माले : मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद स्पष्ट विजेता के तौर पर उभरे हैं. नशीद को 45 प्रतिशत मत मिले हैं जो कि पूर्ण बहुमत से कुछ कम है इसके चलते अब उन्हें 28 सितम्बर को दूसरे चरण के मतदान का सामना करना होगा. इससे देश में राजनीतिक अनिश्चितता का दौर और लंबा खिंच गया.
निर्वाचन आयोग ने रात भर चली मतगणना के बाद आज सुबह चुनाव परिणाम घोषित किए. आयोग ने नशीद को मालदीव का पहला लोकतांत्रिक रुप से निर्वाचित राष्ट्रपति घोषित किया. पहले चरण में 95,224 मतों के साथ नशीद स्पष्ट विजेता रहे.
46 वर्षीय नशीद के बाद पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गयूम के भाई अब्दुल्ला यमीन का स्थान है जिनको 25.35 प्रतिशत मत (53,099) मिले. अन्य प्रत्याशियों में गासिम इब्राहिम को 24.07 प्रतिशत (50,422) और निवर्तमान राष्ट्रपति वहीद हसन को 5.13 प्रतिशत मत (10,750) मिले. चुनावों में 88 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ.
निर्वाचन आयोग के अध्यक्ष फवाद तौफीक ने कहा, ‘‘यह प्रारंभिक नतीजे हैं. हमें दो दिनों में कई द्वीपों से मतपत्र मिल जाएंगे और अगर जरुरत पड़ी तो 14 सितंबर तक इसे सुधार लिया जाएगा और इसके बाद अंतिम परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे. लेकिन इन सुधारों का नतीजों पर बड़ा प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है.’’ भारत के मालदीव के साथ नजदीकी सबंध हैं. भारत का मानना है कि मालदीव में बहुदलीय लोकतंत्र प्रारंभिक अवस्था में है और इसे अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए समय दिया जाना चाहिए.
कुछ मतदान केंद्रों पर कथित गड़बड़ियों की खबरों पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसे शिकायतें मिली हैं लेकिन उसने मतपत्रों की दोबारा गिनती को लेकर कोई फैसला नहीं किया है.
तौफीक ने कहा कि अगर कोई पार्टी अदालत में जाती है और वहां से फैसला होता है तो वह सभी दलों के प्रतिनिधियों के सामने मतों की दोबारा गिनती करने को तैयार होंगे लेकिन उसने अभी किसी भी मतदान केंद्र पर पुनर्मतगणना का निर्णय नहीं किया है.
मोहम्मद अब्दुल गयूम के तीन दशक के लंबे शासन के बाद 2008 में मालदीव में पहली बार बहुदलीय स्वतंत्र चुनाव हुए जिसमें नशीद को जीत मिली. एक न्यायाधीश की गिरफ्तारी के मामले को लेकर विपक्षी दलों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों में सुरक्षा बलों के शामिल होने के बाद नशीद को चार साल में ही इस्तीफा देना पड़ा. नशीद के हटने के बाद तत्कालीन उपराष्ट्रपति मोहम्मद वहीद को राष्ट्रपति बनाया गया.
इस बहुदलीय लोकतंत्र के घटनाक्रमों पर 2229 से अधिक स्थानीय पर्यवेक्षक, 102 अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक, राजनीतिक दलों के 1343 प्रतिनिधि, 1642 स्थानीय और 225 अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों की करीबी निगाहें टिकी हैं.