अब लोग फेसबुक और ट्विटर पर अपने विचार व अनुभव ही नहीं, बल्कि अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. किसी ने कुछ कह दिया, जो बुरा लग गया पर वे सामने जवाब नहीं दे पाये, तो उन्होंने सोचा कि क्यों न फेसबुक या ट्विटर पर डाल दें. सामनेवाले तक मैसेज भी पहुंच जायेगा और हमें उनका सामना भी नहीं करना पड़ेगा..
पिछले दिनों सोशल साइट्स पर भड़ास निकालने के कई मामले आये. एक्ट्रेस कल्की कोचिकन का ही उदाहरण लें. फैशन डिजायनर जोड़ी रिद्धि-सिद्धि के बीच ग्लैमर स्टाइल वीक-2013 के रैंप शो के दौरान उनमें तू तू-मैं मैं हो गयी और उसकी वजह से डिजायनर जोड़ी ने कल्की को मेंटल बता दिया. कल्की ने उसका जवाब वहां न दे कर ट्विटर पर दिया. उसने लिखा कि ‘इन दोनों रिद्धि-सिद्धि को शर्म आनी चाहिए मेरे बारे में ऐसा कहते हुए. मैं इतनी देर तक रैंप शो के लिए भारी गहने और कपड़े पहन कर बैठी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मेरे बारे में ऐसा कहा. ये तो वाकई गलत है, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था.’
उनका ट्विट यहां पर ही खत्म नहीं हुआ. उन्होंने दोबारा इस विषय पर कई बार लिखा. यह भी कहा कि शो बहुत ही खराब था. मैं शो स्टॉपर थी और मुङो वहां कोई वैल्यू नहीं मिली. कल्की के इन ट्वीट्स पर दोनों फैशन डिजायनरों ने मीडियावालों से कहा कि ‘कल्की का यह व्यवहार बहुत बुरा है. उसे हम दोनों से माफी मांगनी होगी.’
अच्छी बात यहां यह है कि कल्की ने तो जोड़ी का सीधे नाम लेकर ट्वीट किया है, जबकि लोग तो बिना किसी का नाम लिये ही इनडायरेक्ट तरीके से अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. फिल्म स्टार्स के बीच एक-दूसरे को नीचा दिखाने का यह ट्रेंड बहुत चल रहा है. आम लोग भी अब इससे अछूते नहीं हैं.
बिगड़ते हैं रिश्ते
इस तरह केवल संबंध खराब हो रहे हैं, क्योंकि उन दो झगड़ा करनेवालों के अलावा जो लोग इस घटना से जुड़े हैं, उस खास झगड़े के बारे में जानते हैं. वे पोस्ट पढ़ते ही जान जाते हैं कि यह किसके लिए और क्यों लिखा गया है. इस तरह वे लोग गॉसिप का कारण बन जाते हैं. फिर वे उन दोनों की पोस्ट व हर अपडेट पर नजर रखने लगते हैं. लिंक जोड़ने लगते हैं. ऐसा भी नहीं है कि आपने पोस्ट डाली, तो सामनेवाला चुप बैठा है. उसने भी अपनी वॉल पर करारा जवाब दे दिया है. इस तरह आप सोशल साइट्स पर अपना ही मजाक उड़वा रहे होते हैं.
कुछ भी हुआ, डाल दो फेसबुक पर
ऑफिस में बॉस ने डांटा, तो सीधे फेसबुक पर लिख दिया ‘आज मेरा दिन बहुत बुरा गया. कोई मुङो समझ नहीं रहा.’ किसी सहेली से झगड़ा हो गया, तो गाना डाल दिया, ‘दोस्त, दोस्त ना रहा’. किसी पड़ोसी ने पीठ पीछे गलत बात कह दी, तो स्टेटस डाल दिया कि ‘एक सज्जन ने पिछले दिनों मेरी फलां-फलां तरह की बुराई की.’ लोग इस तरह पीठ पीछे क्यों बोलते हैं. हिम्मत है, तो सामने क्यों नहीं कहते. वे यह नहीं सोचते हैं कि हम भी कौन-सा सामने जवाब दे रहे हैं. हम खुद भी तो सोशल साइट्स का सहारा लेकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं.