20 वर्ष में 1312 की गयी जान
रांची: झारखंड में डायन प्रथा के नाम पर विशेष कर गांव की महिलाएं आज भी प्रताड़ना की शिकार हैं. पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर महिलाएं संपत्ति और जायदाद की वजह से डायन हिंसा की शिकार हो रही हैं. अधिकतर मामलों में कमजोर महिला को उनके ही सगे-संबंधी और गांव के लोग डायन करार देकर उनकी हत्या कर दे रहे हैं.
एकल नारी सहज निशाना
गांव की विधवा और बुजुर्ग औरतें डायन प्रथा की सर्वाधिक शिकार हैं. विधवा व एकल नारी, जिसने शादी नहीं की है, उसकी जमीन और संपत्ति हथियाने के लिए सगे संबंधी कुचक्र रच कर उसे मार डालते हैं. कई मामले ऐसे भी हैं, जिसमें शारीरिक शोषण का विरोध करनेवाली महिलाओं को भी डायन करार देकर मारा गया है. डायन करार देनेवालों लोगों में गांव के ओझा-गुनी का सबसे बड़ा हाथ होता है. पैसे खाने के चक्कर में ओझा किसी भी महिला को डायन करार देते हैं.
रांची में सबसे ज्यादा हत्या
20 वर्षो में 1312 महिलाओं को डायन बता कर मारा गया है. उत्तरी और दक्षिणी छोटानागपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय के आंकड़ें के अनुसार 1991 से 2000 तक 522 महिलाएं डायन के नाम पर मारी गयी हैं. स्वयंसेवी संस्था आशा के अनुसार 1990 से लेकर अब तक झारखंड में 1312 महिलाएं डायन के नाम पर मारी गयी हैं.
डायन के नाम पर रांची में सबसे ज्यादा हत्याएं हुई हैं. खूंटी, लोहरदगा, सिमडेगा, गुमला, सरायकेला, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, हजारीबाग व चतरा में डायन हत्या के अधिक मामले सामने आये हैं.
जिला हत्या के मामले
रांची 238
चाईबासा 171
लोहरदगा 138
गुमला 141
पलामू 61
कुल 756
हमने डायन के नाम पर मारी गयी महिलाओं के क्षेत्र में गंभीरता से काम किया. इसमें पाया गया कि ज्यादातर एकल महिला ही डायन के नाम पर मारी जाती है. एकल नारियों की संपत्ति हड़पने के लिए गांववाले व संबंधी ही उसे डायन करार देकर हत्या कर रहे हैं.
अजय कुमार, सचिव, आशा संस्था
वर्ष 2001 से 2012 तक के आंकड़े
वर्ष संख्या
2001 79
2002 67
2003 63
2004 56
2005 67
2006 107
2007 19
2008 12
2009 32
2010 30
2011 10
2012 31
कुल 604
क्या कहता है कानून
डायन हत्या एक संज्ञेय अपराध है, जो गैरजमानतीय है. झारखंड मंत्रिमंडल की बैठक में तीन जुलाई, 2001 को डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम 1999 को अंगीकृत किया गया.
धारा 3 -डायन की पहचान
तीन महीनों का कारावास अथवा 1000 का जुर्माना अथवा दोनों
धारा 4 -प्रताड़ित करने का हर्जाना
छह माह तक कारावास अथवा 2000 तक जुर्माना अथवा दोनों
धारा 5-डायन की पहचान में दुष्प्रेरण
तीन महीने का कारावास अथवा 1000 का जुर्माना अथवा दोनों
धारा 6 -डायन का उपचार
1 साल तक का कारावास अथवा 2000 का जुर्माना अथवा दोनों
झारखंड की आशा संस्था के अनुसार 186 हत्याएं ऐसी हैं, जो ऑन रिकॉर्ड नहीं है. वे डायन कह कर मारी गयी है. इन हत्याओं का रिकॉर्ड अन्य मामलों में किया गया है.