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अंतरिक्ष में सैर की तैयारी, नासा के स्पेस प्रोग्राम के लिए 18 हजार से अधिक आवेदन
घूमने के लिए इनसान की सीमाएं फिलहाल पृथ्वी तक ही सीमित है, जिसे बढ़ाने के लिए कई देशों के वैज्ञानिक, स्पेस एजेंसियां और निजी कंपनियां पिछले कई दशकों से जुटी हैं. हाल में इस दिशा में कुछ नयी कामयाबी हासिल हुई है, जिसके आधार पर उम्मीद जतायी जा रही है कि इनसान के पर्यटन का […]
घूमने के लिए इनसान की सीमाएं फिलहाल पृथ्वी तक ही सीमित है, जिसे बढ़ाने के लिए कई देशों के वैज्ञानिक, स्पेस एजेंसियां और निजी कंपनियां पिछले कई दशकों से जुटी हैं. हाल में इस दिशा में कुछ नयी कामयाबी हासिल हुई है, जिसके आधार पर उम्मीद जतायी जा रही है कि इनसान के पर्यटन का दायरा अब अन्य ग्रहों तक विस्तार ले सकता है. कैसे मुमकिन हो रहा है यह सब और क्या कदम उठाये जायेंगे भविष्य में समेत इससे जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं के बीच ले जा रहा है आज का नॉलेज…
शंभु सुमन
धरती पर एक से बढ़ कर एक मनोरम स्थलों के सैर-सपाटे की बातें अब पुरानी हो चुकी हैं. अब यदि धरती से आगे कहीं घूमने जाने की योजना बना रहे हैं, तो बस फटाफट अपना सामान निकालिये, बैग में डालिये और तैयार हो जाइये तारों और ग्रहों की दूसरी दुनिया के सैर पर जाने के लिए.
जी हां, हम अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की ओर से कराये जानेवाले उस सैर-सपाटे की बात कर रहे हैं, जो धरती पर नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में की जा सकती है. नासा का कहना है कि हम सबसे पहले बृहस्पति ग्रह की ओर बढ़ रहे हैं. इसमें बहुत ज्यादा रोमांच छिपा हुआ है.
क्या आप सौरमंडल की अविश्वसनीय घटनाओं को बिलकुल पास से नहीं देखना चाहेंगे? या फिर अपने ग्रहों के चारों ओर की आभा, शुक्र पर होने वाली अम्ल वर्षा, पृथ्वी से तीन गुना बड़े ग्रह बृहस्पति के चारों ओर उठते तूफान और पड़ोसी चंद्रमा व दूसरे ग्रहों के अद्वितीय सौंदर्य का अनुभव नहीं करना चाहेंगे? यदि हां, तो इसके लिए आप भी अंतरिक्ष में सैर की योजना बना सकते हैं. यह कोई कोरी कल्पना नहीं, बल्कि स्पेस टूरिज्म यानी अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से रोमांचक अनुभवों का दावा करने वाले कुछ आकर्षक पोस्टर भी जारी किये हैं.
दुनिया के ताकतवर और विकसित देशों के बीच अंतरिक्ष को लेकर बढ़ती प्रतिस्पर्धा से अब अंतरिक्ष पर्यटन के नये दरवाजे खुल चुके हैं. मौजूदा युग में यह एक नये उद्योग का रूप धारण कर चुका है.
कोई भी व्यक्ति किराया चुका कर अंतरिक्ष भ्रमण का राेमांचक आनंद उठा सकता है, जो एक अद्भुत सपना साकार करने जैसा होगा. अंतरिक्ष सैर-सपाटे के लिए अंतरिक्ष यानों-शटलों की विभिन्न तरह की डिजाइनों पर न केवल काम शुरू हो चुका है, बल्कि कुछ के परिक्षण भी किये जा चुके हैं.
यात्रा 2018 में संभावित
नासा ने बीते साल 14 दिसंबर से मध्य फरवरी, 2016 तक अंतरिक्ष यात्रा के लिए मंगल ग्रह पर जाने के लिए इच्छुक योग्य व्यक्तियों से आवेदन आमंत्रित किये थे. इस संबंध में उसके द्वारा एक अंतरिक्ष यात्री द्वारा बनाया गया अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) का दिलचस्प वीडियो भी जारी किया है. इस वीडियो में अंतरिक्ष स्टेशन की कुछ दैनिक गतिविधियों को दर्शाने वाले अद्भुत नजारे की विशेष अनुभूति को दिखाया गया है.
मंगल ग्रह पर जाने के लिए तत्पर आवेदकों की संख्या काफी चौंकाने वाली है. कुल 18,300 आवेदकों में से 8 से 14 यात्रियों को चुना जाना तय किया गया है. समुचित प्रशिक्षण मुहैया कराने के बाद उन्हें वहां भेजने के लिए तैयार किया जायेगा. उनकी यह यात्रा वर्ष 2018 में संभावित है.
अंतरिक्ष अभियानों के लिए नासा अलग-अलग क्षेत्रों से योग्य अमेरिकी नागरिकों का चयन करती है. इनमें पायलट से लेकर इंजीनियर और वैज्ञानिक से लेकर डॉक्टर या फिर उसकी शर्तें पूरी करने वाला कोई भी सामान्य नागरिक हो सकता है.
चुने हुए यात्री जायेंगे स्पेस में
इस बारे में नासा के प्रशासक और पूर्व अंतरिक्ष यात्री चार्ली बोल्डेन का कहना है कि चुने गये अमेरिकी धरती से अंतरिक्ष यानों के जरिये उड़ान भरेंगे और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर शोध को गति देने के साथ-साथ सुदूर अंतरिक्ष अभियानों की तकनीक को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभायेंगे. वह कहते हैं, ‘मेरे लिए यह आश्चर्य की बात है कि विविध पृष्ठभूमि से काफी संख्या में अमेरिका के लोग मंगल ग्रह पर जाने और हमारी यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं.
इस समूह में कुछ विशेष प्रतिभाशाली पुरुष और महिलाओं को चुना जायेगा. अमेरिकी यान से अंतरिक्ष की ओर शुभारंभ करेंगे.’
उन्होंने यह भी कहा कि चुने गये प्रतिभागियों को अंतरिक्ष विमान तंत्र, स्पेस वाॅकिंग और टीम वर्क का कड़ा प्रशिक्षण दिया जायेगा. उसके बाद ही प्रशिक्षण पूरा होने पर अलग-अलग अंतरिक्ष यानों में से किसी एक पर भेजा जायेगा. सफल प्रतिभागियों की घोषणा वर्ष 2017 के मध्य तक की जायेगी.
आकर्षण के कारण
स्पेस टूरिज्म के प्रति आकर्षण के कई कारण हैं. जैसे अंतरिक्ष से दिखनेवाली सबसे खूबसूरत नीली धरती को देखने का आनंद और भारहीनता की विलक्षण अनुभूति के साथ अंतरिक्ष की रोमांचक घटनाओं का अनुभव होने के साथ इससे वैश्विक ‘स्टेटस सिंबल’ भी हासिल होगा. संभवतः यही कारण है कि अंतरिक्ष की सैर के सपने पूरे करनेवाले आवेदकों की संख्या वर्ष 1978 में 8000 की तुलना में दोगुने से भी अधिक हो गये हैं.
मंगल पर जाने के लिए चयन की शर्तों को लेकर अगर कुछ भ्रांतियां हैं, तो कुछ शारीरिक तंदुरुस्ती से लेकर शैक्षणिक योग्यता भी मायने रखती है. जैसे इसके लिए वैसे अमेरिकी नागरिक का होना जरूरी है, जिनकी योग्यता जीव विज्ञान भौतिक विज्ञान, गणित या इंजीनियरिंग में स्नातक की हो.
इस बारे में सामान्य गलतफहमी है कि उसे डाॅक्टरेट जैसी उच्च डिग्रीधारी होना जरूरी है. इसी तरह से उसका सेना में होना भी जरूरी नहीं है. लेकिन हां, उम्र की सीमा 26 से 46 वर्ष के बीच होनी चाहिए. इसके साथ ही उम्मीदवार को जेट विमान में कम-से-कम एक हजार घंटे तक उड़ान परीक्षण का अनुभव जरूरी है. साथ ही दृष्टि प्रत्येक आंख के लिए 20/20, रक्त चाप 140/90 और ऊंचाई 62 से 75 इंच के बीच हाेना चाहिए.
एयर टैक्सियों से यात्रा
स्पेस में सैर के लिए आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित अंतरिक्ष यान-शटल को खास तरह से डिजाइन किया गया है. इसमें स्पेस टैक्सी स्पोर्ट्स कार की तरह छह सीटों वाली होंगी. नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के अध्यक्ष केस ल्यूडर्स के अनुसार, ये टैक्सियां विमान बनानेवाली कंपनी ‘बोइंग’ और दूसरी कंपनी ‘स्पेसएक्स’ द्वारा बनायी जा रही हैं.
बोइंग द्वारा बनायी जानेवाली टैक्सी ‘सीएसटी100’ है, जबकि स्पेसएक्स द्वारा बनायी जानेवाली टैक्सी का नाम ‘ड्रगन’ रखा जाना है. ये यान न केवल अंतरिक्ष यात्रियों को ‘इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन’ तक लाने और ले जाने का काम करेंगे, बल्कि वहां उनके लिए जरूरी सामान भी मुहैया करवायेंगे. इसके लिए इन यानों की सेवाएं आगामी वर्ष 2017 से शुरू हो सकती हैं. ल्यूडर्स का कहना है कि ये यान भविष्य में महत्वपूर्ण मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियानों के लिए नयी राह भी बनायेंगे.
यान का ईंधन
इन यानों में ईंधन के रूप में ऑक्सीजन और इथेनॉल के मिश्रण का इस्तेमाल किया जायेगा, जबकि अन्य यानों में हाइड्रोजन पैराक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड गैस के इस्तेमाल का प्रयोग की जांच-परख जारी है.
अंतरिक्ष में होटल की योजना
इसी साल ऑर्बिटल टेक्नोलॉजीज नाम की रूसी कंपनी ने अंतरिक्ष में होटल स्थापित करने की भी योजना बनायी है. यह कंपनी वर्ष 2030 तक मंगल ग्रह पर जानेवाले अंतरिक्ष पर्यटकों को आकर्षक सुविधा देने की घोषणाएं करेगी. सरकारी सहयोग से चलनेवाली इस कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सरगई कोस्तेंको के अनुसार, यह महत्वाकांक्षी योजना एक ऐसे आरामदायक होटल की है, जिसका पहला मॉड्यूल करीब 20 घनमीटर का होगा और इसमें सात पर्यटक रह सकेंगे. यह कंपनी आरकेके एनर्जिया का एक हिस्सा है, जिसका अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचाने का अनुभव रह है. कोस्तेंको का कहना है कि इस होटल की डिजाइन इनसान की रोजमर्रा की सुविधाओं को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है.
इसमें ठहरनेवाले पर्यटकों को वैक्यूम शौचालय, स्पंज स्नान और भोजन की सुविधा मिलेगी. हालांकि यहां महज पांच दिन बिताने के लिए यात्रियों को करीब 10 लाख डॉलर खर्च करने होंगे. इसे भले ही निजी कंपनी के लिए शोध करनेवाले अमीरों को आकर्षित करने के उद्देश्य से बनाया जायेगा, लेकिन कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि स्पेस स्टेशन के मुकाबले यह प्रस्तावित होटल ज्यादा आरामदायक होगा और बाद में इसके खर्च में कमी आ सकती है.
अंतरिक्ष पर्यटन के पोस्टर
हाल में ही में नासा ने अंतरिक्ष पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘भविष्य के सपने’ का दावा करते हुए 14 विंटेज यात्रा के आकर्षक पोस्टर जारी किये हैं. इन पोस्टर में दिये गये लुभावने स्लोगन को पढ़ कर और तसवीरों को देख कर कोई भी स्पेस की सैर पर जाने को लालायित हो सकता है. इसे नासा की जेट प्रोपल्सन लेबोरेटरी ने वर्ष 2016 के कैलेंडर के रूप में बनाया है, जो केवल नासा के कर्मचारियों, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों आदि को बांटे जायेंगे.
जेपी एल्ल इसकी डिजिटल प्रतियां हर माह के हिसाब से जारी करेंगी, लेकिन कोई भी व्यक्ति इस फर्म की वेबसाइट से हार्ड कॉपी के रूप में इसे खरीद सकता है. इन पोस्टर में महीने के हिसाब से अलग-अलग विषय रखे गये हैं, जिनमें से एक ‘द ग्रेड टूर’ नासा के वॉयजर मिशन को दर्शाता है. इस मिशन पर नासा ने हर ग्रह की गुरूत्वाकर्षण के हिसाब से प्रत्येक स्पेसक्राफ्ट की गति को निर्धारित कर दिया था, ताकि स्पेसक्राफ्ट सौरमंडल की सीमाओं से परे जा सके. इस पोस्टर का नामकरण इन्हीं बातों को ध्यान में रख कर किया गया. एक अन्य पोस्टर ‘इनसोलाडस’ में शनि ग्रह के चंद्रमा को दिखाया गया है, जहां 100 से अधिक झरने हैं.
पर्यटकों को लुभाने के लिए इन झरनों के अद्भुत दृश्यों को देखने की बात कही गयी है. मंगल ग्रह को दर्शाने वाले पोस्टर में रॉकेट, विमान और खेती आदि को प्रतीक के रूप में देखा जा सकता है, जिसके जरिये यह बताने की कोशिश की गयी है कि इनसान मंगल पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवा चुका है.
वर्जिन गेलेक्टिक की वापसी
अंतरिक्ष पर्यटन की दौड़ में वर्जिन गेलेक्टिक की वापसी हो चुकी है. अगर इस परियोजना में सबकुछ ठीक-ठाक रहा, तो छह लोगों को अंतरिक्ष में पहुंचाने की क्षमतावाले स्पेसक्राफ्ट में विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग को भी अंतरिक्ष पर्यटक बनने की इच्छा है.
अपनी यह इच्छा उन्होंने वर्जिन गेलेक्टिक के नये वीएसएस यूनिट के नये स्पेसशिप टू क्राफ्ट के अनावरण के दौरान जतायी थी. वर्जिन के मालिक रिचर्ड ब्रैनसन ने इस मौके पर कहा, ‘हम नये अंतरिक्ष युग में प्रवेश कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि हमें एक नयी वैश्विक एकता बनाने में मदद मिलेगी.’ प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने कहा, ‘यदि मैं अंतरिक्ष में जाने के योग्य और सक्षम हूं और रिचर्ड मुझे वहां ले जाना चाहें, तो मुझे स्पेसशिप में उड़ान भरने पर गर्व होगा.’
इस स्पेसक्राफ्ट को इस तरह से डिजाइन किया गया है, ताकि इसमें बैठे यात्रियों कोस्पेस की उप-कक्षा में पांच मिनट तक के लिए ले जा सके. इस लिहाज से इसमें यात्रा करनेवाले पर्यटक को कुछ समय तक अंतरिक्ष का नजारा देखने का अनुभव होगा, जो नासा के अंतरिक्ष पर्यटन के उस नजारे से कुछ अलग होगा, जिन्होंने वहां दस दिन तक गुजारे हैं. इसके लिए काफी महंगी टिकट रखी गयी है, जो 2,50,000 डॉलर है.
वर्जिन गेलेक्टिक स्पेसशिप बनाने वाली एक निजी कंपनी है, जिसका स्पेस शटल के रूप में अंतरिक्ष में भेजने के लिए एक जुड़वां स्पेसक्राफ्ट ‘स्पेसशिप टू’ बनाया था. दुर्भाग्य से यह महत्वाकांक्षी योजना पूरी नहीं हो सकी और 2 नवंबर, 2014 को कैलिफोर्निया के मोहवा रेगिस्तान में उड़ान परीक्षण के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस दुर्घटना में इसके एक पायलट की भी मौत हो गयी थी.
उस दुर्घटना से सीख लेते हुए नये स्पेसक्राफ्ट में काफी कुछ बदलाव किये गये हैं. गेलेक्टिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जार्ज व्हाइटसाइड का कहना है कि सबसे बड़ा बदलाव सुरक्षा संबंधी पूंछ में घूमने वाला संयंत्र लगा कर किया गया है. अन्य परिवर्तनों में लैंडिंग गियर है, ताकि पायलट को स्पेसक्राफ्ट उतारने में आसानी हो.
साल 2001 में हुई अंतरिक्ष पर्यटन की शुरुआत
दो करोड़ डॉलर की टिकट लेकर अंतरिक्ष में सैर पर जानेवाले पहले अंतरिक्ष पर्यटक अमेरिका के एक व्यवसायी डेनिस टीटो थे. 28 अप्रैल, 2001 को उन्हें अमेरिका की कंपनी एक कंपनी स्पेस एडवेंचर लिमिटेड द्वारा रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से स्पेस में भेजा गया था.
उनकी 10 दिवसीय रोमांचक यात्रा 6 मई, 2001 को खत्म हुई थी और वे सकुशल पृथ्वी पर लौट आये थे. आज भी किराया चुका कर अंतरिक्ष पर्यटन करवाने वाली एकमात्र संस्था यही है. टीटो के बाद दक्षिण अफ्रीका के कंप्यूटर उद्योगपति मार्क शटलवर्थ ने 25 अप्रैल से 5 मई 2002 तक अंतरिक्ष की सैर की, तो तीसरे अंतरिक्ष पर्यटक के तौर पर ग्रेगरी ओल्सेन एक अक्तूबर से 11 अक्तूबर, 2005 तक का समय गुजारते हुए कुछ प्रयोग भी किये. इसी सिलसिले में ए अंसारी को 18 सितंबर से 28 सितंबर, 2006 तक और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कारोबारी चार्ल्स सियेन्यी को सात अप्रैल से 21 अप्रैल, 2007 तक अंतरिक्ष पर्यटक बनने का अवसर मिला.
दुनिया के पहले स्पेस टूरिस्ट के रूप में विख्यात हो चुके टीटो करीब 500 दिनों की मंगल ग्रह की यात्रा पर जाने की तैयारी कर चुके हैं. उम्मीद जतायी गयी है कि जनवरी, 2018 में एक स्वयंसेवी संस्थान ‘इंस्पिरेशन मार्स फाउंडेशन’ के तहत वे मंगल की यात्रा पर जा सकते हैं. उनकी यात्रा स्पेस-एक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से होगी. इसमें पर्यावरण नियंत्रण और जीवन के लिए उपयोगी उपकरण लगाये गये हैं. इस यात्रा में वे न तो मंगल पर उतरेंगे और न ही उसकी कक्षा के चक्कर लगायेंगे.
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