खास पल:शाहरुख खान दिल्ली की जमीन से चलकर मुंबई के आसमान में शाहरुख नाम के एक आम युवा ने शीर्ष सितारों के बीच जगह हासिल की. उसके इस सफर में बेतहाशा मुश्किलों के साथ-साथ कई खास पल भी जुड़े. कहीं कोई सपना भी था, जो हौसले की तरह साथ चल रहा था. अभिनेता शाहरुख खान […]
खास पल:शाहरुख खान
दिल्ली की जमीन से चलकर मुंबई के आसमान में शाहरुख नाम के एक आम युवा ने शीर्ष सितारों के बीच जगह हासिल की. उसके इस सफर में बेतहाशा मुश्किलों के साथ-साथ कई खास पल भी जुड़े. कहीं कोई सपना भी था, जो हौसले की तरह साथ चल रहा था. अभिनेता शाहरुख खान खाझा कर रहे हैं ऐसे ही कुछ खास पलों को..
सिनेमा का पहला ख्वाब कब देखा?
मेरी मां दिलीप कुमार की फैन थी. लेकिन मैंने सिनेमा देखने का ख्वाब पहली बार तब बुना जब मैंने यश चोपड़ा की फिल्म ‘जोशीला’ देखी थी. मेरी मां को मैं दिलीप कुमार की तरह लगता था और उन्होंने ही मुझे फिल्मों का ख्वाब दिखाया. लेकिन मैंने जब ‘जोशीला’ देखी, तो मुझे लगा कि मैं यह काम कर सकता हूं. कितना अच्छा लगता होगा हीरो बनने में! यहीं से मेरे ख्वाबों का सिलसिला शुरू हुआ. लेकिन माता-पिता की मौत हो जाने के बाद मैंने तय किया कि मैं फिल्में बनाऊंगा ताकि मेरे माता-पिता कहीं सितारों में भी बैठ कर मेरी फिल्म देखें और कहें मेरे बेटे की फिल्म वॉल ऑफ चाइना ही नहीं, दुनिया के सारे अजूबों से सुंदर है.
सिनेमा की ओर पहला कदम कब उठाया ?
मैंने शुरुआत टेलीविजन से की. फिर धीरे-धीरे फिल्मों से जुड़ा. शुरुआती दौर में विवेक वासवानी और धर्मेद्र जी ने मेरी काफी मदद की और मुझे फिल्म मिली ‘दिल आशना’ है, जिसे हेमा मालिनी ने निर्देशित किया था. शुरुआती दौर में ‘फौजी’, ‘दिल दरिया’,‘सर्कस’ जैसे शो किये फिर एक इंगलिश लैंग्वेज की फिल्म भी की.
क्या असफलताओं का भी सामना किया ? पहली असफलता?
मैं असफलताओं को भी अपनी सफलता मानता हूं. हर किसी की जिंदगी में असफलता तो होती ही है. शुरुआती दौर में लोग मुझे कहते थे कि चेहरा नहीं है. ये कैसे हीरो बन सकता है. दिल्ली से आया है. मुंबई का भी नहीं है. कामयाब नहीं हो पायेगा. शुरुआती दौर में फिल्मों में काम नहीं मिलता था. लेकिन मैं खुशनसीब हूं कि कुंदन शाह, हेमा मालिनी और फिर यश चोपड़ा जैसे निर्देशकों ने मेरी काबिलियत को पहचाना और मुझे आगे बढ़ने का मौका दिया.
पहला सेलिब्रिटी एक्सपीरियंस
‘दिल आशना है’ रिलीज हुई थी और मेरे बारे में अखबारों में तरह-तरह की बातें आने लगी थीं. वह सारी बातें भी, जो मैंने हेमा मालिनी जी के बारे में कभी नहीं कही थी. मैं डरा हुआ था. मैंने हेमा जी को फोन किया कि अखबार में जो छपा है, मैंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा. हेमा जी ने उस दिन कहा कि शाहरुख अब तुम सेलिब्रिटी हो और ऐसी बातें तुम्हारे बारे में अब छपती रहा करेंगी. इन बातों की फिक्र मत करो. अखबार में आयी खबरों से हमारे रिश्तों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उस दिन मैंने जाना कि सेलिब्रिटी की जिंदगी में अचानक कितने लोगों की मौजूदगी हो जाती है और आप चाहे न चाहें पब्लिक फिगर बनने के बाद आपके बारे में हर तरह की बातें अखबार में छपेगी. और आपको इन सबको टैकल करना होगा.