नयी दिल्लीः युक्रेन के युद्ध प्रभावित क्षेत्र से मलेशियाई एयरलाइंस का बोइंग-777 विमान एमएच 17 एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रहा था. अचानक इस विमान को रॉकेट से मार गिराया गया. विमान में 283 यात्री और 15 चालक दल के सदस्य मौजूद थे. इस घटना में लगभग 298 लोगों के मारे जाने की खबर है. विमान का मलबा लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. मृतकों के शवों को पहचानना में काफी मुश्किल हो रहा है.
इस विमान में नीदरलैंड्स के 154, ऑस्ट्रेलिया के 27, मलयेशिया के 23 और इंडोनेशिया के 11 लोग थे. यात्रियों में 6 ब्रिटेन, 4-4 जर्मनी व बेल्जियम, 3 फिलीपीन और एक कनाडा का नागरिक था. मिली जानकारी के मुताबिक करीब 33,000 फीट ऊपर उड़ान भर रहा यह विमान भारतीय समयानुसार करीब आठ बजकर 45 मिनट पर अचानक राडार से गायब हो गया.
इस घटना के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने पूरे हादसे की जांच की घोषणा कर दी है. एक टीम घटनास्थल पर जाकर इस पूरे घटना की जांच करेगी और सच सामने लाने का प्रयास करेगी की इस दुर्घटना का असल कारण क्या है. नजीब के मुताबिक, हालांकि यूक्रेन प्रशासन का मानना है कि विमान को मार गिराया गया है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है. उन्होंने सेपांग में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अगर इस बात की पुष्टि हो गई कि विमान गिराया गया है, तो इसके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
यूक्रेन ने जारी किया ऑडियो
यूक्रेन की जांच एजेंसी ने मलेशियाई विमान हादसे पर एक ऑडियो टेप जारी किया है. इस टेप में अलगाववादी की आवाज रिकार्ड की गयी है जिसमें मलेशियाई विमान के हादसे पर बातचीत की गयी है. यूक्रेन की जांच एजेंसी को एसबीयू के नाम से भी जाना जाता है. इस रिकार्डेड ऑडियो के एक भाग को जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि अभी- अभी एक प्लेन को मार गिराया गया है. इसके दूसरे पार्ट में जो आवाज रिकार्ड की गयी है उसमें कहा गया है कि प्लेन दो भागों में टूट गया है. और यह प्लेन पूरी तरह से पसेंजर प्लेन है. यूक्रेन की जांच एजेंसी मुख्य रुप से इस हादसे के लिए अलगाववादियों को जिम्मेदार ठहरा रही है. जबकि अलगाववादियों ने अपनी ओर जारी बयान मे कहा है कि इस घटना के पीछे उनका हाथ नहीं है.
https://www.youtube.com/watch?v=uk9aNsTmoWM
रुस ने दी सफाई
रुस ने मलेशियाई विमान हादसे पर अपनी सफाई पेश करते हुए यूक्रेनपर आरोप लगाये. शुक्रवार को रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मलेशियाई विमान हादसे की जिम्मेदारी यूक्रेन को लेनी चाहिए. यह हादसा नहीं हुआ होता अगर यूक्रेनअलगाववादियों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल नहीं करता. अगर यूक्रेनमें शांति बहाल होती और सबकुछ समान्य होता तो इतना बड़ा हादसा नहीं हुआ होता. इसलिए बिना संदेह के मलेशियाई यात्री विमान के हादसे के लिए यूक्रेन को जिम्मेदारी लेनी चाहिए
क्या कहते हैं ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट ने मलेशिय़ाई विमान हादसे के लिए रुस को जिम्मेदार ठहराया है. टोनी ने कहा अगर रुस यूक्रेनमें अलगाववादियों को समर्थन नहीं करता तो यह घटना नहीं होती. रुस ने वहां अलगाववादियों को समर्थन दिया. उन्हें बढ़ावा दिया जिसके कारण आज उन्होंने इतनी बढ़ी घटना को अंजाम दिया है.
ओबामा करेंगे पुतिन से बात
इस घटना के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत करेंगे. इस बातचीत में ओबामा इस घटना के पीछे के मुख्य कारणों को समझने की कोशिश करेंगे. यूक्रेनमें अलगाववादियों के समर्थन में रुस के हाथ होने की बात कहीं जाती है. रुस अपनी ताकत और मजबूत करने के लिए कई देशों से अच्छे संबंध बनाने की कोशिश कर रहा है. अपने कुनबे को बढ़ाने के लिए अमेरिका से दूर हो चुके देशों से नजदीकी बढ़ा रहा है. ओबामा और पुतिन की बातचीत के बाद इस मामले में दोनों दिग्गज नेताओं का बयान आ सकता है.
भारत की टिप्पणी
मलेशियाई विमान हादसे के बाद भारत ने शोक व्यक्त किया है. भारत ने मारे गये यात्रियों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र के फ्लाइट रूट में बदलाव किया गया. मोदी की फ्लाइट ने हादसे के दो घंटे बाद जर्मनी के फ्रैंकफर्ट से उड़ान भरी. एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अगर यह हादसा नहीं होता तो ऐसी स्थिति में पीएम का प्लेन इसी हवाई रूट से गुजरता. भारत के कई नेताओं ने इस हादसे की निंदा की और देषियों को सजा देने की मांग की है.