काहिरा : मिस्र की एक अदालत ने आतंकवाद से जुडे मामलों में समाचार चैनल अल-जजीरा के तीन पत्रकारों को दोषी करार देते हुए सात-सात साल की सजा सुनाई है. इस फैसले से पत्रकारों के परिवार सकते में हैं और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात करार दिया है. मिस्र के राष्ट्रपति पर अंतरराष्ट्रीय दबाव है कि तीनों पत्रकारों को माफ किया जाए.
ऑस्ट्रेलिया के पीटर ग्रेस्ते, मिस्र के पत्रकार बशर मोहम्मद और मिस्र-कनाडा के मोहम्मद फहमी दोनों को सात-सात वर्ष कारावास की सजा सुनायी गयी है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पांच महीने की सुनवाई को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि मिस्र में मीडिया की आजादी के लिए काला दिन है. मीडिया समूहों ने इस सुनवाई को राजनीतिक बताया है. उनका कहना है कि कतर के अल-जजीरा नेटवर्क और मिस्र की सरकार के बीच के टकराव का नतीजा है कि इनको सजा सुनाई गई है.