सेंट पीटर्सबर्ग: जी-20 शिखर सम्मेलन ने आज भ्रष्टाचार की बुराई से निपटने के लिए सूचनाओं के आदान प्रदान तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई.
जी-20 नेताओं के घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हम जी-20 के सदस्य देशों में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए सहयोग बढ़ाने के लिए ढांचे को मजबूत करेंगे.’‘ इसमें कहा गया है, ‘‘हमने राष्ट्रीय कानून और नियमन के तहत अपने देश में भ्रष्ट अधिकारियों या जो उन्हें भ्रष्ट कर सकते हैं, के प्रवेश को रोकने को सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए जी-20 नेटवर्क स्थापित किया है.’‘
भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की जांच या मुकदमा चलाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने तथा भ्रष्टाचार की राशि की वसूली के लिए 20 विकसित तथा विकासशील देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने आपसी कानूनी सहयोग पर उच्च स्तर के सिद्धान्तों को स्वीकार किया.इसमें इस बात को भी माना गया है कि भ्रष्टाचार से टिकाउ आर्थिक वृद्धि तथा गरीबी उन्मूलन के प्रयास प्रभावित होते हैं. घोषणापत्र में कहा गया है कि इससे वित्तीय स्थिरता और कुल मिलाकर पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार से नुकसान होता है, जनता का भरोसा टूटता है और संसाधनों के बंटवारे में गड़बड़ी होती है तथा कानून की अनदेखी होती है.जी-20 नेताओं ने इस संकल्प को दोहराया है कि वे देश–विदेश में रिश्वतखोरी और सिफारिश को खत्म करने के लिए दिशानिर्देशों को लागू करेंगे. ये दिशानिर्देश बाध्यकारी नहीं हैं.