न्यूयॉर्क/कुआलालंपुर:चौदह मुल्कों की एजेंसियां, 43 जहाज, 58 एयरक्रॉफ्ट और उनके 25,000 से अधिक स्वयंसेवक आठवें दिन भी मलयेशियन एयरलाइंस के लापता विमान एमएच370 का पता लगाने में नाकाम रहे. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को अभियान में मदद कर रही है. नासा को उम्मीद है कि अर्थ ऑब्जर्विग-1 (ईओ-1) सैटेलाइट और आइएसइआरवी कैमरों से मिलनेवाली तसवीरों से विमान का पता लगाया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र से मिली इन तसवीरों को 30 मीटर तक बड़ा किया जा सकता है. नासा सारी जानकारी यूएस जियोलॉजिकल सर्वेज अर्थ रिसोर्सेज ऑब्जर्वेशंस एंड साइंस हाजार्ड डाटा डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को उपलब्ध करायेगा, ताकि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से इसे साझा कर सके.
जानबूझकर बंद की गयी संचार प्रणाली
विमान की तलाश में लगे मलयेशियाई जांचकर्ताओं को संदेह है कि विमान की संचार प्रणाली जानबूझकर बंद की गयी थी तथा विमान के तय मार्ग से मुड़ने से पहले उसके ट्रांसपांडर को बंद कर दिया गया था और उसके बाद विमान सात घंटे से अधिक समय तक उड़ता रहा. 239 लोगों के साथ मलयेशिया एयरलाइंस के विमान के गत शनिवार को लापता होने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आये मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक यह कहते कहते रुक गये कि यह एक अपहरण है. उन्होंने कहा, ‘हम यह पता लगाने के लिए सभी संभावनाओं की जांच कर रहे हैं कि विमान किस कारण से अपने तय मार्ग से मुड़ा. नजीब के इस बयान से लापता विमान के बारे में इस अटकल की पुष्टि हुई है कि यह किसी दुर्घटना का शिकार नहीं हुआ था, क्योंकि जांच के दायरे में अब विमान के चालक दल के सदस्य और उसके यात्री आयेंगे.
जांच का दायरा बढ़ा नाजीब ने कहा, अधिकारी अब दो संभावित कॉरिडोर्स-कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान की सीमा के उत्तर में और इंडोनेशिया से दक्षिणी हिंद महासागर तक दक्षिणी कॉरिडोर में विमान का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. नजीब ने कहा कि विमान जब मलयेशिया और वियतनाम के हवाई नियंत्रण कक्ष की सीमा के बीच पहुंचा तो इसके तुरंत बाद इसके ट्रांसपांडर बंद कर दिये गये. उन्होंने कहा, ‘रडार आंकड़े से पता चला कि इस बिंदु से आगे एक विमान जिसे एमएच370 माना जाता है वापस मुड़ा और उत्तर पश्चिम की ओर मुड़ने से पहले पश्चिमी दिशा की तरफ मुड़ा.’ उन्होंने कहा, ‘यह विमान में मौजूद किसी व्यक्ति की जानबूझकर की गयी कार्रवाई थी.’ उन्होंने कहा, ‘अंतिम उपग्रह संचार 8 मार्च को सुबह 8 बजकर 11 मिनट (स्थानीय समयानुसार) पर हुआ.’ नजीब ने कहा कि संपर्क खो देने के बाद साढ़े सात घंटे तक विमान हवा में रहा. विमान कुआलालंपुर से अपराह्न् 12 बजकर 41 मिनट पर बीजिंग रवाना हुआ था और बाद में इसका असैन्य रडार से संपर्क टूट गया.