कंप्यूटर साइंटिस्ट्स ने एक नया सॉफ्टवेयर डिवेलप किया है जो बताता है कि किसी ऐप ने यूजर पर जासूसी करने की नीयत से उसका प्राइवेट डेटा तो नहीं चुराया है. वेब इनेबल्ड मोबाइल डिवाइसेज पर यूज होने वाले ऐप्स का इस्तेमाल अकसर यूजर्स की जासूसी करने के लिए किया जाता है. इसलिए सारैंड यूनिवर्सिटी, जर्मनी के रीसर्चर्स ने एक नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है जो किसी ऐप की मालिशस ऐक्टिविटीज पर नजर रखता है.
रीसर्चर्स ने बताया कि पिछले साल जुलाई के अंत में रशियन सॉफ्टवेयर कंपनी डॉक्टर वेब ने गूगल प्ले में कई मालिशस ऐप्स को पकड़ा था. ऐप्स डाउनलोड करने के दौरान एडीशनल मालवेयर स्मार्टफोन्स पर डाउनलोड हो जाता है और बिना यूजर की परमीशन के महंगे टेक्स्ट मेसेज भेजने लगता है. डॉक्टर वेब ने कथित रूप से उसी समय यह जानकारी गूगल को दी लेकिन कुछ समय बाद भी वे ऐप्स गूगल प्ले पर मौजूद थे. उनका मानना है कि करीब 25,000 स्मार्टफोन्स का इसी तरह गलत इस्तेमाल किया गया. यह नया सॉफ्टवेयर ऐप स्टोर में मौजूद ऐसी ऐप्स को पहचान लेता है.