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सहिया लक्ष्मी ने बदला गांव के सेहत की तसवीर

उमेश यादवदेवघर जिला के मोहनपुर प्रखंड का एक गांव है – मेदनीडीह. कुछ समय पहले तक इस गांव के ग्रामीणों को शिक्षा और स्वास्थ्य के विषयों पर जानकारी बिल्कुल नहीं थी. लेकिन अब इस गांव की सूरत बदल रही है. यह बदलाव ला रही हैं लक्ष्मी देवी जो बतौर सहिया काम कर गांव की नई […]

उमेश यादव
देवघर जिला के मोहनपुर प्रखंड का एक गांव है – मेदनीडीह. कुछ समय पहले तक इस गांव के ग्रामीणों को शिक्षा और स्वास्थ्य के विषयों पर जानकारी बिल्कुल नहीं थी. लेकिन अब इस गांव की सूरत बदल रही है. यह बदलाव ला रही हैं लक्ष्मी देवी जो बतौर सहिया काम कर गांव की नई तसवीर पेश कर रही हैं. अब लक्ष्मी न केवल अपने गांव और पंचायत बल्कि पूरे प्रखंड में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं.

वह बताती हैं कि वर्ष 2007 तक वह मात्र एक गृहणी थी. बच्चों का देखभाल, परिवार के लिये खाना बनाना और पति की खेती बारी में मदद करना ही उनकी दैनिक दिनचर्या हुआ करती थी. सामान्य औरतों की तरह उन पर भी कई पाबंदियां थी. लेकिन उनके स्वास्थ्य सहिया चुने जाने के बाद अब वे पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने क्षेत्र का भ्रमण कर स्वास्थ्य विषयों पर लोगों को जागरूक करती हैं. आठ किलोमीटर दूर सदर अस्पताल तथा तेरह किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नियमित भ्रमण करती हैं, साथ ही स्वास्थ्य विभाग की बैठकों में नियमित भागीदारी होती है.

वह कहती हैं कि सहिया के रूप में चुने जाने के बाद उनमें एक नया आत्मविश्वास आया. काम करने के दौरान यह मालूम हुआ कि गांव की अधिकांश महिलाएं निरक्षर है और इस कारण स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां बहुत कम थी. संस्थागत प्रसव में काफी कमी थी. कठिन परिस्थितियों में ही गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाया जाता था. बच्चों का टीकाकरण भी बहुत कम था. सहिया चुने जाने के बाद लक्ष्मी ने परिवार की जिम्मेवारियों के बाद समाज की जिम्मेवारियों को बखूबी निर्वाह करने का वचन लिया और ग्रामीण क्षेत्र में भ्रमण कर महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां देना प्रारंभ किया. वह गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति रखरखाव के विषय में जरूरी सलाह देती हैं.

साथ ही संस्थागत प्रसव के लिए सरकार की ओर से मिलने वाली राशि के विषय में भी परिवार को जानकारी देती हैं. प्रशिक्षण के दौरान मिली जानकारी को उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के बीच प्रचारित किया. अस्पताल में प्रसव कराने के फायदे के विषय में ग्रामीणों को जानकारी दी. आज इस गांव की यह तसवीर है कि अब गांव की गर्भवती महिलाएं अपना पंजीयन कराने लगी हैं. प्रसव के लिए उन्हें अस्पताल ले जाया जाता है.

अस्पताल में नर्स एवं चिकित्सक की देखरेख में गर्भवती महिला का प्रसव कराया जाता है. यह सभी काम सहिया लक्ष्मी देवी की देखरेख में होता है. गांव की गर्भवती महिलाओं की कुल संख्या का 90 प्रतिशत प्रसव अब अस्पताल में कराया जाता है. पिछले वर्ष 23 में से 20 प्रसव अस्पताल में कराये गये. महिलाओं को प्रसव के लिए जब कभी भी अस्पताल ले जाने की आवश्यकता होती है लक्ष्मी इसकी जानकारी तत्परता से मोबाइल नंबर 9234364817 पर सूचना देकर ममता वाहन सेवा की मांग करती हैं. लक्ष्मी की देखरेख में बच्चों का टीकाकरण कराया गया है. मेदनीडीह गांव के 85 प्रतिशत बच्चों को विभिन्न प्रकार का टीकाकरण कराया जा चुका है. अपनी शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए वे आगे की पढ़ाई भी कर रही हैं. स्वास्थ्य के क्षेत्र में इनके काम एवं गांव में आये बदलाव को देखते हुए उन्हें जिला प्रशासन की ओर से पुरस्कृत भी किया गया है.

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