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वाटरफॉल के भीतर ज्वाला

पश्चिमी न्यूयार्क के चेस्टनट रिज पार्क स्थित वाटरफॉल के भीतर वैज्ञानिकों को एक प्रकृति प्रदत्त शाश्वत ज्वाला (नेचुरल इटरनल फ्लेम) मिली है. ऐसा माना जा रहा है कि चट्टानों के भीतर यह हजारों साल से जलती चली आ रही है. इसे ‘न्यूयार्क इटरनल फ्लेम’ का नाम दिया गया है. इस ज्वाला पर शोध कर रहे […]

पश्चिमी न्यूयार्क के चेस्टनट रिज पार्क स्थित वाटरफॉल के भीतर वैज्ञानिकों को एक प्रकृति प्रदत्त शाश्वत ज्वाला (नेचुरल इटरनल फ्लेम) मिली है. ऐसा माना जा रहा है कि चट्टानों के भीतर यह हजारों साल से जलती चली आ रही है.

इसे ‘न्यूयार्क इटरनल फ्लेम’ का नाम दिया गया है. इस ज्वाला पर शोध कर रहे इंडियाना विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दुनिया में ऐसे हजारों प्रकृति प्रदत्त ज्वालाएं हैं, जो चट्टानों के भीतर बननेवाली गैसों से जलती रहती हैं. लेकिन न्यूयार्क इटरनल फ्लेम को वैज्ञानिकों ने सबसे अलग प्रकृति का करार दिया है.

वैज्ञानिक तथ्यों के मुताबिक चट्टानों के गहरे नीचे मिट्टी के अंदर बननेवाली मीथेन गैस को बैक्टीरिया खाते रहते हैं, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होता है. चट्टानों में इस गैस के रिसाव से ही ऐसी ज्वाला प्रज्वलित हो जाती है. यह रिसाव बहुत स्थूल होता है और दीर्घकालिक होता है, जिसके कारण यह ज्वाला हजारों साल तक जलती रहती है.

वैज्ञानिक इस ज्वाला की माप लेकर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसके एक खास समय तक जलने के लिए कितनी गैस की जरूरत पड़ती है. कई जगहों पर ऐसी ज्वाला को धार्मिक कारण माना जाता है, लेकिन वैज्ञानिकों ने इस प्राकृतिक कारण माना है. ‘डेली मेल’ के मुताबिक वैज्ञानिक अभी इस तथ्य पर नहीं पहुंच पाये हैं कि इसके लंबे समय तक जलते रहने की ठोस वजह क्या है.

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