22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ऐसे कोर्स, जो नहीं रहने देंगे बेरोजगार

बेहतर कैरियर के लिहाज से सूचना एवं तकनीक इस वक्त युवाओं का पसंदीदा क्षेत्र है. कई ऐसे छोटे-छोटे कोर्स हैं, जो कम समय और खर्च में इस क्षेत्र में बेहतर कैरियर और नौकरी दिलाने का वादा करते हैं. आज भी इंजीनियरिंग, एमबीए आदि कोर्सो की ओर युवा बड़ी संख्या में आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन […]

बेहतर कैरियर के लिहाज से सूचना एवं तकनीक इस वक्त युवाओं का पसंदीदा क्षेत्र है. कई ऐसे छोटे-छोटे कोर्स हैं, जो कम समय और खर्च में इस क्षेत्र में बेहतर कैरियर और नौकरी दिलाने का वादा करते हैं.

आज भी इंजीनियरिंग, एमबीए आदि कोर्सो की ओर युवा बड़ी संख्या में आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन चार और दो वर्ष देने के बाद भी उनके हाथ अकसर एक अदद नौकरी नहीं लगती. इस बीच इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़े कई ऐसे कोर्स सामने आ रहे हैं, जो कम समय और खर्च में विद्यार्थियों को अच्छी नौकरी दिलाने का माद्दा रखते हैं.

प्रमुख कोर्स
जिन छात्रों को कंप्यूटर का ज्ञान है, साथ ही उनका इंजीनियरिंग माइंड है, तो वे इस तरह के कोर्सो को चुन सकते हैं. रोबोटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग, चिप लेवल, स्टोरेज एरिया नेटवर्क और एथिकल हैकिंग आदि.

रोबोटिक्स
आज घड़ी से लेकर कार तक सब कुछ रोबोटिक्स मशीनों से बनने लगा है. जब रोबोट का दौर है, नया क्षेत्र है, तो स्कोप तो होगा ही. इसके लिए छात्रों को संस्थान वैसा चुनना चाहिए, जहां कंप्यूटर के साथ चिप लेवल की नेटवर्किग हो, क्योंकि रोबोट में भी पावर सप्लाई, मदर बोर्ड, सॉफ्टवेयर, स्टेपर मोटर, कंट्रोल, आउटपुट डिस्प्ले, सेंसर आदि की पढ़ाई होती है. इसके लिए चिप लेवल का संस्थान अच्छा बेस बनाता है, जिससे वे आगे चल कर रोबोटिक्स में माहिर होते हैं. इसे 12वीं से लेकर बीटेक और एमबीए तक के भी छात्र कर सकते हैं.

चिप लेवल
कंप्यूटर 14 पार्ट्स से बना है, जिसे चिप्स कहते हैं. आप आइटी की दुनिया में कदम रख रहे हैं, तो इसके नस-नस से वाकिफ होना होगा. अकसर संस्थानों में कार्ड लेवल तक की कंप्यूटर/डिवाइसेस एवं नेटवर्किग के बारे में पढ़ाया जाता है. पर छात्रों को संस्थान चुनते समय गौर करना चाहिए कि वहां 15-20 लैब हों, जैसे रोबोटिक्स लैब, चिप लेवल लैब, मदर बोर्ड लैब, सैन लैब, क्लाउड लैब, नेटवर्किग लैब, लैपटॉप लैब, हैकिंग लैब आदि. तभी आप सफल इंजीनियर बन पायेंगे.

एथिकल हैकिंग
अगर विद्यार्थी को पहले से ही कंप्यूटर की जानकारी है, तो उसके लिए एथिकल हैंकिंग का कम अवधि वाला कोर्स काफी कारगर हो सकता है. जब सिर्फ हैकिंग शब्द का इस्तेमाल होता है, तो इसे अवैधानिक माना जाता है. पर जब इसमें एथिकल शब्द जुड़ जाता है, तो इसका अर्थ हो जाता है नियमों के अनुसार हैक करना. यानी अपने संस्थान, कंपनी आदि को सुरक्षित रखने के लिए अपने कंप्यूटर की पूरी तरह से देख-रेख करना. इसमें कई तरह के कोर्स हैं.

अवधि और फीस
हर संस्थान में यह कोर्स अलग-अलग अवधि के होते हैं. आमतौर पर यह तीन महीने से साल भर के कोर्स होते हैं. हर संस्थान इसकी फीस भी अलग-अलग लेते हैं.

संभावनाएं व वेतन
इन क्षेत्रों के इंजीनियरों और कंप्यूटर विशेषज्ञों की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. हर कंपनी, फिर चाहे वह कंप्यूटर से संबंधित कंपनी हो या न हो, वहां ऐसे इंजीनियरों की मांग बहुत ज्यादा है. इन्हें शुरुआती वेतन 15 से 25 हजार के बीच में दिया जाता है. साथ ही इनकी सैलरी में कम समय में आसानी से बढ़ोतरी भी होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें