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ईमेल विवाद पर बोलीं हिलेरी – नहीं तोडे कोई नियम, किसी को नहीं भेजे गोपनीय दस्तावेज

न्यूयॉर्क : ईमेल पते से जुडे विवाद ने अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की मुश्‍किलें बढती जा रहीं है. इस बीच उन्होंने अपनी चुप्पी तोडते हुए कहा कि उन्होंने अपने निजी और आधिकारिक संवाद के लिए एक ही ईमेल अकाउंट रखने का विकल्प अपनी ‘सुविधा’ को ध्यान में रखते हुए चुना लेकिन यह […]

न्यूयॉर्क : ईमेल पते से जुडे विवाद ने अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की मुश्‍किलें बढती जा रहीं है. इस बीच उन्होंने अपनी चुप्पी तोडते हुए कहा कि उन्होंने अपने निजी और आधिकारिक संवाद के लिए एक ही ईमेल अकाउंट रखने का विकल्प अपनी ‘सुविधा’ को ध्यान में रखते हुए चुना लेकिन यह भी स्वीकार किया कि अगर वह अपने आधिकारिक कामों के लिए सरकारी ईमेल का इस्तेमाल करतीं, तो बेहतर होता.

इस मुद्दे के उछलने के बाद कल अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में हिलेरी ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘पीछे मुडकर देखने पर लगता है कि यदि मैंने एक दूसरे ईमेल अकाउंट का इस्तेमाल किया होता और एक दूसरा फोन रखा होता तो बेहतर होता। लेकिन उस समय यह कोई खास मुद्दा नहीं लगता था.’’ बहरहाल, हिलेरी ने दावा किया कि उन्होंने एक ही ईमेल अकाउंट का इस्तेमाल करके कोई ‘नियम नहीं तोडा’ था और न ही उनके ईमेल से कोई भी गोपनीय जानकारी भेजी गई थी.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हर उस नियम का पूरी तरह पालन किया, जिससे मैं बंधी थी. मैंने ईमेल के जरिए किसी को भी कोई गोपनीय सामग्री नहीं भेजी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे काम से जुडे अधिकतर ईमेल सरकारी अधिकारियों को उनके सरकारी पतों पर भेजे गए, जिसका अर्थ है कि उन्हें तत्काल ही विदेश मंत्रालय में सिस्टम द्वारा ग्रहण कर लिया गया होगा और संरक्षित कर दिया गया होगा.’’

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में महिला सशक्तीकरण सम्मेलन को संबोधित करने आईं हिलेरी ने कहा कि उन्हें महसूस होता है कि यदि वह दो ईमेल अकाउंट इस्तेमाल करतीं, तो बेहतर होता. वर्ष 2016 के चुनावों के लिए शीर्ष डेमोक्रेटिक उम्मीदवार उन्होंने कहा, ‘‘जब मुझे विदेश मंत्री के रुप में काम करने का मौका मिला, तो मैंने सुविधा के लिहाज से अपने निजी ईमेल अकाउंट का इस्तेमाल करना पसंद किया और विदेश मंत्रालय ने इसपर अनुमति दी थी। मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मुङो लगा कि मेरे काम और निजी ईमेल के लिए दो की जगह एक ही उपकरण रखना आसान होगा.’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने ही काम से जुडे अपने सभी ईमल सार्वजनिक करने के लिए विदेश मंत्रलय से कहकर एक ‘अभूतपूर्व कदम’ उठाया था.

विदेश मंत्री रहने के दौरान चार साल तक हिलेरी द्वारा अपने निजी ईमेल खाते का इस्तेमाल किए से जुडा विवाद पिछले सप्ताह सामने आया था, जब मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि हिलेरी ने 13 जनवरी 2009 को एक ईमेल अकाउंट खोलने के लिए एक डोमेन नेम का इस्तेमाल किया था। यह वही दिन है, जबसे उन्होंने सीनेट में मंजूरी की प्रक्रिया की शुरुआत की थी.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के सभी अधिकारियों के लिए जरुरी है कि वे आधिकारिक संवाद के लिए ‘स्टेट.जीओवी’ ईमेल पते का इस्तेमाल करें. हिलेरी ने आगे कहा, ‘‘मैंने तत्काल जवाब दे दिया और अपने वे सारे ईमेल उपलब्ध करवा दिए, जो संभवत: काम से जुडे हो सकते थे. ये लगभग 55 हजार मुद्रित पृष्ठ थे. मैंने ये दस्तावेज यह जानने के बावजूद उपलब्ध करवा दिए थे कि विदेश मंत्रालय के पास इनमें से अधिकतर दस्तावेज उपलब्ध होंगे.’’

Prabhat Khabar Digital Desk
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