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कुपोषण से मुक्ति जरूरी

कार्यशाला : स्वस्थ जीवन के लिए खाद्य सुरक्षा पर डॉ हेमलता ने कहा रांची :झारखंड को कुपोषण से मुक्त कर हम एक खुशहाल प्रदेश बना सकते हैं. ऐसे स्वस्थ समाज का निर्माण करना है, जिसमें हर वर्ग के लिए मूलभूत सुविधाएं मौजूद हों. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ हेमलता एस मोहन ने मंगलवार को […]

कार्यशाला : स्वस्थ जीवन के लिए खाद्य सुरक्षा पर डॉ हेमलता ने कहा

रांची :झारखंड को कुपोषण से मुक्त कर हम एक खुशहाल प्रदेश बना सकते हैं. ऐसे स्वस्थ समाज का निर्माण करना है, जिसमें हर वर्ग के लिए मूलभूत सुविधाएं मौजूद हों. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ हेमलता एस मोहन ने मंगलवार को यह कहा. मौका था : सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सभागार में स्वस्थ जीवन के लिए खाद्य सुरक्षा विषयक कार्यशाला.

डॉ हेमलता ने कहा कि झारखंड एक ऐसा प्रदेश है, जहां वे सभी चीजें उपलब्ध हैं, जो अन्य देशों में नहीं मिलती हैं. चाहे वह खनिज-संपदा हो, प्राकृतिक सुंदरता या फिर संस्कृति. इसलिए इन्हें संरक्षित कर रखना होगा. जागरूकता के लिए प्रचार-प्रसार भी करना होगा. रिम्स के पीएसएम विभागाध्यक्ष डॉ. एस हैदर ने कहा कि जब तक समाज स्वस्थ नहीं होगा, बेहतर कार्य नहीं कर सकता. कार्यशाला में राज्य कार्यक्रम प्रबंधक महादेव हांसदा, रिम्स पीएसएम के सीनियर रेसिडेंट डॉ. चंद्रमणि कुमार, रिम्स के डॉ एके चौधरी सहित कई वरीय पदाधिकारी और कई स्कूलों के प्रधानाध्यापक, सीडीपीओ उपस्थित थे.

मड़ुआ रोटी खायें

उन्होंने कहा कि झारखंड में पायी जानेवाली जड़ी-बूटियां अपने आप में संपूर्ण और संतुलित आहार हैं. इससे महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ मिलता है. यहां पाये जानेवाले मड़ुआ की रोटी खानी चाहिए. यह बेहतर स्वास्थ्य के लिहाज से काफी हितकर है, लेकिन होता यह है कि गांवों में मड़ुआ जानवरों को खिला दिया जाता है.

बच्चों का डायट चार्ट बनायें

इस अवसर पर मौजूद प्रधानाध्यापकों से महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि स्कूली बच्चों के लिए एक डायट चार्ट बनायें, जिसमें सप्ताह के छह दिनों की आहार सूची शामिल हो.

लड़ाई निचले स्तर से हो शुरू : स्नेहलता

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की उप निदेशक स्नेहलता एक्का ने कहा कि अगर हमें कुपोषण से लड़ना है, तो इसकी शुरुआत सबसे निचले स्तर-से करनी पड़ेगी. व्यक्ति को साफ-सफाई, पेयजल और स्वच्छता पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि बीमारियों से निजात मिल सके. हमें अपने खाने में परंपरागत भोजन को जरूर शामिल करना चाहिए. ताकि भरपूर मात्र में पोषक तत्व मिल सके.

कुपोषण के विरुद्ध युद्ध जरूरी : राजीव

समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक राजीव रंजन ने कहा कि कुपोषण मुक्त समाज बनाने के लिए अब कुपोषण के विरुद्ध निर्णायक युद्ध छेड़ने का समय आ गया है. जरूरत है कि इसके लिए सरकारी संस्थाओं एवं एनजीओ को ग्रामीण तथा सूदूर कस्बों में काम करना होगा. वहां जाकर लोगों को कुपोषण के प्रभाव और इसके लिए किये जानेवाले बचाव को लेकर जागरूक करना होगा.

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