आगे भी प्रतिबंध लगाएंगे. बायडन ने पोलैंड में यूरोपीय नेताओं के साथ बैठक में कहा, दुनिया ने रुस की कार्रवाई को देखा और उसके गलत तर्क को खारिज किया है.
पिछले माह यूक्रेन के मास्को समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानूकोविच को हटाए जाने के बाद क्रीमिया में रुस-समर्थक सेनाओं की मौजूदगी की दुनिया भर में निंदा हुई. अमेरिका और यूरोपीय संघ ने कल कुछ रुसी अधिकारियों के खिलाफ शुरुआती प्रतिबंध लगा दिए.
क्रीमिया को रुस में शामिल करने की प्रक्रिया को उचित ठहराने के लिए पुतिन ने सप्ताहांत पर इस क्षेत्र में हुए जनमत संग्रह को आधार बनाया है. इसमें लगभग 97 प्रतिशत लोगों ने यूक्रेन से अलग होकर रुस का हिस्सा बनने के पक्ष में मतदान किया था.
इस कदम को रुस के भीतर ही भारी समर्थन मिला है. कई हजार लोगों द्वारा पुतिन के भाषण के बाद मध्य मास्को में वी आर टुगेदर (हम साथ-साथ हैं) नारे के साथ रैली करने की संभावना है.
रुस में क्रीमिया लंबे समय से छाया हुआ है. 18वीं सदी के अंत से यह प्रायद्वीप रुसी नौसेनाओं का आधार शिविर रहा है. 1954 में सोवियत नेता निकिता ख्रुश्चेव के समय यह यूक्रेन का हिस्सा बना था.