अहमदाबाद: अपनी पहली ही किताब से युवाओं के दिल में अपने लिए जगह बनने वाले चेतन भगत की गुजरात हाईकोर्ट ने निंदा की है. लेखक चेतन भगत की किताब "थ्री मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ" की निंदा कोर्ट ने किताब की भाषा को लेकर की है. कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि चेतन भगत अपनी पुस्तक की भाषा में अश्लील शब्दों का उपयोग करते हैं.
इस याचिका में हाल ही रिलीज बॉलीवुड फिल्म काई पो चे में कथित रूप से हिंदुओं को 2002 के गुजरात दंगों के लिए दोषियों के तौर पर पेश करने को लेकर आपत्ति जताई गई है. याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि यह फिल्म भगत की पुस्तक पर आधारित है. वकील ने संसर बोर्ड से इस फिल्म को दिए गए सर्टीफिकेट को निरस्त किए जाने की मांग की क्योंकि इस फिल्म में हिंदुओं को पक्षपातपूर्ण तरीके से दिखाया गया है. वकील ने सीजे को "थ्री मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ" की एक कॉपी भी दी. सीजे ने वह पैरा भी पढ़ा जिसमें दंगों का विवरण है. सीजे ने कहा,भाषा शालीन नहीं है. कोई शालीन लेखक इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल नहीं करता. यह भाषा अश्लील है.
हिंदुओं को दंगाइयों की तरह पेश किए जाने पर आपत्ति जताते हुए याचिका में दावा किया गया है कि सिनेमेटोग्रेफिक एक्ट के सेक्शन5 बी के तहत इस पर प्रतिबंध है और सेंसर बोर्ड ने गलत तरीके से इस फिल्म को सर्टीफिकेट जारी कर दिया है. याचिका में सर्टीफिकेट निरस्त करने व इसकी डीवीडी के जारी करने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की.