दुर्गापुर : दुर्गापुर के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अनुपम माईती ने वर्ष 2005 में हुए टैंकर चालक की हत्या के मामले में दोषी करार दिये गये दो हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. इसके साथ ही उन्हें 4000 हजार रुपए जुर्माना भरने का निर्देश दिया.
जुर्माना नहीं भरने की सूरत में 3 वर्ष और जेल की सजा काटनी होगी. वर्ष 2005 में 29 नंवबर को घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गये थे. सीआइडी ने आरोपियों को 2006 में गिरफ्तार किया था. तब से वे जेल हिरासत में थे. शुक्रवार को अदालत ने दोनों को टैंकर चालक की हत्या व खलासी की हत्या के प्रयास में दोषी ठहराया था. मामले का एक आरोपी वर्ष 2009 में फुलझड़ जेल से फरार हो गया था, उसका अब तक कोई पता नहीं चल पाया है.
क्या था मामला
29 नवंबर 2005 को हल्दिया से डीजल लदा एक टैंकर असम की ओर जा रहा था, तभी कोलाघाट के आसपास विजय मंडल, जगनारायण मिश्र एवं संतोष बरनवाल लिफ्ट लेकर टैंकर में चढ़े थे. टैंकर में चढ़ने के बाद तीनों युवकों ने टैंकर के खलासी नसीम मोहम्मद के गर्दन व हाथ पर धारदार हथियार से वार कर मेमारी के पालसीट के समक्ष मरा समझ कर फेंक दिया था जबकि टैंकर चालक वसीर मोहम्मद की हत्या कर दुर्गापुर के फरीदपुर फांड़ी के समक्ष फेंक दिया था.
इसके बाद तीनों आरोपी बांकुड़ा मोड़ के समक्ष डीजल बिक्री कर टैंकर छोड़ फरार हो गये थे. घटना की जांच पड़ताल का जिम्मा सीआइडी को सौंपा गया, जिसके बाद सीआइडी ने वर्ष 2006 में तीनों आरोपियों को आसनसोल के विभिन्न इलाकों से गिरफ्तार किया. आरोपियों को दुर्गापुर महकमा अदालत में भादवि की धारा 302/ 307/ 394/ 24 के तहत मुकदमा चलाया गया. आरोपियों को 2006 से ही जेल हिरासत में रखा गया था, लेकिन आरोपी संतोष बरनवाल वर्ष 2009 में जेल से फरार हो गया था, तब से लेकर आज तक वह फरार है.
विवाहिता की मौत
बर्दवान त्न रसोई घर में आग की चपेट में आ जाने से एक विवाहिता गंभीर रूप से झुलस गयी. उसे तत्काल बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. पुलिस ने मृतका का नाम नीता घोष (38) बताया, वह मेमारी थाना अंतर्गत बिजुर की रहने वाली थी.