नवजात शिशु में खतरे के क्या-क्या लक्षण है? बच्चे के देखभाल में किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए?
आशा, पटना
हर वक्त रोता रहे. कुछ खाने पर उल्टी कर दे. भूख न लगे, बार- बार बुखार आये. साफ सफाई, सही वक्त पर सही आहार दिया जाये तो परेशानियां कम हो सकती है.
बदलते मौसम में नवजात बच्चों की देखभाल में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
कुसुम, बरबीगहा
बदलते मौसम में नवजात को विशेष ध्यान की जरूरत है. बच्चों के कपड़ों को किसी भी हालत में गीला न रहने दें. दूध पिलाने के बाद बच्चे को सावधानी से अपने कंधे से लगाएं. अगर बच्चे की तबीयत खराब हुई है तो धीरे धीरे पीठ मलें. बच्चे को थोड़ी देर के लिए बिना नैपी या डाइपर के भी रहने दें. इससे फायदा यह होगा की उसकी त्वचा को आराम से खुली हवा लगेगी.
कौन-कौन सा टीकाकरण जरूरी है और यह कब-कब पड़ता है? – चंचल, सिरदला
16 साल तक के बच्चों का 15 तरह की बीमारियों से टीकों द्वारा बचाव किया जा सकता है. मां जब गर्भवती हो तो मां को टिटनेस का टीका जरूर लगवाना चाहिए, जिससे डिलेवरी के समय बच्चे को टिटनेस का डर नहीं रहता. बच्चा पैदा होते ही बीसीजी का टीका और पोलियो ड्रॉप्स पिलाना चाहिए. फिर डेढ़, ढाई और चार माह में बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाएं, यह बच्चे को लकवा से बचाता है. पोलियो के साथ डीपीटी, पीलिया बी और निमोनिया के तीन टीके डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह में लगाये जाते हैं. इस प्रकार विभिन्न प्रकार के टीकों से कई खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है.
जैपनीज इनसेपलाइटीज के लिए क्या कोई टीका है? अगर हां तो उसे कब और कितने वर्ष में दिया जाता है?
आभा, बोकारो
भारत में हाल ही में पहली बार यह टीका लॉन्च हुआ है. लेकिन अभी यह आमलोगों तक पहुंच नहीं पाया है. कुछ महीनों में यह आमलोगों तक पहुंचे तो इस पर विस्तार से बात की जा सकेगी.
डॉ अमित म्हात्रे
एमडी-डीसीएच, फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंड, मुंबई