मालदा : जयपुर में कैद 33 मजदूरो को छुड़ाने के लिए मालदा पुलिस का एक दल राजस्थान के लिए रवाना हुआ है. यह जानकारी मालदा पुलिस अधीक्षक कल्याण मुखर्जी ने दी है. उन्होंने कहा कि जिस ठेकेदार संगठन ने मजदूरों को जयपुर में भेजा था उनके प्रतिनिधि भी पुलिस के साथ जा रहे हैं.
ठेकेदार संस्था कीओरसे साग्निक साहा ने मंगलवार को इंग्लिशबाजार थाने में लिखित रूप से शिकायत दर्ज करायी थी. पुलिस दल बुधवार रात को मालदा से दिल्ली जाने वाली फरक्का एक्सप्रेस से रवाना हुए.
आज रात को पुलिस दल जयपुर पहुंच जायेगा. शुक्रवार को फागी थाना पुलिस को साथ लेकर मालदा पुलिस बालापुर जायेगी. फागी थाना पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मजदूरों पर और कभी भी अत्चाचार करने नहीं दिया जायेगा.
फागी थाना पुलिस मामले को देख रही है. ठेकेदार संस्था की ओर से साग्निक साहा ने बताया कि जयपुर निर्माणकारी संस्था के मैनेजर मुन्ना सिंह ने कुछ रकम के बदले मजदूरों को वापस भेजने का समझौता किया है. लेकिन हमने पैसा देने से इंकार कर दिया है. अब मामला मालदा पुलिस के हाथ में है. दूसारी ओर मजदूरों को जल्द रिहा करने के लिए जिला शासक गोदाला किरण कुमार ने जयपुर के कमीश्नर को फोन किया है.
साथ ही राज्य के गृह सचिव एवं रेसिडेंशियल कमीश्नर के पास एक रिपोर्ट भेजा है. उन्होंने कहा कि मजदूर दूसरे राज्य में काम की तलाश में न जाए इसलिए मनरेगा के कामों पर जोर दिया जा रहा है. मजदूरों को मनरेगा के कार्य में नियुक्त करने के लिए पंचायतों पर दबाव बढ़ाया जा रहा है. भारत सरकार ने इन मजदूरों के लिए ही मनरेगा परियोजना चालू की है. कोई भी मजदूर ग्राम पंचायत के पास जाकर काम मांग सकता है.
यह उनका हक है. लेकिन जागरूकता की कमी के कारण मनरेगा परियोजना फल-फूल नहीं पा रहा है. ग्राम पंचायत स्तर पर प्रशासन की ओर से जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है. मालदा जिले में सात लाख 70 हजार जॉब कार्ड धारक हैं. जिन मजदूरों के पास जॉब कार्ड नहीं है, उनके लिए भी जॉब कार्ड का बंदोबस्त किया जा रहा है.