समुद्री मछली खानेवालों के लिए बुरी खबर है. मौसम परिवर्तन के कारण समुद्र के सतह का तापमान बढ़ता जा रहा है. इसके चलते समुद्री जल में पारा की मात्र बढ़ रही है. समुद्री मछलियों समेत अन्य समुद्री उत्पादों का सेवन करनेवालों को इससे स्वास्थ्य का नुकसान हो सकता है.
‘साइंस डेली’ की खबर में बताया गया है कि पारा की मात्र बढ़ने से समुद्री जीवन प्रभावित हो रहा है. हालांकि, ग्लोबल वार्मिग से होनेवाले नुकसान की पर्याप्त जानकारी कम ही हो पा रही है. अभी तक के किसी अध्ययन में मछलियों पर होनेवाले इस तरह के दुष्प्रभावों का आकलन नहीं किया गया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि औद्योगिक प्रदूषण से हवा में छोड़े जानेवाला पारा वाष्प के माध्यम से समुद्र में जा रहा है और पानी में वह ‘मिथाइलमरकरी’ के रूप में परिवर्तित हो रहा है.
शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में विविध तापमान पर मछलियों में होनेवाले इस दुष्प्रभाव का अध्ययन किया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि समुद्री मछलियां कीड़ों को खाती है और समुद्र में मौजूद अन्य प्राकृतिक खाद्य स्नेतों से भोजन प्राप्त करती हैं. गरम जल में रहनेवाली मछलियों में मिथाइलमरकरी (एक प्रकार का पारा) का स्तर ज्यादा पाया गया है.