कहा जाता है, मनुष्य जब सभी जतन करके थक जाता है, तो वह भगवान की शरण में जाता है. भारतीय टेलीविजन इंडस्ट्री की भी हालत कुछ ऐसी ही है. टीआरपी की जंग में टेलीवुड इंडस्ट्री अब ‘भगवान’ की शरण में है. सभी प्रमुख चैनलों पर धार्मिक सीरियल प्रमुखता से प्रसारित किये जा रहे हैं. ‘भगवान’ ने टेलीवुड को निराश भी नहीं किया है. टीआरपी की लड़ाई में धार्मिक धारावाहिकों ने रियलिटी शो तक को पीछे छोड़ दिया है. पेश है कुमार रजत की रिपोर्ट.
महाभारत ने दी बिग बॉस को पटखनी
सितंबर में टेलीविजन पर दो बड़े शो ने इंट्री की. 15 सितंबर को ‘बिग बॉस’ की शुरुआत हुई तो 16 सितंबर से स्टार प्लस पर ‘महाभारत’ ने दस्तक दी. मगर बाजी महाभारत ने मारी. सलमान खान के बावजूद बिग बॉस को जहां पहले दिन 7,711 टीवीटी मिले, वहीं नये कलाकारों से सुसज्जित महाभारत ने 8,445 टीवीटी के साथ शानदार आगाज किया. यह बढ़त अक्तूबर के पहले सप्ताह की रेटिंग तक कायम है.
महादेव बने हैं लाइफ ओके के तारणहार
लाइफ ओके जैसे नये चैनल पर प्रसारित होने के बावजूद धार्मिक सीरियल ‘देवों के देव महादेव’ ने सोनी, स्टार और जीटीवी के कई बड़े शो को लोकप्रियता में पीछे छोड़ दिया है. अक्तूबर के पहले सप्ताह में जारी रिपोर्ट के अनुसार ‘देवों के देव महादेव’ को 4009 टीवीटी मिले हैं, जो सोनी पर प्रसारित होनेवाले अमिताभ बच्चन के ‘कौन बनेगा करोड़पति’ से ज्यादा है. केबीसी को इस दौरान 3911 टीवीटी मिले हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि लाइफ ओके महादेव के कारण ही सोनी जैसे पुराने चैनल को पछाड़कर चौथे नंबर तक पहुंच गया है. लगभग दो साल से महादेव लाइफ ओके का नंबर वन शो बना हुआ है. ‘देवों के देव महादेव’ की सफलता से उत्साहित होकर ही चैनल ने सितम्बर में नया धार्मिक धारावाहिक ‘कथा महादेव पुत्र बाल गणोश की’ शुरू किया है.
बुद्ध ने ली रामायण की जगह
जीटीवी के चर्चित धार्मिक सीरियल ‘रामायण’ की जगह नया शो ‘बुद्ध’ शुरू हुआ है. बुद्ध का प्रसारण हर रविवार को सुबह 11 से 12 बजे तक किया जा रहा है. इसमें भगवान बुद्ध की कहानी दिखायी जा रही है. बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है. शो ने चैनल को निराश भी नहीं किया है. अक्तूबर के पहले सप्ताह में जारी रिपोर्ट में बुद्ध जीटीवी के टॉप 10 शो में बना हुआ है.
बजरंगबली का ‘सहारा’
सहारा वन चैनल को बजरंबली ने ‘सहारा’ दिया हुआ है. ‘जय-जय-जय बजरंगबली’ शो लगातार चैनल का नम्बर वन शो बना हुआ है. इस शो से चैनल को खूब कमाई भी हो रही है. इस धारावाहिक के दौरान विज्ञापन के लिए चैनल सबसे ज्यादा पैसे चार्ज कर रहा है. छह जून 2011 को शुरू हुए शो के 600 से ज्यादा एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं.
नया नहीं है ट्रेंड
धार्मिक सीरियल की लोकप्रियता नयी नहीं है. भारतीय दर्शकों ने हमेशा से ही धार्मिक सीरियलों को पसंद किया है. 80 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित होनेवाले रामायण और महाभारत जैसे धारावाहिक इसके प्रमाण हैं. 1987 में रामायण की व्यूअरशिप करीब 10 करोड़ थी. यह आंकड़े उस समय के हैं, जब अधिकतर घरों में टीवी सेट नहीं थे. इसके एक साल बाद आये महाभारत को भी दर्शकों का भरपूर प्यार मिला. दूरदर्शन पर सुबह 9 से 10 बजे तक प्रसारण के समय सड़कों पर कफ्यरू-सा नजारा होता था. घरों में लोग नहा-धोकर हाथ जोड़े इन सीरियलों को देखते थे. 1993 में ‘श्रीकृष्णा’ ने भी खूब लोकप्रियता अजिर्त की. हालांकि कई बार धार्मिक शो पर दांव लगाना भारी भी पड़ा है. 2008 में नाइन एक्स चैनल पर शुरू हुई ‘कथा हमारे महाभारत की’ इसका प्रमाण है. खराब टीआरपी के कारण इसे बीच में ही बंद कर देना पड़ा.
फिल्मों में भी किस्मत आजमा चुके हैं ‘महादेव’
छोटे परदे के ‘महादेव’ मोहित रैना फिल्मों में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. 2008 में आयी मिथुन चक्रवर्ती स्टारर फिल्म ‘डॉन मुत्थु स्वामी’ में उन्होंने जयकिशन की भूमिका निभायी थी. छोटे परदे पर भी मोहित काफी पहले से एक्टिव हैं. वर्ष 2004 में उन्होंने स्टार प्लस के साइंस फिक्सन शो ‘अंतरिक्ष एक अमर कथा’ से अभिनय की शुरुआत की थी. इसके बाद वह स्टार प्लस के शो ‘भाभी’ व ‘चेहरा’, इमैजिन टीवी के शो बंदिनी और सहारा वन के शो गंगा की धीज में महत्वपूर्ण किरदारों में नजर आ चुके हैं.
लोकप्रियता का पैमाना है टीवीटी
टीवी पर शो को देखने वाले दर्शकों की संख्या मापने के लिए पहले टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट) का सहारा लिया जाता था. अब टीआरपी की जगह नया पैमाना टीवीटी (टेलीविजन व्यूअरशिप इन थाउजेंट) बनाया गया है. टीआरपी में दर्शकों की संख्या प्रतिशत में होती थी, वहीं टीआरवी में यह हजार में होती है.