पढ़ाई खत्म होते ही हर विद्यार्थी बेतहर सैलरीवाली नौकरी की तलाश करता है. ऐसे में यदि आपको पहले से ही यह अंदाजा हो कि भारत में इन दिनों किन क्षेत्रों में अच्छी सैलरी मिल रही है, तो मंजिल का चयन आसान हो जाता है. अवसर दे रहा है ऐसे पांच क्षेत्रों की जानकारी, जिनमें आप बेहतर पे-पैकेज की नौकरी हासिल कर सकते हैं.
ऑयल एंड गैस सेक्टर
ऑयल और गैस सेक्टर 2013 के ऐसे क्षेत्रों में गिना जा रहा है, जहां बेहतर पे पैकेज के साथ ही अच्छी संख्या में नौकरियां दी जा रही हैं. कई पीएसयू बेहतरीन नौकरी के विकल्प उपलब्ध करा रहे हैं. इस सेक्टर में साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स, तीनों स्ट्रीम के विद्यार्थी नौकरी पा सकते हैं.
मुख्य काम : ऑफशोर के विभिन्न प्रोजेक्ट में लोगों की जरूरत पड़ती है. इसमें मुख्य रूप से पेट्रोलियम इंजीनियर, जिओफिजिसिस्ट, रेडियो ऑपरेटर्स, जिओलॉजिस्ट आदि शामिल हैं.
वेतन : शुरुआत में ही आमतौर पर साढ़े तीन से छह लाख रुपये का पैकेज मिल जाता है. पांच से छह वर्ष के अनुभव के बाद इन्हें वार्षिक पैकेज 15 से 20 लाख रुपये मिलते हैं.
कहां मिलेगा काम : ओएनजीसी, आइओसीएल, भारत पेट्रोलियम जैसे कई पीएसयू हैं, जो अच्छी सैलरी के साथ ही जॉब गारंटी भी देती हैं. इसमें प्राइवेट सेक्टर जैसे ब्रिटिश गैस, रिलाइंस एनर्जी, हैल्लिबर्टन आदि की सैलरी भी बेहद आकर्षक है.
चार्टर्ड एकाउंटेंट
चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) का काम और क्षेत्र विस्तृत है. इस में फाइनेंशियल एकाउंटिंग, टैक्स मैनेजमेंट, ऑडिटिंग, कॉस्ट एकाउंटिंग से लेकर बैंकिंग और कंसल्टेंसी तक के रास्ते खुले होते हैं. सीए बनने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकांउटेंट का सर्टिफाइड मेंबर होना जरूरी है.
मुख्य काम : सीए का मुख्य काम कंपनी के साथ ऑडिट, टैक्सेशन, कंसल्टिंग और इन्वेस्टिगेशन का काम संभालना होता है. इसके लिए वे फाइनेंशियल रिपोर्ट आदि तैयार करते हैं, जिससे ऑडिट, टैक्स आदि मुद्दों पर कंपनी की साफ छवि तैयार हो.
वेतन : शुरुआत से ही पांच से सात लाख रुपये का वार्षिक पैकेज मिलता है. यह अनुभव के साथ 10 से 24 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज तक पहुंचने का का माद्दा रखता है.
कहां मिल सकता है काम : इस क्षेत्र में इ एंड वाइ, डेलॉइट, आइसीआइसीआइ जैसी कई कंपनियां अच्छा पैकेज के लिए जानी जाती हैं.
एयर ट्रैफिक कंट्रोलर
एयर टैफिक कंट्रोलर का संबंध एविएशन सेक्टर से होता है. पिछले कुछ समय में प्राइवेट एयरलाइंस की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और आनेवाले समय में और होने की संभावना है. इतना ही नहीं, खबर है कि केंद्र सरकार ने छोटे शहरों में करीब 200 एयरपोर्ट के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. ऐसे में एयर ट्रैफिक कंट्रोलरों की मांग काफी बढ़ेगी.
मुख्य काम : एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) का मुख्य काम हवा में ट्रैफिक को नियंत्रित करना होता है. वे हवाइअड्डे और हवा में होनेवाली आवाजाही के बीच कोऑर्डिनेट करते हैं. लैंडिंग, टेकऑफ से लेकर हवाईपट्टी पर हर हवाईजहाज के लिए रास्ता बताना और हवा में रास्ता तय करना एटीसी के कामों में आता है.
वेतन : जूनियर एग्जीक्यूटिव एटीसी को दो से चार लाख के बीच में वार्षिक पैकेज मिलता है.
कहां मिलता है काम : इस क्षेत्र में सभी सरकारी और प्राइवेट एयरलाइंस में काम करने का मौका मिलता है. इसके साथ ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया में भी काम के बहुत अवसर हैं.
एनिमेटर
एनिमेशन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसके अच्छे प्रोफेशनल्स की मांग पूरी दुनिया में बढ़ रही है.
मुख्य काम : एनिमेटर के काम में स्पेशल इफेक्ट्स, डिजिटल एनिमेशन और फिल्मों के लिए मल्टीमीडिया एलीमेंट्स, टेलीविजन शो, कंप्यूटर गेम्स, म्यूजिक वीडियो, कॉमर्शियल्स और अन्य क्रिएशन को सूत्र रूप देकर डिजाइन करना और उनका बेहतर उपयोग शामिल है.
वेतन : दो से तीन साल के अनुभव के बाद एनिमेटर साढ़े तीन लाख से चार लाख रुपये सालाना कमा सकता है.
कहां मिलेगा काम : वेबसाइट, टीवी, फिल्म, ऐड एजेंसी, संस्थानों में अध्यापन आदि.
कंसल्टेंट
कंसल्टेंट का काम किसी भी क्षेत्र का हो सकता है. जरूरत होती है, तो उस क्षेत्र पर मजबूत पकड़ की. कंसल्टेंट को पहले अपने क्लाइंट की जरूरत समझना होता है. आज कैरियर से लेकर नौकरी, बिजनेस से लेकर कंपनी को ऊंचाई तक पहुंचाने में भी कंसल्टेंट की अहम भूमिका होती है.
मुख्य काम : कंसल्टेंट को सबसे पहले अपने क्लाइंट के कामों से संबंधित जरूरी रिसर्च करना होता है. इस क्षेत्र में कंसल्टेंट एनालिस्ट, सीनियर कंसल्टेंट, मैनेजर, प्रोजेक्ट हेड, पार्टनर और वाइस प्रेसिडेंट / डायरेक्टर तक के पद पर पहुंच सकता है. इसके अलावा खुद की कंसल्टेंटिंग एजेंसी शुरू कर सकते हैं.
वेतन : एक साल से कम अनुभववालों को भी तीन से छह लाख रुपये का प्रतिवर्ष वेतन मिल सकता है. अपना काम शुरू करने का ऑप्शन तो हमेशा खुला रहता ही है.
कहां मिल सकता है काम : कंसल्टेंट ज्यादातर निजी संस्थान व कंपनियों में रखे जाते हैं.
ज्ञान के साथ स्किल्स डेवलप करना जरूरी
कैरियर काउंसेलर अनिल सेठी का कहना है कि इन पांचों सेक्टर में अच्छी नौकरी की संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं, लेकिन अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग स्किल्स की जरूरत है. एनिमेशन में संभावनाएं बहुत हैं. यह कंप्यूटर आधारित क्षेत्र है, लेकिन आपकी पेंसिल ड्राइंग अच्छी होनी चाहिए. इसमें खुद को अपडेट रखना पड़ता है. भारत में इसकी बहुत मांग है. इसमें उम्र की कोई सीमा है.
एयर ट्रैफिक कंट्रोलर बनने के लिए कान, आंख और दिमाग का बेहतर स्थिति में होना और उनका सही कोऑर्डिनेशन बहुत जरूरी है. इसमें सेकेंड भर की गलती सैकड़ों लोगों की जान ले सकती है. इसमें टेक्निकल काम ज्यादा होने के कारण मैथ्स और फिजिक्स का ज्ञान जरूरी है.
सीए एक प्रोफेशनल डिग्री है. देश में इसे बेहतरीन नौकरी के रूप में देखा जाता है. इनका काम मुख्यत: फाइनेंशियल ऑडिट है. इसमें इंटरशिप, आर्टिकलशिप और पढ़ाई साथ में करनी होती है. सीए की डिग्री लेने के बाद नौकरी के अलावा अपना बिजनेस भी शुरू किया जा सकता है.
ऑयल और गैस इंडस्ट्री में कामयाबी के लिए लगन व कठिन परिश्रम की जरूरत होती है. इसमें अलग-अलग स्थानों पर काम करना होता है. जैसे कभी रेगिस्तानों में तो कभी समुद्री किनारों पर. इसमें देश में नौकरी के मौके अच्छे हैं, पर खाड़ी देशों में संभावनाएं बहुत ज्यादा हैं.
कंसलटेंट के रूप में स्थापित होने के लिए व्यक्तिगत अनुभव जरूरी है. खुद की पहचान बनाने के लिए व्यक्ति को एक क्षेत्र का मास्टर होना चाहिए. जैसे बिजनेस, सेल्स-मार्केटिंग, ऑपरेशन, प्रोडक्शन, फाइनेंशियल कंसल्टेंसी. कंसल्टेंट को शोध के लिए खासा समय देना पड़ता है. इन पांचो क्षेत्रों के लिए किसी कॉमन चीज की बात करें, तो वह है पर्सनालिटी व कम्युनिकेशन स्किल्स को बेहतर करना.