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अब ब्रांड बन चुका है डीआइडी

जीटीवी के चर्चित शो ‘डांस इंडिया डांस’ के नये संस्करण ने भी अच्छी लोकप्रियता हासिल की है. नये सीजन यानी ‘डांस के टशन’ में लिटिल मास्टर्स को बेस्ट सुपर मॉम टक्कर देने मंच पर हैं. इस शो में पहली बार कोरियोग्राफर अहमद खान भी जुड़े हैं. गीता कपूर और अहमद खान शो में जज की […]

जीटीवी के चर्चित शो ‘डांस इंडिया डांस’ के नये संस्करण ने भी अच्छी लोकप्रियता हासिल की है. नये सीजन यानी ‘डांस के टशन’ में लिटिल मास्टर्स को बेस्ट सुपर मॉम टक्कर देने मंच पर हैं. इस शो में पहली बार कोरियोग्राफर अहमद खान भी जुड़े हैं. गीता कपूर और अहमद खान शो में जज की भूमिका में हैं. पेश है अनुप्रिया से हुई उनकी बातचीत के मुख्य अंश

गीता, आप लंबे समय से डीआइडी से जुड़ी रही हैं. लेकिन आप डीआइडी सुपरमॉम का हिस्सा नहीं रहीं. फिर से आपने वापसी की. कुछ खास कारण?
डीआइडी हमेशा ही मेरे दिल के करीब रहा है, इसलिए मैं इस शो के हर सीजन का हिस्सा रही हूं. हालांकि पिछले सीजन में मैं सुपरमॉम का हिस्सा नहीं बन पायी थी. चूंकि मैं किसी और शो का हिस्सा थी. लेकिन अब मैं इस शो में शामिल होकर खुश हूं, क्योंकि अब मैं इसमें कई प्रतिभाशाली माताओं को परफॉर्म करते देख रही हूं.

गीता, डीआइडी में कई खास मौके रहे हैं. आपके लिए कौन-सा पल सबसे यादगार रहा है?

डीआइडी के हर सीजन का हर पल खास है. यदि मुङो किसी एक सीजन का चुनाव करना हो, तो मैं कहूंगी कि ‘डीआइडी सीजन टू’ मेरे दिल के सबसे करीब रहा. सीजन एक के बाद बहुत से लोग थे, जो मेरे काम में यकीन नहीं रहे थे. कुछ लोग थे, जो कहते थे कि मेरा वजन बहुत ज्यादा है. हालांकि सीजन 2 में मेरे पास प्रतियोगियों की एक सर्वश्रेष्ठ टीम थी. इस टीम के प्रतिभागियों ने आलोचकों को गलत साबित करने के लिए अपनी मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी. सभी लोग दिन-रात रिहर्सल करते थे. ताकि मेरे काम के बारे में कोई नकारात्मक टिप्पणी न कर सके. उस पूरे सीजन का हर पल बेहद यादगार था और मेरे दिल के काफी करीब था.

अहमद, आपने इससे पहले कोई डांसिंग शो नहीं किया था. फिर इस सीजन को क्यों चुना?

डांस इंडिया डांस हमेशा से मुङो आकर्षित करता रहा है. मैं इस शो के पहले सीजन में शामिल होने वाला था. लेकिन कुछ अन्य व्यस्तताओं की वजह से मैं इसमें हिस्सा नहीं ले सका. मुङो बच्चों से प्यार है और मैं माताओं को इनकार नहीं कर सकता. इस शो में बच्चे और माताएं दोनों हैं और मैं उन्हें न नहीं कह सका. मैं डीआइडी से जुड़ना चाहता था, क्योंकि यह आज बहुत बड़ा ब्रांड बन चुका है. खासतौर पर डीआइडी प्रतिभाशाली बच्चों को प्रोमोट करता है और उनके कैरियर को उड़ान देता है. डीआइडी की सबसे अच्छी बात मुङो यह लगती है, कि शो प्रतिभागियों की जीत तक ही उन्हें प्रोमोट नहीं करता, बल्कि शो खत्म होने के लंबे समय बाद तक भी उन्हें सहयोग करता रहता है. उससे उन्हें अपना कैरियर बनाने में मदद मिलती है.

अहमद, क्या आगे भी आप रियलिटी शोज का हिस्सा बनते रहेंगे?

जी हां, निश्चित तौर पर भविष्य में रियलिटी शोज की ओर ध्यान दूंगा. इन दिनों टेलीविजन वाकई बहुत विशाल हो चुका है. अब यह छोटा परदा नहीं. टीवी की पहुंच से लेकर इसमें आनेवाले सितारों तक सब कुछ फिल्मों के समान हो रहा है. रियालटी शो में काम तो करूंगा ही अगर मौका मिला तो रियलिटी शो का निर्माण भी करूंगा.

यह सवाल आप दोनों के लिए, इस शो में आपके कोई पसंदीदा प्रतिभागी?

अहमद : मुङो लगता है मॉम्स और बच्चे एक दूसरे से मुकाबला करते हुए शो में शानदार काम कर रहे हैं और मैं बच्चों को सपोर्ट करूंगा.

गीता : मैं मॉम्स को समर्थन करूंगी. दर्शकों ने बच्चों और युवाओं को डांस इंडिया डांस में हिस्सा लेते हुए देखा. मगर मॉम्स का डांस फ्लोर पर उतरना अपने आप में नयी बात है.

डीआइडी सुपरमॉम्स के नये सीजन में माताएं फिर से मंच पर क्यों उतरीं?

अहमद : ये माताएं जो भी मंच पर कर रही हैं. काफी मेहनत से कर रही हैं. बच्चे उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं. मुकाबला रोमांचक होनेवाला है.

गीता : जब आप मां के बारे में सोचते हैं, तो उन्हें लगता है कि माताओं की एकमात्र जिम्मेदारी सिर्फ घर और बच्चों की देखभाल करना है. लेकिन यह महिलाएं न सिर्फ अपनी घरेलू जिम्मेदारी निभा रही हैं, बल्कि दुनिया को अपना हुनर भी दिखा रही हैं.

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