आइआइएम में दाखिला लेने का सपना देखनेवाले अभ्यर्थियों के लिए समय आ गया है कि वे परीक्षा के लिए कमर कस लें. कैट के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सावधानी से पूरी कर रणनीति के साथ तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट जाएं.
कॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) की महत्वपूर्ण तिथियों की घोषणा पहले ही हो चुकी है. कैट 2013 के आयोजन की जिम्मेदारी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, इंदौर के पास है. पिछले वर्ष हुई दिक्कतों के मद्देनजर इस बार कंप्यूटर बेस्ड पेपर की सुरक्षा और बढ़ादी गयी है. 5 अगस्त से इसके वाउचर मिलने लगे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि एक्यूरेसी ही इस परीक्षा में कामयाबी का मूल मंत्र है.
कैट कठिन और प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है. साल में एक बार होनेवाली इस परीक्षा से विभित्र आइआइएम के अलावा कई नामी-गिरामी संस्थानों में मैनेजमेंट के कोसरें में दाखिला होता है. एमबीए करने की इच्छा रखनेवाले अभ्यर्थियरें के लिए आइआइएम सर्वोत्तम विकल्प है. यहां दाखिला पाने की पहली सीढ़ीहै कैट. इस कंप्यूटर लिखित परीक्षा के बाद बारी आती है ग्रुप डिस्कशन (जीडी) और साक्षात्कार की. आइये जानते हैं कैट 2013 के बारे में कुछ खास तथ्य, साथ ही यह भी कि इसमें कामयाबी के लिए किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए.
योग्यता पर करें गौर
इस परीक्षा के लिए किसी भी स्ट्रीम के विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं. न्यूनतम योग्यता स्नातक है, जिसमें कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए. स्नातक के अंतिम वर्ष के विद्यार्थी भी आवेदन कर सकते हैं, यदि उनके स्नातक के पहले दोनों वर्ष में कुल 50 प्रतिशत या उससे अधिक अंक हों.
पेपर का स्वरूप
पेपर मुख्यता दो भागों में बंटा होता है. पहला भाग क्वांटिटेटिव एबिलिटी और डेटा इंटरपेट्रेशन, दूसरा भाग वर्बल एबिलिटी और लॉजिकल रीजनिंग का होता है. हर भाग में 30-30 प्रश्न होते हैं. दोनों भागों को हल करने के लिए 70-70 मिनट का समय दिया जाता है. इसके अलावा 15 मिनट का ट्यूटोरियल भी दिया जाता है. इसे छात्रों को कंप्यूटर और बाकी सिस्टम को समझने में देना चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक यह समय बहुत कीमती होता है. इस दौरान छात्र खुद को मानसिक रूप से तैयार करें. इसके बाद मुख्य परीक्षा होती है. इस प्रकार, यह परीक्षा कुल दो घंटे 35 मिनट की होती है, जिसमें ट्यूटोरियल का समय शामिल है.
एक भाग की परीक्षा एक बार में होती है. सभी 30 प्रश्न उसी भाग के होते हैं. इसे पूरी तरह खत्म होने के बाद ही अगले सेक्शन की परीक्षा आरंभ होती है. बिना एक भाग पूरा किये दूसरे में नहीं जा सकते और न ही एक बार एक सेक्शन सबमिट करने के बाद उसे दोबारा देख सकते हैं. पूरी परीक्षा के दौरान किसी प्रकार का कोई ब्रेक नहीं मिलता. रफ काम करने, जोड.ने-घटाने या दूसरे कायरें के लिए एक स्क्रेच पेपर, इरेजर और पेंसिल सेंटर द्वारा दी जाती है. दो घंटे 35 मिनट का समय एग्जामिनेशन रूम में गुजारना अनिवार्य है.
कंप्यूटर स्क्रीन पर पूरे समय एक टाइमर चलता है, जो यह बताता है कि परीक्षा खत्म होने में कितना समय रह गया है. इसे ऑन स्क्रीन टाइमर कहते हैं.
कैसे करें तैयारी
कैट अपने अप्रत्याशित स्वभाव के लिए जानी जाती है. बेहतर यह है कि तैयारी के दौरान पिछले वर्षों के पेपर देखें. उनसे अभ्यास करें. पहले से अलग अब कैट पास करने के लिए स्पीड की उतनी जरूरत नहीं है, जितनी एक्यूरेसी की. प्रश्नों की संख्या कम कर दी गयी है, पर जरूरी है कि जो प्रश्न करें वे सही हों. चयन के लिए कम से कम दोनों भागों में से 22-23 उत्तर ठीक होने चाहिए. चयन परसेंटाइल के हिसाब से होता है. इसलिए अभ्यर्थी न सिर्फ अच्छा करें, बल्कि अपने समूह में दूसरों से अच्छे नंबर लाएं.
याद रखें कि बहुविकल्पीय प्रश्नों में चार विकल्प दिये होते हैं, जिनमें से एक सही होता है. हर सही उत्तर पर तीन अंक मिलते हैं और गलत उत्तर पर एक अंक कटता है. निगेटिव मार्किंग होने के कारण जो प्रश्न नहीं आएं उन्हें छोड. दें.
विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षा पास करने के लिए कांसेप्ट क्लियर होना बहुत जरूरी है, वहीं लॉजिक का भी अपना महत्व है. इस पेपर में गणित का टेस्ट न होकर लॉजिकल टेस्ट होता है. परीक्षा में गौर किया जाता है कि आवेदकों में समस्या सुलझाने की समझ है या नहीं. रीडिंग पर विशेष ध्यान दें. खूब पढे. और अभ्यास करें. अर्थमेटिक, एल्जेब्रा और ज्योमेट्री क्लियर रखें.
पुराने कैट के पेपर देखें. ज्यादा से ज्यादा टेस्ट दें. समूह में पढ.ाई करें, ताकि यह जान पाएं कि बाकी उम्मीदवारों के बीच आप कहां खडे. हैं.
प्रमुख अंगरेजी, हिंदी अखबारों के संपादकीय पढे.. इंटरनेट से जितना ज्यादा मुमकिन हो सके, अच्छे कंटेंट जुटाएं और उसे पढे.. अपनी तैयारी के लिए फ्रंटलाइन, इंडिया टुडे और बिजनेस वर्ल्ड जैसी मैगजीन की मदद भी ले सकते हैं.
रैना त्रिपाठीकॉमन एडमिशन टेस्ट (कैट) की महत्वपूर्ण तिथियों की घोषणा पहले ही हो चुकी है. कैट 2013 के आयोजन की जिम्मेदारी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, इंदौर के पास है. पिछले वर्ष हुई दिक्कतों के मद्देनजर इस बार कंप्यूटर बेस्ड पेपर की सुरक्षा और बढ़ा दी गयी है. 5 अगस्त से इसके वाउचर मिलने लगे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि एक्यूरेसी ही इस परीक्षा में कामयाबी का मूल मंत्र है.
कैट कठिन और प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है. साल में एक बार होनेवाली इस परीक्षा से विभित्र आइआइएम के अलावा कई नामी-गिरामी संस्थानों में मैनेजमेंट के कोसरें में दाखिला होता है. एमबीए करने की इच्छा रखनेवाले अभ्यर्थियरें के लिए आइआइएम सर्वोत्तम विकल्प है. यहां दाखिला पाने की पहली सीढ.ी है कैट. इस कंप्यूटर लिखित परीक्षा के बाद बारी आती है ग्रुप डिस्कशन (जीडी) और साक्षात्कार की. आइये जानते हैं कैट 2013 के बारे में कुछ खास तथ्य, साथ ही यह भी कि इसमें कामयाबी के लिए किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए.
योग्यता पर करें गौर
इस परीक्षा के लिए किसी भी स्ट्रीम के विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं. न्यूनतम योग्यता स्नातक है, जिसमें कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए. स्नातक के अंतिम वर्ष के विद्यार्थी भी आवेदन कर सकते हैं, यदि उनके स्नातक के पहले दोनों वर्ष में कुल 50 प्रतिशत या उससे अधिक अंक हों.
पेपर का स्वरूप
पेपर मुख्यता दो भागों में बंटा होता है. पहला भाग क्वांटिटेटिव एबिलिटी और डेटा इंटरपेट्रेशन, दूसरा भाग वर्बल एबिलिटी और लॉजिकल रीजनिंग का होता है. हर भाग में 30-30 प्रश्न होते हैं. दोनों भागों को हल करने के लिए 70-70 मिनट का समय दिया जाता है. इसके अलावा 15 मिनट का ट्यूटोरियल भी दिया जाता है. इसे छात्रों को कंप्यूटर और बाकी सिस्टम को समझने में देना चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक यह समय बहुत कीमती होता है. इस दौरान छात्र खुद को मानसिक रूप से तैयार करें. इसके बाद मुख्य परीक्षा होती है. इस प्रकार, यह परीक्षा कुल दो घंटे 35 मिनट की होती है, जिसमें ट्यूटोरियल का समय शामिल है.
एक भाग की परीक्षा एक बार में होती है. सभी 30 प्रश्न उसी भाग के होते हैं. इसे पूरी तरह खत्म होने के बाद ही अगले सेक्शन की परीक्षा आरंभ होती है. बिना एक भाग पूरा किये दूसरे में नहीं जा सकते और न ही एक बार एक सेक्शन सबमिट करने के बाद उसे दोबारा देख सकते हैं. पूरी परीक्षा के दौरान किसी प्रकार का कोई ब्रेक नहीं मिलता. रफ काम करने, जोड.ने-घटाने या दूसरे कायरें के लिए एक स्क्रेच पेपर, इरेजर और पेंसिल सेंटर द्वारा दी जाती है. दो घंटे 35 मिनट का समय एग्जामिनेशन रूम में गुजारना अनिवार्य है.
कंप्यूटर स्क्रीन पर पूरे समय एक टाइमर चलता है, जो यह बताता है कि परीक्षा खत्म होने में कितना समय रह गया है. इसे ऑन स्क्रीन टाइमर कहते हैं.
कैसे करें तैयारी
कैट अपने अप्रत्याशित स्वभाव के लिए जानी जाती है. बेहतर यह है कि तैयारी के दौरान पिछले वर्षों के पेपर देखें. उनसे अभ्यास करें. पहले से अलग अब कैट पास करने के लिए स्पीड की उतनी जरूरत नहीं है, जितनी एक्यूरेसी की. प्रश्नों की संख्या कम कर दी गयी है, पर जरूरी है कि जो प्रश्न करें वे सही हों. चयन के लिए कम से कम दोनों भागों में से 22-23 उत्तर ठीक होने चाहिए. चयन परसेंटाइल के हिसाब से होता है. इसलिए अभ्यर्थी न सिर्फ अच्छा करें, बल्कि अपने समूह में दूसरों से अच्छे नंबर लाएं.
याद रखें कि बहुविकल्पीय प्रश्नों में चार विकल्प दिये होते हैं, जिनमें से एक सही होता है. हर सही उत्तर पर तीन अंक मिलते हैं और गलत उत्तर पर एक अंक कटता है. निगेटिव मार्किंग होने के कारण जो प्रश्न नहीं आएं उन्हें छोड. दें.
विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षा पास करने के लिए कांसेप्ट क्लियर होना बहुत जरूरी है, वहीं लॉजिक का भी अपना महत्व है. इस पेपर में गणित का टेस्ट न होकर लॉजिकल टेस्ट होता है. परीक्षा में गौर किया जाता है कि आवेदकों में समस्या सुलझाने की समझ है या नहीं. रीडिंग पर विशेष ध्यान दें. खूब पढे. और अभ्यास करें. अर्थमेटिक, एल्जेब्रा और ज्योमेट्री क्लियर रखें.
पुराने कैट के पेपर देखें. ज्यादा से ज्यादा टेस्ट दें. समूह में पढ़ाई करें, ताकि यह जान पाएं कि बाकी उम्मीदवारों के बीच आप कहां खडे. हैं.
प्रमुख अंगरेजी, हिंदी अखबारों के संपादकीय पढे.. इंटरनेट से जितना ज्यादा मुमकिन हो सके, अच्छे कंटेंट जुटाएं और उसे पढे.. अपनी तैयारी के लिए फ्रंटलाइन, इंडिया टुडे और बिजनेस वर्ल्ड जैसी मैगजीन की मदद भी ले सकते हैं.
रैना त्रिपाठी