आमतौर पर यह धारणा है कि बॉलीवुड सेलिब्रिटीज की दुनिया ग्लैमरस है, इसलिए उनके दोस्त भी इसी ग्लैमरस दुनिया से होंगे. यह हकीकत भी है. लेकिन सेलिब्रिटीज के कुछ दोस्त ऐसे भी हैं, जिनका इस चमक- दमकवाली दुनिया से कोई लेना-देना नहीं, पर आज भी वे सितारा बन चुके अपने दोस्तों के करीब हैं. फ्रेंडशिप डे के बहाने अनुप्रिया अनंत आपको लेकर चल रही हैं सितारों की उस दुनिया में, जहां उन्होंने अपना बचपन बिताया, कॉलेज का वक्त गुजारा और दोस्ती की डोर बांधी.
शाहरूख ने बनाया था मिर्गी का बहाना
शाहरुख खान का बचपन दिल्ली में बीता है. इसलिए, उनके अधिकतर दोस्त भी दिल्ली से ही हैं. वे शाहरुख के उस वक्त भी दोस्त थे, जब शाहरुख एक कमरे के मकान में रहते थे और अब भी जब वह हिंदी सिनेमा के किंग खान हैं. अधिकतर लोगों को यह जानकारी होगी कि फराह खान, करन जौहर शाहरुख खान के खास दोस्त हैं. लेकिन हकीकत यह है कि आज भी शाहरुख अपने बचपन के दोस्त विवेक खुशहलानी के बेहद करीब हैं. विवेक दिल्ली में रहते हैं और शाहरुख के बेहद करीबी दोस्त हैं. दोनों एक दूसरे को 5 साल की उम्र से जानते हैं. विवेक और शाहरुख साथ-साथ स्कूल जाते थे और एक ही बेंच पर बैठा करते थे. एक टेलीविजन कार्यक्रम में विवेक ने शाहरुख खान के बचपन व स्कूल के दिनों की बहुत सी यादों को शेयर किया. विवेक के अलावा विक्रम भी शाहरुख के खास दोस्त हैं, और यह दोस्ती आज भी बनी हुई है. विवेक बताते हैं कि वे दिल्ली के संत कोलंबस स्कूल में पढ़ते थे, जहां शाहरुख ने अपनी बेंच पर 420 लिखा था. वह बचपन से ही शरारती थे. लेकिन स्पोर्ट्स में काफी अच्छे थे. एक बार शाहरुख खान का पढ़ाई करने का मन नहीं था, पढ़ने से बचने के लिए उन्होंने मिर्गी के दौरे का बहाना बना कर क्लास बंक कर दी थी. आज भी शाहरुख किसी परेशानी में होते हैं, तो विवेक से ही बात करते हैं और उनकी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं.
विवेक मानते हैं कि दोस्ती एकमात्र ऐसा रिश्ता है, जो किसी हैसियत को नहीं पहचानता. अगर दोस्त सच्चा हो, तो वह केवल दोस्ती करेगा, बिना किसी मकसद के. जहां मकसद है, वहां दोस्ती नहीं हो सकती. विवेक बताते हैं कि शाहरुख खान के दोस्त होने की वजह से उनसे कई लोग दोस्ती करना चाहते हैं, ताकि वे शाहरुख के बारे में कई बातें जान सकें. लेकिन विवेक अपने दोस्त शाहरुख के प्रति लॉयल हैं और पक्की दोस्ती निभाते हैं. विवेक बताते हैं कि शाहरुख खान पढ़ने में बहुत अच्छे रहे हैं और शुरुआती दिनों से लेकर अब तक उनकी जिंदगी में सिर्फ एक ही लड़की रही, गौरी खान जिससे उन्होंने शादी की. शाहरुख अपने बच्चों को लेकर भी कई बार दिल्ली आते हैं, तो विवेक से जरूर मिलते हैं. विवेक ने यह भी स्पष्ट किया कि वे भी शाहरुख खान की लोकप्रियता का कभी फायदा नहीं उठाते.
बचपन से जानती थीं करिश्मा कि एक्ट्रेस बनेंगी
मंदिरा कपूर करिश्मा की बचपन की दोस्तों में से एक हैं. करिश्मा और मंदिरा बचपन में साथ-साथ खूब डांस किया करती थीं. दोनों को डांस करने का बेहद शौक था. मंदिरा बताती हैं कि उन दोनों ने मिल कर एक ब्रेसलेट बनाया था और वे जब भी कहीं ट्रिप पर बाहर जाती थीं, तो वह ब्रेसलेट जरूर पहनती थीं. करिश्मा बचपन से ही फैन्सी ड्रेस कांप्टीशन में भाग लिया करती थीं और वह जानती थीं कि उन्हें एक्ट्रेस ही बनना है. करिश्मा को घूमना फिरना काफी पसंद था.
अक्षय कुमार का ब्लडी ट्रेन
अक्षय कुमार जब मुंबई आये थे, तो उन्होंने डॉन बॉस्को स्कूल में एडमिशन लिया था. उन्होंने अपने 10 दोस्तों का ग्रुप बनाया था और उसका नाम ब्लडी ट्रेन रखा था. वे सभी दोस्त लोकल ट्रेन में ट्रैवल करते थे. अकसर अक्षय कुमार, सनी देओल के पोस्टर देख कर अपने दोस्तों से कहा करते थे कि देखना एक दिन मैं भी इसी तरह फिल्म स्टार बन जाऊंगा. अक्षय बॉयज स्कूल में पढ़ते थे. स्कूल के बाद वह अपने दोस्तों के साथ मिल अकसर साइकिल पर सवार होकर मुंबई की गलियों में खूब घूमा करते थे.
गुस्सैल ऐश्वर्य राय बच्चन
डॉक्टर जिराक मार्कर ऐश्वर्य राय के सबसे करीबी दोस्तों में से एक हैं. वह एक मनोचिकित्सक हैं. डॉ जिराक बताते हैं कि ऐश कॉलेज के दिनों में थोड़ी गुस्सैल थी. जब भी ऐश को लड़के चिट्ठी लिखा करते थे, उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाता फिर जिराक ही ऐश के गुस्से को कंट्रोल करते थे. इसलिए वे उनके करीबी दोस्त बने. पिंकी वासवानी भी ऐश की करीबी दोस्तों में से एक हैं. पिंकी पांचवीं क्लास से ऐश की दोस्त हैं. पिंकी से ऐश की दोस्ती की शुरुआत बाल विकास नामक स्कूल से शुरू हुई थी. दोनों ने साथ-साथ काफी वक्त गुजारा. साथ में आर्किटेर की पढ़ाई भी की. लेकिन बाद में ऐश ने पढ़ाई छोड़ दी, फिर भी दोनों एक-दूसरे से संपर्क में रहती थीं. यह संपर्क आज भी बना हुआ है.
चैंबूर की खोली नंबर 16 का अनिल
अनिल कपूर का बचपन चैंबूर की चॉल में बीता, जहां उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिल कर काफी मस्ती की थी. अनिल सुपरस्टार हैं लेकिन आज भी वे गणोश चतुर्थी के दौरान चॉल में जाते हैं और अपने दोस्तों से मिलते हैं. उनके बचपन के दोस्तों में बब्बन, गुरु,शशि प्रमुख हैं. शशि बताते हैं कि किस तरह वे और अनिल साथ-साथ साइकिल पर थे और बारिश के दिनों में दोनों गटर में गिर गये थे. शांताराम भी अनिल के बचपन के दोस्तों में से एक हैं. शांताराम बताते हैं कि ‘जब ‘तेजाब’ सुपरहिट हुई थी, तो अनिल चैंबूर के इलाके में सबसे मिलने गये थे. सभी लोग इस पर हैरान थे. अनिल जब उनके घर पहुंचे, तो वह इतने नर्वस हो गये कि उनकी मेहमाननवाजी कर ही नहीं पाये. उन्हें लगा कि अनिल सुपरस्टार हैं तो शायद वे कुछ खाये-पीये नहीं.’ शांताराम बताते हैं कि इतने सालों में आज भी अनिल नहीं बदले हैं. वे चैंबूर आते रहते हैं. चैंबूर के इलाके में यह डायलॉग फेमस है कि ‘अनिल का मतलब खोली नंबर 16.’ क्योंकि अनिल खोली नंबर 16 में रहते थे.