कोलंबो : श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे ने लिट्टे के खिलाफ श्रीलंकाई सेना के अभियान के बाद सुलह-सफाई की आलोचना के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में एक प्रस्ताव पेश करने के अमेरिका के फैसले की यह कहते हुए आलोचना की कि इससे मुश्किल से हासिल देश की शांति कमजोर होगी.
राजक्षे ने केगाले में आजादी की 66वीं सालगिरह से संबंधित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम अपने खिलाफ युद्धअपराध के आरोप बुलंद करने के प्रयासों को गंभीर अपराध मानते हैं.’’अमेरिका ने कहा है कि वह मानवाधिकार जवाबदेही और सुलह सफाई की धीमी रफ्तार पर श्रीलंका के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश करेगा। इस तरह, उसने युद्धअपराध आरोपों को दूर करने के लिए श्रीलंका पर नया दबाव डाला है.
संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही श्रीलंका से 2009 में समाप्त लिट्टे के खिलाफ गृहयुद्ध में यातनाओं के लिए जवाबदेह सैन्यकर्मियों को सजा देने के लिए कह चुका है.