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सभी वर्गो को साधने की कवायद

।। विनय तिवारी ।। आम चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब सभी दल चुनावी घोषणा पत्र जारी करने की तैयारी में हैं. प्रभात खबर ने सबसे पहले राजनीतिक दलों के ‘दावे और एजेंडे’ के तहत पूरी सीरीज चलायी. इसके बाद ‘चर्चा पीएम की’ सीरीज में मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार, राहुल गांधी […]

।। विनय तिवारी ।।

आम चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब सभी दल चुनावी घोषणा पत्र जारी करने की तैयारी में हैं. प्रभात खबर ने सबसे पहले राजनीतिक दलों के ‘दावे और एजेंडे’ के तहत पूरी सीरीज चलायी. इसके बाद ‘चर्चा पीएम की’ सीरीज में मुलायम सिंह यादव, नीतीश कुमार, राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक विश्‍लेषकों की टिप्पणियां आप तक पहुंचायी.

अब राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणा पत्र पर भी हम पूरी सीरीज ला रहे हैं. सबसे पहले गुरुवार को मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी किया. आज पढ़ें माकपा का चुनाव घोषणा पत्र..

नयी दिल्ली : कांग्रेस को खारिज करो, भाजपा को हराओ के मुख्य एजेंडे के साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्‍सवादी ने 16 वीं लोकसभा के लिए घोषणापत्र जारी कर दिया. इसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, युवा, किसानों के विकास के अलावा भ्रष्टाचार व महंगाई को रोकने की नीतियों का जिक्र किया गया है. विधानसभा व लोस में महिलाओं को 33% आरक्षण, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए विशेष कंपोनेंट प्लान बनाने के लिए केंद्रीय कानून की वकालत,अल्पसंख्यकों के लिए सब प्लान बने और सच्चर कमिटी की सिफारिशों को लागू करने पर विशेष ध्यान देने की बात घोषणापत्र में हैं.

युवाओं को राजेगार मुहैया कराने के लिए सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को तत्काल भरने के अलावा शिक्षा पर जीडीपी का 6 फीसदी व स्वास्थ्य पर जीडीपी का 5 फीसदी खर्च करने भी शामिल है. पार्टी ने महंगाई कम करने के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थो के फ्यूचर ट्रेडिंग पर रोक लगाने और पेट्रोलियम पदार्थो के कीमतों के निर्धारण को बाजार के हवाले करने की नीति को बदलने की बात कही है. घोषणापत्र में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए एक सशक्त सांप्रदयिक निरोध कानून बनाने की मांग की गयी है. गुजरात मॉडल की आलोचना करते हुए घोषणापत्र में एक वैकल्पिक आर्थिक नीति अपनाने की बात शामिल है.

साथ ही खाद्य सुरक्षा कानून को सार्वभौम बनाने की जरूरत है, जबकि मौजूदा कानून लक्ष्य पर आधारित है. पार्टी ने अमीरों पर कर लगाने, कॉरपोरेट लाभ में हिस्सेदारी, कर चारों पर कार्रवाई करने, काले धन, मनी लाउं¨ड्रग पर रोक और लक्जरी गुड्स पर अधिक कर से संसाधन जुटाने पर जोर दिया है. केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल पर जोर देते हुए पार्टी ने बाजार से राज्यों के उधार की हिस्सेदारी 50 फीसदी करने और केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर दिया है. घोषणापत्र में भूमि सुधार कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने और सीलिंग को लागू करने की बात भी शामिल है.

विदेश नीति के मामले में पार्टी ने पड़ोसी देशों से साथ बेहतर संबंध स्थापित करने और गुटनिरपेक्ष विदेश नीति अपनाने के साथ ही ब्रिक्स और आइबीएसए को मजबूत करने पर जोर दिया है. पार्टी ने गैर कांग्रेस और गैर भाजपा के इतर लोगों को एक वैकल्पिक गंठबंधन देने का भरोसा दिया है. घोषणापत्र में मौजूदा यूपीए सरकार की नीतियों को महंगाई, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को कारण बताया गया है.

घोषणापत्र जारी करते हुए माकपा महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि देश में धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक विकल्प को मजबूत करने के लिए वामदलों का मजबूत होना बेहद जरूरी है. देश को कांग्रेस और भाजपा के इतर एक वैकल्पिक राजनीति और नीति की जरूरत है. उन्होंने कहा कि 16 वीं लोकसभा की घोषणा होने के बाद से ही इस चुनाव को कुछ नेताओं के व्यक्तित्व के बीच होने की बात प्रचारित की जा रही है. ऐसा ज्वलंत मुद्दों और नीतियों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि माकपा के घोषणापत्र में महंगाई को कम करने, रोजगार के अवसर पैदा करने, बड़े घोटालों को रोकने, समाज के विभिन्न वर्गो के लोगों के जीवन में सुधार लाने यूपीए सरकार की नाकामियों का जिक्र है.

गौर से देखा जाये तो भाजपा की नीतियां भी कांग्रेस से अलग नहीं है. ऐसे में भाजपा विकल्प नहीं हो सकती है. भ्रष्टाचार के मामले में भाजपा के नेता भी पीछे नहीं है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री को जेल की हवा खानी पड़ी है. प्रकाश करात ने कहा कि इस चुनाव में माकपा अबतक की सर्वाधिक 100 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उम्मीद है कि पार्टी का प्रदर्शन सबसे बेहतर होगा.

घोषणापत्र की तुलनात्मक बातें

महंगाई

2009 : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी को कम करने के लिए करों के बोझ को कम करना. पेट्रो पदार्थो की कीमतों को बाजार के हवाले करने के नीति में बदलाव. सेज के निर्माण पर लगे रोक़.

2014 : पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी को कम करने के लिए करों के बोझ को कम करना. पेट्रो पदार्थो की कीमतों को बाजार के हवाले करने के नीति में बदलाव. भूमि सुधार कानून प्रभावी तरीके से हो लागू. सीलिंग एक्ट का हो कड़ाई से पालन.

सांप्रदायिकता :

2009 : देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिशों पर प्रभावी रोक के लिए उपाय.

2014 : सांप्रदायिक तनाव पहले से बढ़ा है. दंगा रोकने के लिए प्रभावी दंगा निरोधक कानून बने, लेकिन राज्यों के अधिकारों का हनन न हो. भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति से देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को खतरे को रोकना.

विदेश नीति

2009 : अमेरिका के साथ परमाणु समझौता देश की संप्रभुता के साथ समझौता है. मनमोहन सरकार की अमेरिका-इजरायल-भारत की तिकड़ी से विदेश नीति प्रभावित होगी.

2014 : भारत को गुटनिरपेक्ष विदेश नीति अपनाने की वकालत. पड़ोसी देशों के साथ बेहतर संबंध बनाने की पहल. विदेश मामले से संबंधी प्रमुख निर्णय के लिए संसद की मंजूरी जरूरी.

भ्रष्टाचार

2009 : सार्वजनिक संस्थाओं और जांच एजेंसियों के दुरूपयोग पर रोक. दल-बदल के लिए पैसे और प्रभाव को रोकने के उपाय.

2014 : काले धन और मनी लाउंडिंग और कर चोरी पर रोक के प्रभावी उपाय. मॉरिशस रुट पर कड़ी निगरानी.

शिक्षा-स्वास्थ्य

2009 : शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों के निजीकरण पर लगे रोक़.

2014 : शिक्षा पर जीडीपी का 6 फीसदी और स्वास्थ्य पर जीडीपी का 5 फीसदी खर्च करने का वादा.

जरूरी मुद्दों को मिली है अहमियत

मौजूदा समय में देश राजनीतिक और आर्थिक तौर पर कड़ी चुनौती का सामना कर रहा है. कांग्रेस और भाजपा की नीतियों से इन समस्याओं का समाधान संभव नहीं है. माकपा ने इन समस्याओं के समाधान के लिए एक वैकल्पिक राजनीतिक और आर्थिक नीति अपने घोषणापत्र में शामिल किया है. इन नीतियों को लागू कर समाज के बड़े तबके के जीवन स्तर को सुधारने में मदद मिल सकती है.

मौजूदा यूपीए सरकार की नीतियों के कारण महंगाई और भ्रष्टाचार से आम जनता परेशान है. भाजपा विकल्प होने का दावा कर रही है, लेकिन देश की धर्मनिपरेक्ष जनता को उसकी सांप्रदायिक नीतियों से परहेज है. ऐसे में तीसरा मोरचा एक विकल्प है. यह विकल्प तभी साकार हो सकता है, जब वामपंथी दल एक बड़ी ताकत के तौर पर उभरें. पार्टी ने अपने घोषणपत्र में समाज में हाशिये पर पड़े लोगों की जरूरतों को शामिल किया है. यह सही है कि घोषणापत्र में कुछ मुद्दे पुराने है. यह सभी पार्टियों के घोषणापत्र में होता है. विचारधारा से जुड़े मुद्दे किसी भी दल के घोषणापत्र का मूल होते हैं. माकपा का घोषणापत्र मौजूदा जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. महिला, युवा, किसान, मजदूर, दलित, आदिवासी और गरीबों का विकास किये बिना देश विकास नहीं कर सकता है.

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