रांची : लोकसभा चुनाव के कारण प्रचार सामग्री की खूब मांग हो रही है. इसके कारोबारियों की चांदी हो गयी है. काम इतना अधिक मिल रहा है कि कारोबारी कई कंपनियों को ऑर्डर दे रहे हैं. कीमतों में भी इजाफा हुआ है. सूचना है कि प्रचार सामग्री की कीमत में 20 से 30% तक वृद्धि हुई है.
आम दिनों में 10 रुपये में बिकनेवाली टोपी अभी 30 रुपये में बिक रही है. मौके का फायदा उठाने के लिए कई लोगों ने अस्थायी तौर पर प्रचार सामग्री का कारोबार शुरूकर दिया है. बड़ी पार्टियों ने तो राष्ट्रीय स्तर पर इसका टेंडर दिया है, पर स्थानीय पार्टियां प्रचार सामग्री का काम लोकल एजेंसियों से ही करा रही हैं. हालांकि, बड़ी पार्टियों के कई नेता भी स्थानीय कारोबारियों से काम करा रहे हैं. आनेवाले 15 दिनों में कारोबारी व्यवसाय में और तेजी आने की उम्मीद कर रहे हैं.
– व्यापारियों की मौज
* काम की अधिकता, कई कंपनियों को ऑर्डर दे रहे व्यवसायी
* कीमतों में 20 से 30% तक वृद्धि
* आनेवाले दिनों में कारोबार में और तेजी की उम्मीद
* फायदा देख कई अस्थायी कारोबारी भी कूदे
चुनाव पांच वर्ष में एक बार होता है. कई प्रत्याशी मैदान में होते हैं. सबको प्रचार करना है. उपलब्ध स्रोतों से सबको संतुष्ट करना मुश्किल है. हमें दूसरे राज्यों के बड़े निर्माताओं से खरीद करनी होती है. ऐसे मे कीमतें बढ़ना स्वाभाविक है.
कुणाल आनंद
(संचालक, सत्या मीडिया)