लोकसभा चुनाव की सरगरमी परवान चढ़ने लगी है. सियासी पार्टियों के समीकरण भी साफ होने लगे हैं. सेंधमारी और पार्टी नेताओं की नाराजगी से दलों में खलबली मची हुई है. कौन पाला बदल कर किसके साथ जायेगा, इस पर से भी परदा उठने लगा है. ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि संसदीय चुनाव का झारखंड (तत्कालीन बिहार) में क्या इतिहास रहा है. इस पर हम श्रृंखलाबद्ध रिपोर्ट प्रकाशित कर रहे हैं.
रांची. 1957 के लोकसभा चुनाव में रांची ईस्ट संसदीय सीट का नेतृत्व बांबे का मेयर रह चुके मीनू मसानी ने किया था. जयपाल सिंह ने उनको रांची से चुनाव लड़वाया था. झारखंड पार्टी की टिकट पर वह करीब तीन हजार मतों से जीते थे. श्री मसानी को 39 हजार 25 मत मिले थे. लोकसभा के उस चुनाव में झारखंड वाले इलाके में छह सीटों पर झारखंड पार्टी के उम्मीदवारों का कब्जा था.
दुमका सीट से दो उम्मीदवार चुने गये थे, दोनों सीट झारखंड पार्टी को मिले थे. कांग्रेस के उम्मीदवार चार सीटों पर जीते थे. रांची वेस्ट सीट पर झारखंड आंदोलन के प्रणोता जयपाल सिंह लगातार दूसरी बार जीते थे. जयपाल सिंह उस समय आदिवासियों के कद्दावर नेता थे. अपने दम पर झारखंड क्षेत्र में पड़नेवाली कई सीटों उम्मीदवारों को विजयश्री दिलाने का दम-खम रखते थे. उनके राजनीतिक कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह बंबई का मेयर रहे मीनू मसानी को झारखंड लाकर रांची सीट से सांसद बनवाया था.