वाशिंगटन : हाल ही में उपग्रह से मिली तस्वीरों में उत्तर कोरिया के दो नए युद्धपोतों का पता चला है. देश की नौसेना को अब तक के सबसे बडे इन युद्धपोतों को बनाने में 25 साल का वक्त लगा. ये खबर एक वेबसाइट के हवाले से कही गई है.
38 नॉर्थ नाम के इस वेबसाइट ने कल बताया कि इन युद्धपोतों को इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि उसमें प्रत्येक पर एक हेलिकॉप्टर रखा जा सकता है और साथ ही यह दक्षिण कोरिया की पनडुब्बियों का सामना करने व मत्स्य पालन को सुरक्षा प्रदान करने में भी सक्षम होगा. दोनों पोत पनडुब्बी रॉकेट रोधी लॉन्चरों से सुसज्जित होंगे.
इन पोतों को व्यावसायिक उपग्रह से मिली तस्वीरों में देखा जा सकता है ,जो दिसंबर और जनवरी के दौरान ली गई थीं. इनमें से एक को नाम्पो समुद्री तट के शिपयार्ड पर रखा गया है और अन्य को नानजीन के उत्तर पश्चिम समुद्री तट के शिपयार्ड पर रखा गया है.
यह अभी साफ नहीं है कि ये लडाकू युद्धपोत अभी सेवा के लिए तैयार हैं या नहीं. यह वेबसाइट जोन्स हॉपकिंस स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज में अमेरिका-कोरिया इंस्टीट्यूट से जुडी है जो उपग्रह से ली जाने वाली तस्वीरों के विश्लेषण और उत्तर कोरिया की सेना के संबंध में विशेषज्ञ राय देता है.
वेबसाइट पर लिखा है कि उत्तर कोरिया अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंधों, औद्योगिक व आर्थिक स्थिरता के बावजूद पिछले कई दशकों से जहाजों और नौसेनिक लडाकू जहाजों के निर्माण में सक्षम है. वेबसाइट का विचार है कि हालांकि अभी भी इनके बेडों को संचालन योग्य बनाने और युद्धपोतों के एकीकरण में कई वर्षों का समय लगेगा.