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आप भविष्य से लेंगे या भविष्य को देंगे?
हमारी सभ्यता पर मंडरा रहे अनेक खतरे ऐसे हैं, जो इसके पहले हजारों वर्षों में कभी नहीं थे पॉल हॉकेन हमारे पास एक ऐसी अर्थव्यवस्था है, जो हमें बताती है कि फिर से नया करने, बहाल करने और टिकाऊ बनाने की अपेक्षा तात्कालिक तौर पर पृथ्वी को नष्ट करना कहीं अधिक सस्ता है. आप नोट […]
हमारी सभ्यता पर मंडरा रहे अनेक खतरे ऐसे हैं, जो इसके पहले हजारों वर्षों में कभी नहीं थे
पॉल हॉकेन
हमारे पास एक ऐसी अर्थव्यवस्था है, जो हमें बताती है कि फिर से नया करने, बहाल करने और टिकाऊ बनाने की अपेक्षा तात्कालिक तौर पर पृथ्वी को नष्ट करना कहीं अधिक सस्ता है. आप नोट छाप कर किसी बैंक को डूबने से बचा सकते हैं, पर आप जीवन छाप कर पृथ्वी को नहीं बचा सकते.
वर्तमान में हम भविष्य चुरा रहे हैं और उसे सकल घरेलू उत्पाद कहते हुए वर्तमान में बेच रहे हैं. लेकिन, हम इतनी ही आसानी से एक ऐसी अर्थव्यवस्था को अपना सकते हैं, जो भविष्य को चुराने की बजाय उसे समृद्ध करने पर आधारित हो. पढ़िए प्रेरक भाषण शृंखला की पांचवीं कड़ी.
जब मुझे यह भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया, तो कहा गया कि क्या मैं एक सरल, छोटा भाषण दे सकता हूं, जो ‘सीधा, सुगठित, ईमानदार, तीव्र भावनायुक्त, अकृत्रिम, जोशीला, हैरान कर देनेवाला और गरिमायुक्त’ हो? इसलिए मेरे इस भाषण के लिए तनाव की कोई वजह नहीं रही.
हम हैरान कर देनेवाले हिस्से से शुरुआत करें. 2009 की कक्षा के आप सब विद्यार्थियों को यह समझना होगा कि पृथ्वी पर एक ऐसे वक्त में एक मानवीय प्राणी होने का क्या अर्थ होता है, जब प्रत्येक जैविक प्रणाली का ह्रास हो रहा है और इस ह्रास की दर भी बढ़ती ही जा रही है.
यह मस्तिष्क में उथल-पुथल मचा देनेवाली परिस्थिति है. लेकिन, पिछले 30 वर्षों के दौरान प्रकाशित और शोधार्थियों द्वारा समीक्षित कोई भी शोधपत्र इस उक्ति का खंडन नहीं कर सकता. बुनियादी रूप से इस सभ्यता को एक नयी संचालन प्रणाली की जरूरत है, जिसके प्रोग्रामर आप हैं, और जिसकी हमें कुछ ही दशकों के अंदर जरूरत है.
पृथ्वी का अाविर्भाव कुछ नियम-कायदों के साथ हुआ था, लेकिन ऐसा लगता है कि हमने उन्हें भुला दिया है. जल, मिट्टी तथा हवा को विषाक्त न करें, पृथ्वी पर बहुत अधिक भीड़भाड़ न होने दें और इसकी तापमान नियंत्रक प्रणाली को न छेड़ें, आदि जैसे अहम नियमों का उल्लंघन किया गया है.
फुलर ने कहा था कि पृथ्वी नामक इस अंतरिक्षयान को इतनी मौलिकता से डिजाइन किया गया है कि किसी को भी यह अहसास नहीं होता कि हम एक ऐसे यान पर सवार हैं, जो इस ब्रहमांड में दस लाख मील प्रति घंटे की रफ्तार से गतिमान है, फिर भी इस पर हमें कोई सीटबेल्ट बांधने की जरूरत नहीं है. इस यान में ढेरों जगह है, और यहां अच्छा भोजन भी उपलब्ध है. लेकिन, अब यह सब बदल रहा है.
कैलिफोर्निया में जन्मे पॉल हॉकेन पर्यावरण एक्टिविस्ट, उद्यमी, लेखक-पत्रकार और सबसे अहम रूप से, एक स्वप्नशील व्यक्ति हैं. 20 वर्ष की उम्र से ही पर्यावरण-संरक्षण के काम में लगे हैं. वह हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू, रिसर्जेंस, न्यू स्टेट्समैन, इंक, बोस्टन ग्लोब, क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर, मदर जोन्स, ओरायन आदि प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में निरंतर लिखते हैं.
उनकी कई किताबें बेस्टसेलर रही हैं, उनमें प्रमुख हैं- द नेक्स्ट इकोनॉमी, ग्रोइंग ए बिजनेस, ब्लेस्ड अनरेस्ट और द इकोलॉजी ऑफ कॉमर्स. उनकी पुस्तक ‘नैचुरल कैपिटलिज्म: क्रियेटिंग द नेक्स्ट इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन’ को कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने दुनिया की पांच महत्वपूर्ण किताबों में से एक माना है. उन्हें विश्व के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में भाषण देने के लिए बुलाया जाता है. कई पुरस्कारों से सम्मानित किये जा चुके हैं.
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