नयी दिल्ली:कैंसर की रोकथाम को लेकर चर्चा करने के लिए यहां आयोजित एक सम्मेलन में इस घातक रोग से लड़ने के लिए भविष्य की कुछ प्रौद्योगिकियों पर चर्चा हुई और विशेषज्ञों ने कहा कि कि नयी प्रौद्योगिकियां कैंसर की पहचान और इसकी रोकथाम को व्यापक तरीके से बदल सकती हैं. राजधानी में चार दिवसीय ‘भारतीय कैंसर कांग्रेस-2013’ का समापन रविवार को हुआ जो आयोजकों के दावे के अनुसार इस खतरनाक बीमारी से रोकथाम के उपायों पर चर्चा करने के लिए भारत में आयोजित अपनी तरह का पहला सम्मेलन था.
आयोजकों के अनुसार इस कांग्रेस में कंपनियों ने बताया कि नयी प्रौद्योगिकियां कैंसर की पहचान और इसकी रोकथाम को किस तरह व्यापक तरीके से बदल सकती हैं. आयोजकों के अनुसार, चिकित्सा क्षेत्र के लिए एक अहम पहलू यह भी रहा कि कैंसर कांग्रेस में 1900 से ज्यादा वैज्ञानिक शोधपत्र प्रस्तुत किये गये और कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में काम कर रहे 150 से ज्यादा युवा विज्ञानियों को पुरस्कृत किया गया.
मॉलिक्यूलर इमेजिंग से रेडियोथेरेपी तक
आयोजकों की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि पहली बार मॉलिक्यूलर इमेजिंग की तकनीक का प्रदर्शन किया गया जो भविष्य में कैंसर का पता लगाने की दिशा में अहम साबित हो सकती है. रेडियेशन के क्षेत्र में रेडियोथैरपी की एक नयी प्रौद्योगिकी पर भी रोशनी डाली गयी, जिसे किफायती, तेज और सुविधाजनक होने का दावा किया गया है. कैंसर कांग्रेस के आयोजक सचिव डॉ हरित चतुर्वेदी ने कहा, भारतीय कैंसर कांग्रेस-2013 में कैंसर की देखभाल से जुड़े दुनियाभर के विशेषज्ञों की ओर से मिली महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ हमें विश्वास है कि नयी पीढ़ी को कैंसर विज्ञान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समझने में मदद मिलेगी.