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मैं भी काफी डाउन टू अर्थ हूं

बालिका वधू में आनंदी की भूमिका निभा रहीं तोरल रासपुत्र को शुरुआती दौर में इस बात पर संदेह था कि उन्हें लोग इस रोल में स्वीकारेंगे या नहीं. लेकिन उन्हें सफलता मिल चुकी है और वे बेहद खुश हैं. पेश हैं अनुप्रिया से हुई बातचीत के मुख्य अंश. तोरल, शुरुआती दौर में आपको काफी नकारात्मक […]

बालिका वधू में आनंदी की भूमिका निभा रहीं तोरल रासपुत्र को शुरुआती दौर में इस बात पर संदेह था कि उन्हें लोग इस रोल में स्वीकारेंगे या नहीं. लेकिन उन्हें सफलता मिल चुकी है और वे बेहद खुश हैं. पेश हैं अनुप्रिया से हुई बातचीत के मुख्य अंश.

तोरल, शुरुआती दौर में आपको काफी नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली थीं. उस वक्त में और अब वक्त में कितना फर्क महसूस करती हैं आप?

यह सच है कि मुङो शुरुआती दौर में लोगों का प्यार नहीं मिला. मेरे मन में भी डर था कि पता नहीं लोगों को मुझ पर विश्वास होगा या नहीं. चूंकि जब भी आप किसी एक्ट्रेस के रिप्लेसमेंट बनते हैं. आपको आलोचना ङोलनी पड़ती है. लेकिन धीरे-धीरे लोगों ने मुङो स्वीकार कर लिया.

आप आनंदी के किरदार से कितनी करीब हैं?

काफी करीब हूं. आनंदी को भी अपने कल्चर से काफी प्यार है और मुङो भी. मैं भी काफी डाउन टू अर्थ हूं. आनंदी भी. मुझसे आप मिल कर खुद जान जायेंगे कि मुझमें कोई सेलिब्रिटी टैंटरम नहीं है. आप सेट पर भी पूछ सकते हैं. हां, बस एक अंतर है हम दोनों के किरदार में आनंदी बहुत जल्दी लोगों को माफ कर देती है, मैं नहीं करती. मैं अपने गुस्से को शांत नहीं कर पाती. मैं आनंदी से बस यही एक चीज लेना चाहती हूं.

आप आनंदी की तरह ट्रेडिशनल कपड़े पहनना पसंद करती हैं या मॉर्डन?

मुङो हर तरह का लाइफस्टाइल पसंद है. मुङो अच्छा लगता है यह सब. मुङो लगता है कि मैं इस बहाने एक अलग ही जिंदगी जी रही हूं. खासतौर से भारी ज्वेलरी पहनना. लेकिन हर वक्त यह पहनना कठिन है.

आपकी लगातार तुलना प्रत्यूषा से होती रही तो आखिर आपने उस वक्त की परिस्थिति का सामना कैसे किया?

मुश्किल था. लेकिन मेरे परिवार ने मेरा साथ दिया. परिवार ने हमेशा समझाया कि मैं धैर्य रखूं और खुद से जो हो सकता है करूं. यह सच है कि प्रत्यूषा ने जिस तरह शो में जगह बनाया था किसी और को उससे रिप्लेस करना आसान न था. मुङो इससे दिक्कत नहीं होती कि लोग मुङो नयी आनंदी कहते हैं. मॉल में भी कई बार जाती हूं, तो लोग कुछ कहते थे. लेकिन अब वह वक्त बीत चुका है और मैंने अपनी जगह बना ली है.

बालिका वधू आज भी लोकप्रिय धारावाहिक है. आपकी नजर में वह क्या वजह है जो लोग इससे आज भी जुड़े हुए हैं?

मुङो लगता है कि बालिका वधू फेमिली इमोशन भी दिखाता है, लेकिन सोशल इश्यूज को भूलता भी नहीं. वह अपनी सोच से भटका नहीं है. शो में हमेशा कुछ न कुछ सोशल चीजें दिखाई जाती हैं. फिर परिवार की बांडिंग. मां, बेटी, दादी, पिता बहन, पत्नी हर तरह के रिश्तों को अच्छे से डील करता है यह शो. इसलिए मुङो लगता है कि लोग इसे बेहद पसंद करते हैं और अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं.

अभी तक जो शो में ट्रैक चल रहा है, आप उससे कितनी संतुष्ट हैं?

बालिका वधू की टीम सबसे स्ट्रांग मानी जाती है. वे कुछ अचानक से इसमें नहीं डालते. इसकी पूरी तैयारी और योजना पहले से बना कर रखते हैं. याद हो तो गौरी वही लड़की थी, जिससे जगिया की बचपन में शादी हुई थी. फिर बड़े होने पर जगिया और गौरी टकराते हैं और कहानी आगे बढ़ती है. मैं मानती हूं कि कहानी में कोई भटकाव नहीं है. जो भी ट्रैक दिखाये जा रहे हैं, वह सोच-समझ कर दिखाये जा रहे हैं.

गंगा का किरदार निभा रही सरगुन ने हाल ही में विवाह रचाया. उनके बारे में क्या कहना चाहेंगी?

बेहतरीन अभिनेत्री हैं सरगुन और उन्हें बहुत-बहुत बधाई देना चाहूंगी.

बालिका वधू के अलावा कोई और शो?

बिल्कुल नहीं. फिलहाल पूरी तरह इस पर ही ध्यान दे रही हूं.

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