आसनसोल: आसनसोल शहर में आर्य समाज की ओर से संचालित तीन स्कूलों के सचिव, आसनसोल के प्रधान तथा प्रांतीय वरीय उपाध्यक्ष जगदीश केडिया को सभी पदों से विमुक्त करने का मुद्दा मंगलवार को और गहरा गया . श्री केडिया ने अपने समर्थन में सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा (नयी दिल्ली) के मंत्री प्रकाश आर्य का पत्र सार्वजनिक रुप से जारी किया. मंगलवार को जारी इस पत्र में उन्हें अपने पद पर काबिज रह कर कार्य करने को कहा गया है.
विवाद होने पर सार्वदेशिक कमेटी से संपर्क करने को कहा गया है. श्री आर्य का दावा है कि उनकी मनाही के बाद भी प्रदेश प्रधान आनंद आर्य ने श्री केडिया के खिलाफ कार्यवाही की है. जो गलत है. दूसरी ओर प्रदेश प्रधान श्री आर्य ने कहा कि वे सार्वदेशिक कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और उन्हें पत्र लिखने का अधिकार मंत्री श्री आर्य को नहीं है. उन्होंने दावा किया कि कानून उनके पक्ष में हैं और श्री केडिया को संस्थान से जाना ही होगा. सनद रहे कि आसनसोल शाखा की नयी कमेटी के प्रधान वीरेंद्र कुमार ढ़ल्ल के नेतृत्व में कार्यकारिणी सदस्यों ने सोमवार को विभिन्न पत्रों को जारी करते हुये उनको हटाने का दावा किया था.
सार्वदेशिक ने दिया बने रहने का पत्र
मंगलवार को श्री केडिया ने सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा (नयी दिल्ली) के मंत्री प्रकाश आर्य का पत्र जारी किया. उन्होंने बुधा स्थित महर्षि दयानंद भवन (दयानंद विद्यालय) में संवाददाताओं को बताया कि श्री आर्य ने इससे संबंधित प्रमाण पत्र भी उन्हें भेजा है. इसके मुताबिक शाखा प्रधान वे स्वयं, सचिव उमाशंकर प्रसाद है. बंगाल आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष आनंद कुमार आर्य ने बिना किसी उचित कारण के अनुचित तरीके से अपनाकर 10 अप्रैल, 2013 को श्री केडिया व अन्यान्य के समानान्तर कमेटी का गठन कर उनके नामों को शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को समक्ष प्रस्तुत किया गया कार्य पूर्ण रूप से असंवैधानिक व अमान्य है.
श्री आर्य ने 24 अप्रैल को आर्य समाज, आसनसोल शाखा द्वारा संचालित तीन विद्यालय- आर्य कन्या उच्च विद्यालय, दयानंद विद्यालय व डीएवी हाई स्कूल में पुनगर्ठित स्कूल प्रबंधन कमेटी के गवर्नमेंट नॉमिनी के मनोनयन के लिए राज्य के शिक्षा मंत्री व्रात्य बसु, कृषि मंत्री मलय घटक, स्कूल शिक्षा आयुक्त को भेजा है. इसकी प्रतिलिपि वर्दवान के जिला स्कूल निरीक्षक (मध्य शिक्षा), आसनसोल के अतिरिक्त जिला स्कूल निरीक्षक (मध्य शिक्षा) को भी भेजी गयी है. पत्र के माध्यम से जानकारी दी गयी है कि 24 फरवरी 2013 को आर्य समाज की आसनसोल शाखा के वार्षिक महासभा में नयी कमेटी का गठन किया गया. आसनसोल शाखा के जगदीश केडिया ही प्रधान व डॉ यूएस प्रसाद सचिव पद पर कानूनन बरकरार है. ऐसे में अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ढल व सचिव रामसागर सिंह के नेतृत्व वाली आसनसोल शाखा की समानान्तर कमेटी पूर्ण रूप से अवैध व असंवैधानिक है.
संगठन को पहुंचा रहे क्षति
श्री केडिया ने कहा कि सचिव श्री आर्य ने उन्हें जानकारी दी है कि आनंद कुमार आर्य ने सार्वदेशिक सभा की बिना आदेश पारित किये संगठन को क्षति पहुंचाने का कार्य किया है, जबकि उन्हें ऐसा कोई भी आदेश देने के लिए मना किया गया है. ऐसा कर वे आर्य समाज की सर्वोच्च सभा की भी अनदेखी कर रहे है. यह अनुचित है. आगामी आदेश तक वे अपने पदों पर पूर्ववत् कार्य करते रहेंगे. उन्होंने वीरेंद्र कुमार ढल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी कमेटी पूर्ण रूप से फरजी है. उन्होंने कहा कि स्कूल में उन्हें किसी भी कीमत में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा. वे ही इन स्कूलों का संचालन करेंगे.
अधिकार नहीं प्रकाश को
इधर बंगाल आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष श्री आर्य ने कहा कि मंत्री प्रकाश आर्य को ऐसा पत्र जारी करने का अधिकार ही नहीं है. दिल्ली हाई कोर्ट में सार्वदेशिक कमेटी को लेकर सनवायी चल रही है. कोर्ट में तीन गुटों का प्रतिनिधित्व है. कोर्ट ने पिछले माह दिये आदेश में इसकी सुनवायी स्थगित रखते हुये शीघ्र चुनाव कराने का निर्देश दिया है. वे स्वयं एक गुट के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. इस स्थिति में प्रकाश आर्य मंत्री होकर उन्हें आदेश दें, हास्यास्पद मामला है. व्यक्तिगत हित में ऐसे पत्र जारी किये ही जा सकते हैं. इसका कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि अबतक आसनसोल के तीन शिक्षण संस्थानों की कमेटी का अनुमोदन प्रदेश कमेटी ही करती रही है. स्वयं श्री केडिया ने प्रदेश के वरीय उपाध्यक्ष होने के नाते अपनी कमेटी को मंजूरी के लिए सरकारी विभाग को पत्र लिखा है. लेकिन इस मामले में वे राज्य कमेटी को खारिज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ाज्य के शिक्षा विभाग ने इस संबंध में प्रदेश कमेटी से राय मांगी थी. संविधान के अवलोकन के बाद ही सरकारी निर्णय होता है.
प्रदेश कमेटी ने नयी कमेटी का अनुमोदन कर दिया है. राज्य के कमीश्नर ऑफ स्कूल एजुकेशन ने भी इस अनुशंसा को स्वीकार्य किया है. उन्होंने 14 मई को आसनसोल के अतिरिक्त शिक्षा निरीक्षक को निर्देश दिया है कि पहली कमेटी (श्री केडिया) में दिये गये प्रतिनिधित्व को खारिज कर नयी कमेटी में प्रतिनिधित्व दें. इसके बाद भी राजनीतिक दबाब में कनीय अधिकारी ऐसा नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दुख:द स्थिति है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के आदेश का उल्लंघन उनके कनीय अधिकारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कुछ इंतजार के बाद उनका शिष्टमंडल कमीश्नर ऑफ स्कल एजुकेशन, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलेगा तथा इस बात की शिकायत करेगा कि अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को बर्बाद किया जा रहा है. उनका कानूनी पक्ष मजबूत हैं और वे श्री केडिया के स्कूल छोड़ने का इंतजार करेंगे. उन्होंने कहा कि प्रादेशिक कमेटी के निर्णय में हस्तक्षेप करने का अधिकार किसी को भी नहीं है.
अपनी कमेटी का खुद अनुमोदन
इधर नये प्रधान बीरेंद्र कुमार ढ़ल्ल ने कहा कि सचिव बनने के लिए श्री केडिया ने अपनी ही कमेटी का अनुमोदन स्वयं किया है. वे खुद को आसनसोल आर्य समाज का प्रधान बताते हुये स्कूलों में अपने ही सचिवत्व में कमेटी का गठन करते हैं और खुद ही प्रदेश का वरीय उपाध्यक्ष होने के नाते अनुमोदन का पत्र भी लिखते हैं. उन्होंने कहा कि यह अपने तरह की दिलचस्प घटना है. उन्होंने कहा कि श्री केडिया को दिखाना चाहिए कि उन्होंने कब सार्वदेशिक कमेटी के अनुमोदन से राज्य सरकार का प्र तिनिधि लिया है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अधिक समय तक राजनीति नहीं चलेगी. शीघ्र ही सारा कुछ स्पष्ट हो जायेगा. उन्होंने कहा कि सोमवार को श्री केडिया ने कहा कि उन्हें वरीय उपाध्यक्ष पद से हटाने की सूचना नहीं है और मंगलवार को ही स्थगन का पत्र भी दिखा रहे हैं.
शिक्षा अधिकारी भी स्पष्ट नहीं
आर्य समाज संचालित स्कूलों में सरकारी प्रतिनिधि को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी भी स्पष्ट स्टैंड नहीं ले रहे हैं. इसके कारण स्थिति बिगड़ती जा रही है. कमीश्नर ऑफ स्कूल एजुकेशन ने कहा कि उन्हें जो निर्देश देना था, उन्होंने दे दिया है. अतिरिक्त शिक्षा निरीक्षक को ही प्रतिनिधित्व देना है. इस संबंध में उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा था और उन्हें स्पष्टीकरण का जबाब दे दिया गया है. उन्हें इस आदेश को लागू करना है. इधर अतिरिक्त शिक्षा निरीक्षक (मध्य शिक्षा) अजीत हाजरा ने मंगलवार को कहा कि उन्हें कमीश्नर का पत्र मिल गया है. उन्होंने जिला शिक्षा निराक्षक (मध्य शिक्षा) नीलिमा गिरि से जब सोमवार की संध्या निर्देश मांगा तो उन्होंने कहा कि अभी इस मामले में कोई पहल नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीनों स्कूलों में वे ही सरकारी प्रतिनिधि बन चुके हैं. कमेटी में प्रतिनिधित्व बदलने के लिए अधिकारियों का निर्देश जरूरी है. दूसरी ओर श्रीमती गिरि ने कहा कि उन्होंने श्री हाजरा को कोई ऐसा आदेश नहीं दिया है. पूरे प्रकरण में बिना फाइल देंखे वे कोई बयान या टिप्पणी नहीं करेंगी.