लोकसभा चुनाव की सरगरमी परवान चढ़ने लगी है. सियासी पार्टियों के समीकरण भी साफ होने लगे हैं. सेंधमारी और पार्टी नेताओं की नाराजगी से दलों में खलबली मची हुई है. कौन पाला बदल कर किसके साथ जायेगा, इस पर से भी परदा उठने लगा है. ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि संसदीय चुनाव का झारखंड (तत्कालीन बिहार) में क्या इतिहास रहा है. इस पर हम श्रृंखलाबद्ध रिपोर्ट प्रकाशित कर रहे हैं.
रांची: देश की आजादी के बाद वर्ष 1951 में हुए लोकसभा के पहले चुनाव में झारखंड बिहार का हिस्सा था. झारखंड वाले इलाके में 10 संसदीय सीटें पड़ती थीं. बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट का कुछ हिस्सा संताल परगना में भी पड़ता था. पांच सीटों के साथ हजारीबाग का नाम जुड़ा हुआ था. इनके नाम थे : संताल परगना सह हजारीबाग, हजारीबाग इस्ट, हजारीबाग वेस्ट, पलामू सह हजारीबाग सह रांची, संताल परगना सह हजारीबाग. पलामू सह हजारीबाग सीट से दो उम्मीदवार गजेंद्र सिन्हा तथा जीतन खेरवार चुने गये थे.
मानभूम नॉर्थ सीट से भी दो उम्मीदवार प्रशांत चंद्र बोस और मोहन हरि जीते थे. मानभूम साउथ सह दालभूम सीट से भजनहरि महाजन और चेतन मांझी जीते थे. रांची ईस्ट और वेस्ट सीट से अब्दुल इब्राहिम और जयपाल सिंह चुनाव जीते थे. पहला चुनाव में संताल परगना सह हजारीबाग सीट से रामराज जजवारे सबसे अधिक मत से जीते थे. झारखंड क्षेत्र में सबसे अधिक मत इन्हीं को मिला था. इन्हें एक लाख 58 हजार 325 मत मिले थे.
इस संसदीय क्षेत्र में कुल सात लाख 52 हजार 822 मतदाता थे. इसमें 44.01 फीसदी मत पड़ा था. दूसरे स्थान पर रांची वेस्ट से लड़ने वाले जयपाल सिंह रहे थे. उनको एक लाख 39 हजार 275 मत मिला था. वह झारखंड पार्टी से चुनाव लड़ते थे. उन्हें कुल मत का 60 फीसदी मिला था.
1951 में किस क्षेत्र से कौन सांसद
संताल परगना सह हजारीबाग : रामराज जाजवारे
हजारीबाग ईस्ट : एनपी सिन्हा
हजारीबाग वेस्ट : रामनारायण सिंह
रांची नॉर्थ इस्ट : अब्दुल इब्राहिम
रांची वेस्ट (एसटी) : जयपाल सिंह
पलामू सह हजारीबाग सह रांची : गजेंद्र सिन्हा, जीतन खेरवार
मॉनभूम नॉर्थ : प्रभात चंद्र बोस, मोहन हरि
मॉनभूम साउथ सह दालभूम : भजनहरि महाजन, चेतन मांझी
चाईबासा : कानूराम देवगम
संताल परगना : लाल हेम्ब्रम