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बस दिल खोल कर मदद करते रहें

दक्षा वैदकर अपने लिए जीये तो क्या जीये, तू जी ए दिल जमाने के लिए.. ऐसी सोच रखना हर किसी के बस की बात नहीं, लेकिन जो ऐसा कर लेता है, उसके आसपास प्रशंसकों का तांता लग जाता है. वह कभी मुसीबत में पड़ जाये, तो लोग खुद उसके पास मदद के लिए दौड़े चले […]

दक्षा वैदकर
अपने लिए जीये तो क्या जीये, तू जी ए दिल जमाने के लिए.. ऐसी सोच रखना हर किसी के बस की बात नहीं, लेकिन जो ऐसा कर लेता है, उसके आसपास प्रशंसकों का तांता लग जाता है.
वह कभी मुसीबत में पड़ जाये, तो लोग खुद उसके पास मदद के लिए दौड़े चले आते हैं. ऐसे एक शख्स को मैं जानती हूं. जब उनकी हर बात पर मैंने गौर किया, तो उनमें बहुत खूबियां पायी और तब जाना कि असल में इस इनसान के इतने फैंस क्यों हैं. वह बहुत ही आम इनसान है, लेकिन लोग उनका सम्मान इतना करते हैं कि वे जब कभी किसी के ऑफिस जाते हैं, लोग उठ कर अपनी कुरसी उन्हें दे देते हैं. चाय-पानी का प्रबंध दौड़-दौड़ कर करते हैं. दिन भर उनके फोन बजते रहते हैं.
कभी वे किसी की तबीयत खराब होने पर खुद उसे अपने डॉक्टर के पास ले जाते हैं, तो कभी किसी को उदास देखने पर उसे चाय पिलाने ले जाते हैं. ऐसा नहीं है कि उनके पास इन सब के अलावा कोई काम नहीं है. वे काफी व्यस्त हैं, लेकिन वे लोगों की मदद के लिए किसी भी तरह टाइम मैनेज कर लेते हैं.
जब मैंने उनसे कहा, आप इतने लोगों की मदद करते हैं. कई लोग तो आपका अहसान मानते हैं, लेकिन कु छ लोग तो ऐसे जरूर होंगे, जो मदद लेने के बाद आपको भूल गये. आपको धन्यवाद देना तकजरूरी नहीं समझा. अब आपको पहचानते तक नहीं. ऐसे लोगों को देख आपको बुरा नहीं लगता? कभी आपको पछतावा नहीं हुआ कि आपने गलत व्यक्ति की मदद कर दी?
उन्होंने हंसते हुए कहा, मैं लोगों की मदद उनकी खुशी के लिए नहीं करता, बल्कि अपनी खुशी के लिए करता हूं. मुङो खुद पर गर्व होता है कि मैंने किसी का भला किया. मैं रात को चैन की नींद सो पाता हूं, यह सोच कर कि मेरा जीवन तो सार्थक हो ही रहा है. यही इनाम मेरे लिए काफी है. लोग मदद लेकर भूल जाते हैं, यह उनका व्यवहार है. उन लोगों की वजह से मैं अपना स्वभाव क्यों बदलूं. आज मैं सब की मदद करता हूं, तो लोग बदले में भले ही कुछ न दें, लेकिन ईश्वर सब देख रहा है. वह मेरी मुसीबत केसमय मेरे लिए रास्ता जरूर खोल देता है.
बात पते की..
कुछ अहसानफरामोश लोगों की वजह से आप अपना स्वभाव न बदलें. लोगों की मदद जारी रखें. आपको फल जरूर मिलेगा.
जब आप नि:स्वार्थ भाव से लोगों की मदद करते हैं, तो ईश्वर आपको कभी मुसीबत में पड़ने नहीं देता. आपकी मदद को किसी को भेज ही देता है.

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