संयुक्त राष्ट्र : यूक्रेन मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों की बंद कमरे में एक बार फिर बैठक हुई. यूक्रेन के आग्रह पर इस अनौपचारिक बैठक का कल आयोजन किया गया था जिसमें संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि राष्ट्र उपस्थित थे. ब्रिटिश राजदूत मार्क लिऑल ग्रांट ने बताया कि बैठक का उद्देश्य यूक्रेन को उसके यहां हो रहे घटनाक्रम पर अपनी चिंताएं जाहिर करने के लिए एक मौका देना था। यह चिंताएं यूक्रेन विकास और विशेषकर रविवार को होने वाले जनमत संग्रह के बारे में थीं. दस दिनों के अंदर इस पैनल की यह पांचवी बैठक थी.
क्रीमिया प्राय:द्वीप को लेकर रुसी समर्थक संसद ने एक जनमत संग्रह की बात कही है जिसमें यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि क्या वे :क्रीमियावासी: यूक्रेन से अलग हो रुस के साथ आना चाहते हैं. कीव और पश्चिमी देश इस जनमत संग्रह को गैरकानूनी मान रहे हैं. फ्रांसीसी राजदूत गेरार्ड आरॉड ने कहा कि सुरक्षा परिषद को चाहिए कि वह रुसियों को अवश्य ही यह संदेश दे कि वह अपनी सीमा में रहें अन्यथा इसके बाद उन्हें बहुत गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.उन्होंने कहा, ‘‘रुस के लिए यही संदेश है ‘कोई जनमत संग्रह नहीं, आपको यूक्रेन के संविधान और वार्ता का सम्मान करना होगा.’’ सुरक्षा परिषद अब तक इस संकट पर एक आम दृष्टिकोण बनाने में असफल रहा है. मॉस्को सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य है और वह परिषद के किसी भी निर्णय को अपने वीटो के अधिकार से रद्द करने में भी सक्षम है.