वाशिंगटन : अमेरिका ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए सुरक्षा परिषद में इजरायल का साथ देने से इनकार कर दिया. ज्ञात हो कि फिलस्तीन के इलाके में इजरायली अवैध बस्तियों के निर्माण को लेकर सुरक्षा परिषद में वोटिंग करायी गयी थी. इस वोटिंग में अमेरिका ने इस प्रस्ताव के संबंध में वीटो इस्तेमाल नहीं करने का फैसला लिया.
इस बीच, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वीटो से बचने को लेकर निवर्तमान ओबामा प्रशासन की निंदा की और ट्वीट किया, ‘‘20 जनवरी के बाद संयुक्त राष्ट्र के लिए चीजें अलग होंगी.’ मिस्र ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फलस्तीन क्षेत्र में इजरायली अवैध बस्तियों को रोकने की मांग करने वाला प्रस्ताव पेश किया था. अमेरिका के इस कदम को उसके निकटतम पश्चिम एशियाई सहयोगी को राजनयिक फटकार के तौर पर देखा जा रहा है.
अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने कल दोपहर एक कांफ्रेंस कॉल के दौरान कहा, ‘‘हमारी सबसे गंभीर चिंता है कि अवैध बस्तियों संबंधी गतिविधि की मौजूदा गति में वर्ष 2011 से बहुत तेजी आई है. हमने उस समय बस्तियों की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल किया था. बस्तियों में आई तेजी से कई प्रकार की समस्याएं पैदा होती है..’ रोड्स ने अपने निर्णय के बचाव में कहा, ‘‘इसलिए हमने इस संदर्भ में सोचा कि द्वि राष्ट्र समाधान के आधार को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी प्रवृति के बारे में चिंता व्यक्त करने वाले प्रस्ताव को लेकर वीटो इस्तेमाल करना सही नहीं होता.
‘ ‘द वाशिंगटन पोस्ट’ ने इस कदम को इस्राइल को एक फटकार करार देते हुए कहा कि वीटो इस्तेमाल नहीं करना अवैध यहूदी बस्तियों को लेकर ओबामा प्रशासन की निराशा को दर्शाता है और इसने ट्रंप से पैदा होने वाले दबाव को नकारा।.इससे एक दिन पहले, ट्रंप ने एक ट्वीट में अमेरिका से वीटो का इस्तेमाल करने को कहा था.
इस निर्णय को लेकर ओबामा को दोनों दलों के नेताओं की आलोचना झेलनी पड रही है. सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के अध्यक्ष एवं सीनेटर जॉन मैकेन, हाउस डेमोक्रेटिक व्हिप स्टेनी एच होयेर एवं हाउस मैजोरिटी लीडर केविन मैकार्थी ने इस फैसले की आलोचना की.
इजरायल ने कहा, सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का नहीं करेगा पालन
इस बीच इजायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, ‘‘इस्राइल संयुक्त राष्ट्र में इस्राइल विरोधी इस शर्मनाक प्रस्ताव को खारिज करता है और इसका पालन नहीं करेगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘ओबामा प्रशासन संयुक्त राष्ट्र में इस जमावडे से इस्राइल की रक्षा करने में न केवल नाकाम रहा बल्कि उसने पर्दे के पीछे इसके साथ साठ गांठ की.’ कार्यालय ने कहा, ‘‘इजरायल (अमेरिका के) नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप और कांग्रेस, रिपब्लिकन पार्टी एवं डेमोक्रेटिक पार्टी में हमारे सभी मित्रों के साथ काम करके इस बेतुके प्रस्ताव के नुकसानदायक प्रभावों को समाप्त करना चाहता है.’