कमजोरी इतनी बढ़ गयी है कि उससे चला भी नहीं जाता है. खाने का अभाव व शारीरिक तकलीफ के साथ-साथ सिद्दिका को समाज से कई तरह के ताने भी सुनने पड़ते हैं. कभी उसे डायन बताया गया, तो कभी उसे लोगों ने दूसरी दुनिया की महिला साबित करने की कोशिश की. अब यह परिवार मुख्यमंत्री से गुहार लगाने महानगर पहुंचा है. मकसद पेट भर खाना और सही ढंग से जिंदगी जीने के लिए थोड़ी सी मदद हासिल करना है. सिद्दिका का कहना है कि जिंदगी उसके लिए बोझ बनती जा रही है. उसके परिवारवाले भी परेशान हो रहे हैं. कमजोरी के कारण चलना-फिरना कठिन हो गया है.कुछ वर्ष पहले भी सिद्दिका इलाज के लिए शहर आयी थी. उस समय उसके ब्रेन टयूमर का ऑपरेशन हुआ था. अब पांच-छह दिन से सिद्दिका के नाक से खून निकलने लगा है.
परिवार के लिए अपनी बेटी का सही से इलाज कराना आैर भी बड़ी मुसीबत है. फिर भी बंशीहाट का यह परिवार अपनी बच्ची का इलाज करवाने के लिए कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया था, लेकिन आरोप है कि डॉक्टर सिद्दिका के इलाज पर कम, उसकी तसवीर खींचने में अधिक व्यस्त रहे. सिद्दिका के पिता ने कहा कि अस्पताल में किसी को भी उनकी बेटी की बिगड़ी सेहत की बिल्कुल चिंता नहीं थी, सभी केवल उसके असाधारण कद को कैमरे में कैद करने की फिराक में थे. सिद्दिका के परिजन जिला प्रशासन से भी पिछले कई वर्षों से मदद की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन आज तक कुछ भी नहीं मिला. सिद्दिका की कहानी सुन राज्य की महिला व शिशु कल्याण मंत्री डॉ शशि पांजा सोमवार को उससे मिलेंगी. डॉ पांजा ने बताया कि जो भी मदद होगी, हम जरूर करने की कोिशश करेंगे.