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जेइइ में सफलता के लिए बनाएं संतुलन

जेइइ मेन्स में सफलता जानकारी और परीक्षा में लिखने की रफ्तार के बीच सही संतुलन बनाने से मिलती है. विद्यार्थियों के पास अभी करीब चार महीने का वक्त है. इसमें समय का सदुपयोग करते हुए आगे की रणनीति बनाएं. वर्ष 2013 से ऑल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जामिनेशन (एआइइइइ) को समाप्त कर जेइइ की शुरुआत की […]

जेइइ मेन्स में सफलता जानकारी और परीक्षा में लिखने की रफ्तार के बीच सही संतुलन बनाने से मिलती है. विद्यार्थियों के पास अभी करीब चार महीने का वक्त है. इसमें समय का सदुपयोग करते हुए आगे की रणनीति बनाएं.

वर्ष 2013 से ऑल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जामिनेशन (एआइइइइ) को समाप्त कर जेइइ की शुरुआत की गयी थी. इससे पहले जेइइ सिर्फ आइआइटी में प्रवेश के लिए आयोजित होता था. पिछले वर्ष से इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जामिनेशन के पैटर्न में बदलाव किये गये. अब यह जेइइ मेन्स और एडवांस्ड दो स्तरों पर आयोजित होता है. जेइइ एडवांस्ड तक पहुंचने का रास्ता मेन्स से होकर जाता है. जेइइ मेन्स के माध्यम से सरकारी, प्राइवेट, सेल्फ फाइनेंस्ड इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश मिलता है. वहीं जेइइ एडवांस्ड में सफलता हासिल कर आइआइटी, आइएसएम में दाखिला मिलता है.

तैयारी के लिए कुछ खास बिंदु
जेइइ मेन्स और एडवांस्ड की तैयारी के लिए सबसे अहम सुझाव है कि विद्यार्थी रिफरेंस बुक्स से बचें.

तैयारी की शुरुआत एनसीइआरटी की 12वीं कक्षा की टेक्स्ट बुक्स से करनी चाहिए. इसके अलावा शिक्षकों की मदद से बनाये गये नोट्स की सहायता लें.
परीक्षा में आनेवाले टॉपिक्स की अंकों के आधार पर सूची बनाएं. इसमें 12वीं कक्षा और जेइइ मेन्स के पाठ्यक्रम से टॉपिकों का चयन करें.
शुरुआत इन टॉपिक्स के बेसिक से करें. उन्हें अच्छे से समङों, फिर आगे बढ़ें. बेसिक क्लियर होगा और कांसेप्ट समझ जायेंगे, तो प्रश्न का उत्तर निकालने में दिक्कत नहीं होगी.
पूरे पाठ्यक्रम से तैयारी करें. रिवीजन पर जोर दें.
जो भी टॉपिक पढ़ें, उसके पिछले वर्षो के पेपर भी हल करें. इससे अपनी कमजोरी का अंदाजा लगेगा.
ध्यान रखें कि जेइइ मेन्स में आपकी समझने की क्षमता का आकलन किया जाता है.
तैयारी के दौरान अगर किसी प्रश्न का हल नहीं आ रहा है, तो समय बर्बाद न करें. आंसर बुकलेट से उत्तर देख कर समझने की कोशिश करें.
मॉक टेस्ट से समय सीमा के अंदर पेपर हल करने का अभ्यास निरंतर करते रहें. तैयारी के समय लगातार मॉक टेस्ट में 60 से 70 फीसदी अंक आने पर फाइनल परीक्षा में सफलता प्राप्त करने की संभावना बढ़ती है.

महत्वपूर्ण टॉपिक्स

परीक्षा में फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथ्स, तीनों पर बराबर महत्व दिया जाता है.
मैथ्स : सेट्स, रिलेशंस और फंक्शंस. लिमिट्स, कॉन्टिन्यूटी एंड डिफरेंशिएबिलिटी. अप्लीकेशन ऑफ डेरेवेटिव्स. इनडेफिनेट इंटीग्रल्स एंड एरिया अंडर द कर्व. कार्टेशियन कोऑर्डिनेट्स एंड स्ट्रेट लाइन. सर्कल्स. कोनिक्स. क्वाड्रेटिक इक्वेशन, इनइक्वेलिटीज, प्रोग्रेशंस. कॉम्प्लैक्स नंबर्स. बिनॉमिअल थ्योरम, एक्सपोनेंशियल एंड लॉगैरिथमिक सीरीज. परम्यूटेशन एंड कॉम्बिनेशन. प्रॉबेबिलिटी. वेक्टर्स. 3-डी कोऑर्डिनेट जिओमेट्री. डिफरेंशियल इक्वेशंस एंड प्रॉपर्टीज ऑफ ट्रायएंगल्स. ट्रिगनोमेट्रिक रेशंस, इक्वेशंस एंड इनवर्स सरकुलर फंक्शन. हाइट्स एंड डिस्टेंसेस. मैट्रिसेस एंड डिटर्मिनेंट्स. मैथमेटिकल लॉजिक. स्टैटिक्स एंड डायनेमिक्स. स्टेटिस्टिक्स.

फिजिक्स : यूनिट्स, डायमेंशंस, एर्स, एक्सपेरिमेंट्स. काइनेटिक्स. न्यूटंस लॉज एंड फ्रिक्शंस. वर्क, पावर एंड एनर्जी. सिस्टम ऑफ पार्टिकल्स. ग्रेविटेशन, रोटेशनल मेकेनिक्स. प्रॉपर्टीज ऑफ मैटर. एसएचएम, ऑसिलेशंस. मेकेनिकल वेव्स एंड साउंड. रे ऑप्टिक्स, वेव ऑप्टिक्स. हीट एंड थर्मोडायनेमिक्स. इलेक्ट्रोस्टेटिक्स. करेंट इलेक्ट्रिसिटी. मैग्नेटिज्म, मैग्नेटिक इफेक्ट्स ऑफ करेंट. इएमआइ, एसी एंड इएम वेव्स. मॉडर्न फिजिक्स.

केमिस्ट्री : एटॉमिक स्ट्रर एंड क्लासिफिकेशन. केमिकल बॉन्डिंग. स्टियोचिओमेट्री. स्टेट्स ऑफ मैटर. केमिकल एंड आइनिक इक्विलिब्रियम. केमिकल काइनेटिक्स एंड न्यूक्यिर केमिस्ट्री. केमिकल थर्मोडायनेमिक्स. सॉल्यूशंस. इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री. जनरल ऑर्गेनिक केमिस्ट्री + फंक्शनल ग्रुप 1. ऑर्गेनिक केमिस्ट्री- फंक्शनल ग्रुप 2. ऑर्गेनिक केमिस्ट्री- ग्रुप 3. केमिस्ट्री ऑफ रिप्रेसेंटेटिव इलीमेंट्स. ट्रांसिशन इलीमेंट्स. कोऑर्डिनेशन कंपाउंड्स एंड ऑर्गेनोमेटेलिक्स. सर्फेस केमिस्ट्री. बायोमॉलिक्यूल्स.

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