जब आप लक्ष्य निर्धारित करते हैं, तो आपके अंदर से आवाज आने लगती है, ‘आओ चलें, काम शुरू करें’ और छतें ऊपर उठनी शुरू हो जाती हैं. इसलिए जिंदगी में सबसे जरूरी काम है लक्ष्य निर्धारित करना.
दूसरी जरूरी बात है ‘लक्ष्य बड़ा निर्धारित करना’. हममें से कई लोगों ने यह गौर किया होगा कि लोग बड़े लक्ष्य को पूरा करते वक्त ज्यादा गंभीर होते हैं और मेहनत करते हैं. प्रसिद्ध लेखक जिग जिग्लर के अनुसार खेल की दुनिया में यह एक स्थापित सत्य है कि कोई खिलाड़ी साधारण मुकाबले के बजाय कठिन मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन करेगा. गोल्फ खिलाड़ी, टेनिस खिलाड़ी, फुटबॉल खिलाड़ी व मुक्केबाज आदि की औसत अथवा घटिया मुकाबले में कुछ न करने की प्रवृत्ति हो जायेगी.
यह सच है कि यदि आपने अपने मुकाबले के लिए वास्तव में कठिन (बड़ा) लक्ष्य रखा है, तो आपका सवरेत्तम निकल कर आयेगा. यह रोमांच पैदा करेगा और यह रोमांच ही है, जो आपको अपना सर्वश्रेष्ठ कर दिखाने एवं ध्येयों तक पहुंचने की इजाजत देता है.
इसलिए दोस्तों जितना हो सके बड़े लक्ष्य बनायें. आप में से कई लोग पूछेंगे कि ऑफिस में बड़ा काम (लक्ष्य) हमें मिलता ही नहीं है, तो हम उसमें स्फूर्ति कैसे दिखाये? कैसे हम खुद को मिले छोटे व बेकार काम को बेहतर तरीके से करने के लिए प्रेरित करें? इसका जवाब यह है कि छोटी-सी चीज को बड़ा लक्ष्य बनाना भी हमारे हाथ में है.
आप अपने काम को छोटा क्यों समझते हैं? याद रहे कंपनी में हर कर्मचारी का काम महत्वपूर्ण होता है. हर व्यक्ति का योगदान ही उस कंपनी को सुचारु रूप से चलाता है. इसलिए खुद पर गर्व करें कि आप इतनी बड़ी कंपनी को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे है. इस नजरिये को अपनायें.
याद रहे, जब आप अपनी पूरी सामर्थ्य से भरसक प्रयास करते हैं, तो आप रात को लेट कर यह कह सकते हैं, ‘आज मैंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है.’ इसका नतीजा यह होगा कि आप को अच्छी व सुखद नींद आयेगी, क्योंकि आप अपने व लक्ष्य को पाने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को मान्यता प्रदान कर रहे हैं. ऐसा जान कर स्फूर्ति मिलती है कि अब आप सितारों को छूने की इच्छा कर रहे हैं.
– बात पते की
* आपको अपने जीवन को एक बड़ी स्फूर्तिदायक चीज के रूप में देखना होगा. आज ही से ऐसा नजरिया विकसित करें. हर काम को बड़ा काम मानें.
* किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने एक बार कहा था कि ‘छोटी योजनाएं मत बनाइए, क्योंकि उनमें व्यक्ति की आत्मा को झिंझोड़ने की क्षमता नहीं होती.’