बैंकॉक : थाईलैंड की प्रधानमत्री यिंगलक शिनावात्रा आज विवादास्पद चावल सब्सिडी योजना के संदर्भ में खुद पर लगे लापरवाही के आरोपों पर अपना बचाव करेंगी. इन आरोपों के साबित होने पर उन्हें पद छोडना पड सकता है और राजनीति से बाहर भी होना पड सकता है. बचाव की समयसीमा को आगे बढाने की यिंगलक की याचिका अस्वीकार होने के बाद आज उन्हें राष्ट्रीय भ्रष्टाचार-रोधी आयोग के समक्ष पेश होने के लिए सम्मन जारी किया गया है. उन्हें संसद के उपरी सदन में कुछ ही सप्ताहों के भीतर महाभियोग मतदान का सामना भी करना पड सकता है.
किसानों को उनकी फसलों के लिए बाजार मूल्य से ज्यादा धन देने वाली इस योजना के कारण उनके राजनीतिक विरोधियों में गुस्सा है. उन्होंने शिनावात्रा सरकार को गिराने के लिए कई माह तक बैंकॉक की सडकों पर विरोध प्रदर्शन किए. राजनीतिक विरोधियों का आरोप है कि इस सब्सिडी योजना के कारण थाईलैंड की वित्तीय स्थिति को भारी नुकसान हुआ है और कारण देश के चावल उत्पादक उद्योग को भारी क्षति पहुंची तथा भ्रष्टाचार में व्यापक वृद्धि हुई. और यह सब सिर्फ ग्रामीण मतदाओं को लुभाने के लिए किया गया. एनएसीसी ने यिंगलक के खिलाफ फरवरी में यह कहते हुए आरोप दायर किए थे कि उन्होंने सब्सिडी योजना पर चेतावनियों को नजरअंदाज किया.