सिमफेरोपोल : शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से पूर्व और पश्चिम के बीच के सबसे बड़े संकट के रुप में देखे जा रहे यूक्रेन के हालात पर स्थिति गंभीर होती जा रही है. रुस द्वारा यूक्रेन को महत्वपूर्ण गैस आपूर्ति बंद किए जाने की धमकियों के बाद तनावग्रस्त पूर्वी दोनस्तक शहर में नए सिरे से रुस समर्थक प्रदर्शनों की तैयारी हो रही है.
यूक्रेन के इस नए कदम से पश्चिम के साथ संबंधों में और तनाव आने की आशंका पैदा हो गयी है.राष्ट्रपति विक्तोर यानुकोविच को सत्ता से बेदखल किए जाने वाले प्रदर्शनों के बाद यूक्रेन के संकट का केंद्र बिंदु बने दोनस्तक शहर में, क्रीमियाई प्रायद्वीप के लिए प्रस्तावित विभाजन संबंधी रायशुमारी जैसे जनमत संग्रह की मांग को लेकर कार्यकर्ताओं द्वारा बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए जाने की संभावना है.
व्यापक स्तर पर रुसी भाषा भाषी दक्षिण पूर्वी शहर में रुस समर्थक प्रदर्शनों की यह नई कवायद रुस की एक दिन पहले दी गयी धमकी के बाद सामने आयी है. रुस ने कल धमकी दी थी कि वह क्रीमिया पर कथित रुप से मनमाने तरीके से किए गए कब्जे की कार्रवाई की सजा देने के लिए पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद यूक्रेन को गैस आपूर्ति बंद कर देगा.
रुस की सरकारी उर्जा कंपनी गैजप्रोम द्वारा दी गयी चेतावनी अन्य देशों को भी गैस आपूर्ति को बाधित कर सकती है. लेकिन इस चेतावनी ने रुस और यूक्रेन के बीच पिछले गैस विवादों को ताजा कर दिया है जिसने वर्ष 2005 06 और फिर से 2009 में यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्थाओं को हिला कर रख दिया था.
गैजप्रोम का कहना है कि उसने बिलों का भुगतान नहीं होने के कारण यह कदम उठाया है लेकिन यूरोपीय संघ द्वारा यह धमकी दिए जाने के बाद कि वह मास्को के खिलाफ प्रतिबंधों को कड़ा कर सकता है , गैस कंपनी की चेतावनी संकट को सुलझाने की क्रेमलिन की प्रतिबद्धता को कमतर करती है. क्रीमिया में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है जहां कल यूक्रेन के विदेश मंत्रलय ने एक बयान में कहा था कि अज्ञात आतंकवादी वायुसेना अड्डे के भीतर घुस आए.
हालांकि इसमें किसी प्रकार की गोलीबारी नहीं हुई.यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संबंधी संगठन : ओएससीई : के विदेशी पर्यवेक्षकों के एक काफिले को क्रीमिया में एक चौकी पर रोक दिया गया था जिसकी सुरक्षा क्रेमलिन समर्थक बंदूकधारियों के हाथों में थी.
रुस के विदेश मंत्रलय ने ओएससीई पर ब्लैक सी प्रायद्वीप में घुसने का प्रयास करने का आरोप लगाया है और वह भी रुसी पक्ष की राय और सिफारिश जाने बिना.
ओएससीई पर्यवेक्षक मिशन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के संकट को सुलझाने के प्रयासों का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस संकट ने यूक्रेन के बंटवारे की आशंका बढ़ा दी है. चार करोड़ 60 लाख की आबादी वाला पूर्व सोवियत राज्य यूक्रेन रुस और यूरोपीय संघ के बीच पिस रहा है.