नयी दिल्ली :नौकरी को लेकर अनिश्चितता से भारतीय कर्मचारियों पर दबाव बढ़ गया है और 71 प्रतिशत का कहना है कि आर्थिक मंदी के बाद वे तनाव से जुड़ी बीमारियों से अधिक दो चार हो रहे हैं. रेगस के एक सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकाला गया है. अध्ययन के अनुसार तनाव से जुड़े रोग बिगड़ सकते हैं या स्वास्थ्य से जुड़ी अनेक समस्याओं का कारण बन सकते हैं जिनमें मोटापा, हृदय रोग, अलजाइमर, मधुमेह, अवसाद, अस्थमा तथा भूख खत्म होने जैसे रोग शामिल है.
सर्वेक्षण में शामिल 24 प्रतिशत भारतीयों ने कहा कि वे अपनी नौकरी जाने को लेकर आशंकित रहते हैं और उन्हें अपने क्षेत्र को लेकर कम भरोसा है. सर्वेक्षण भारत सहित 95 देशों में 20,000 वरिष्ठ कार्यकारियों तथा कारोबार चलाने वालों की राय पर आधारित है. सर्वे के अनुसार भारत में एक तिहाई (34 प्रतिशत) लोग अपनी नौकरी को लेकर चिंता के चलते सो नहीं पाते हैं. इसके अनुसार आर्थिक मंदी के बाद लगभग 71 प्रतिशत भारतीय कर्मचारियों को तनाव से जुड़े रोगों का अधिक सामना करना पड़ रहा है.